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Muzaffarpur News : 'अफसरों ने कहा था- नौकरी करना है तो आइए.. नहीं तो सस्पेंड करेंगे'

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Published : Jan 17, 2023, 7:41 PM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर में छापेमारी करने गए उत्पाद विभाग के सिपाही की मौत हो गई. इस मामले में नया मोड़ आ गया है. मृतक सिपाही के साथी शराब माफिया से झड़प के दौरान शहीद होने का दावा कर रहे हैं, वहीं विभाग के सिपाहियों का ये भी दावा है कि उन्हें नौकरी जाने का डर दिखाकर रेड में शामिल करवाया गया. जबकि छापेमारी से पहले उन्हें उस इलाके के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. वहीं, दूसरी ओर इस मामले में पुलिस का कुछ अलग ही दावा है. पढ़ें पूरी खरबर

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मुजफ्फरपुर: सोमवार की रात 10 बजे का वक्त था. मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग के सभी जवान खाना खाने के बाद सो रहे थे. तभी उनके मोबाइल पर एक मैसेज आता है. 'रात को 20 लड़के तैयार रहो मुजफ्फरपुर में लोकल रेड के लिए जाना है.' बहुत से सिपाही सो गए थे. लेकिन जो जाग रहे थे वो एक मैसेज सुनकर विचलित थे. डिपार्टमेंट का मैसेज साफ था कि जो इस रेड में शामिल नहीं होगा उसकी नौकरी चली जाएगी. मृतक उत्पाद सिपाही दीपक की छुट्टी थी लेकिन इसी डर से वो छापेमारी की टीम (Raid on Liquor Mafia in Muzaffarpur ) में शामिल हो गया.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News : उत्पाद टीम के जवान की मौत, बूढ़ी गंडक नदी में शव मिला.. शराब तस्करों को पकड़ने गई थी टीम

'बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई' : सोमवार की रात 11 बजे सकरा थाना क्षेत्र के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे शराब माफिया की भट्टी चलती हैं, जिसे रंगे हाथ दबोचने के लिए उत्पाद विभाग ने प्लान बनाया हुआ था. एक्साइज कॉन्स्टेबल अभिषेक कुमार ने बताया कि हम सभी मैसेज देखकर तैयार हो गए. हमारे साथ एक्साइज एएसआई रामानंद थे. हम तीन लोग जिसमें मृतक दीपक भी साथ था, गंडक नदी के कछार में पहुंचे. वहां पर हमारी टीमें तीन भाग में बंट चुकी थी. टीम के कुछ लोग नदी के पार दूसरी ओर से शराब माफिया को घेर रहे थे. हम तीन लोग गंडक के किनारे दरधा पुल के पास पहुंचे, जहां देखा कि 1 किलोमीटर की दूरी पर रोशनी हो रही थी. हमारे टीम में मौजूद साथी ने कहा कि वहां शराब बन रही है. हम लोग धीरे-धीरे उस लाइट की ओर दबे पांव बढ़े. लेकिन, बूट की आवाज सुनकर शराब माफिया अलर्ट हो गए.

बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई
बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई

साथी सिपाही के दावे में कितना दम? : सिपाही अभिषेक ने बताया कि शराब माफिया टार्च जलाकर चारों तरफ देखने लगे. थोड़ी ही देर में हम लोग उनके पास पहुंच गए. हमें देखकर शराब माफिया भागने लगे. संख्या में वो 2 ही थे और हम तीन . मैने देखा कि कॉन्स्टेबल दीपक (मृतक) ने दोनों शराब माफियाओं को दबोच लिया है. लेकिन भट्टी एकदम नदी की ढाल पर थी. इलाका हम लोगों के लिए नया था. इसलिए, वहां अंदाजा नहीं लग पाया. इसी का फायदा उठाकर शराब तस्करों ने दीपक को पानी में खींच लिया. पानी में थोड़ी देर तक झड़प हुई फिर दोनों माफिया नाव पर चढ़ कर आंखों से ओझल हो गए लेकिन दीपक पानी की धार में डूबकर मर गया. हमारी टीम उसके आवाज को सुन रही थी लेकिन हम सभी देख नहीं पा रहे थे. सुबह 4 बजे उसकी डेड बॉडी मिली.

''नदी के पार भी हमारी टीम गई थी. दोनों शराब माफिया की दीपक से हाथापाई हो रही थी. नदी के पार भी हमारी टीम गई हुई थी. हमलोगों ने चिल्लाकर बुलाया. शायद दीपक को उनलोगों ने नदी में खींच लिया था. नदी से ही उसने आवाज लगाया कि सर नाव लेकर आइए. लेकिन जब तक हम लोग पहुंचे उसकी आवाज भी शांत हो गई थी. सुबह 4 बजे उसकी डेड बॉडी मिली'' - अभिषेक कुमार, सिपाही, उत्पाद विभाग

क्या बच सकती थी दीपक की जान? : इस मामले में तब नया मोड़ आ गया जब एक सिपाही ने कहा कि आबकारी सिपाहियों के साथ ज्यादती की जाती है. इस रेड में दीपक की जान बच सकती थी. लेकिन, अनदेखी और अनुशासन के अमलीजामा के चलते उसकी मौत हो गई. सिपाही अनिल प्रसाद ने बताया कि उनकी टीम को ये मैसेज दिया गया था कि आप लोगों को नौकरी करनी है तो छापेमारी में जाना होगा. जबकि सिपाही दीपक को सीवान एक दूसरी छापेमारी में मंगलवार को जाना था.

''10:02 मिनट पर मैसेज आया कि आप लोग 10 मिनट में तैयार होकर थाना पहुंचिए लोकल रेड में जाना है. सभी लोग खाना खाकर रेस्ट कर रहे थे. लड़कों के मन में डर भी था, क्योंकि एक्साइज सुप्रीटेंड साहब ने कहा था कि आप लोगों को नौकरी करनी है तो रेड में आना होगा.''- अनिल प्रसाद, सिपाही, उत्पाद विभाग

पुलिस के अनुसार शराब माफिया से झड़प के सबूत नहीं: वहीं मुजफ्फरपुर के डीएसपी मनोज कुमार पांडेय ने ये स्वीकार किया कि सकरा बोचहा थाने के बफर जोन में बूढ़ी गंडक के किनारे छापेमारी की गई थी. उसी दौरान आबकारी विभाग के एक सिपाही की डूबकर मौत हो गई. पुलिस से जब पूछा गया कि क्या शराब माफिया से मृतक सिपाही दीपक की झड़प हुई थी तो उन्होंने कहा कि इस मामले में तथ्यात्मक जांच करेंगे. प्रथम दृष्टया झड़प के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

''मुसहरी-सकरा-बोचहा थाने का जो बफर जोन है वहां बूढ़ी गंडक नदी के सीमांत क्षेत्र में, किनारे वाले क्षेत्र में रेड कंडक्ट किया गया था. उस क्रम में एक आबकारी का जो जवान था उसकी नदी में डूब जाने मृत्यु हो गई है. जो भी तथ्य होंगे हम लोग बिन्दुवार अवलोकन करके जांच करेंगे. लेकिन प्रथम दृष्टया झड़प होने का ऐसा कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है.'' - मनोज कुमार पांडेय, डीएसपी, मुजफ्फरपुर

उत्पाद विभाग के सिपाह की हत्या या मौत? : बड़ा सवाल इस बात का है कि दीपक की हत्या हुई है या फिर मौत? ऐसा इसलिए क्योंकि इस मामले में कई वो सवाल हैं जिसके जवाब आना अभी बाकी हैं. मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग ने छापेमारी की तो क्या बिना तैयारी के ही गंडक के कछार में कूद गए? उत्पाद विभाग ने ऐसे हालात से निपटने के लिए कोई बैकअप प्लान नहीं बनाया था? अपने सिपाही को बचाने के लिए टीम के सदस्यों ने क्या किया? और वो दो शराब माफिया कौन थे जिनको गिरफ्तार करने के लिए उत्पाद विभाग की टीम बूढ़ी गंडक के कछार की खाक छान रही थी. सबसे अंतिम और आखिरी सवाल ये कि क्या यूं ही अनुशासनहीनता के नाम पर सिपाहियों से ज्यादती होती रहेगी. इन सवालों का जवाब मुजफ्फरपुर पुलिस को भी ढूंढना होगा.

मुजफ्फरपुर: सोमवार की रात 10 बजे का वक्त था. मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग के सभी जवान खाना खाने के बाद सो रहे थे. तभी उनके मोबाइल पर एक मैसेज आता है. 'रात को 20 लड़के तैयार रहो मुजफ्फरपुर में लोकल रेड के लिए जाना है.' बहुत से सिपाही सो गए थे. लेकिन जो जाग रहे थे वो एक मैसेज सुनकर विचलित थे. डिपार्टमेंट का मैसेज साफ था कि जो इस रेड में शामिल नहीं होगा उसकी नौकरी चली जाएगी. मृतक उत्पाद सिपाही दीपक की छुट्टी थी लेकिन इसी डर से वो छापेमारी की टीम (Raid on Liquor Mafia in Muzaffarpur ) में शामिल हो गया.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News : उत्पाद टीम के जवान की मौत, बूढ़ी गंडक नदी में शव मिला.. शराब तस्करों को पकड़ने गई थी टीम

'बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई' : सोमवार की रात 11 बजे सकरा थाना क्षेत्र के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे शराब माफिया की भट्टी चलती हैं, जिसे रंगे हाथ दबोचने के लिए उत्पाद विभाग ने प्लान बनाया हुआ था. एक्साइज कॉन्स्टेबल अभिषेक कुमार ने बताया कि हम सभी मैसेज देखकर तैयार हो गए. हमारे साथ एक्साइज एएसआई रामानंद थे. हम तीन लोग जिसमें मृतक दीपक भी साथ था, गंडक नदी के कछार में पहुंचे. वहां पर हमारी टीमें तीन भाग में बंट चुकी थी. टीम के कुछ लोग नदी के पार दूसरी ओर से शराब माफिया को घेर रहे थे. हम तीन लोग गंडक के किनारे दरधा पुल के पास पहुंचे, जहां देखा कि 1 किलोमीटर की दूरी पर रोशनी हो रही थी. हमारे टीम में मौजूद साथी ने कहा कि वहां शराब बन रही है. हम लोग धीरे-धीरे उस लाइट की ओर दबे पांव बढ़े. लेकिन, बूट की आवाज सुनकर शराब माफिया अलर्ट हो गए.

बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई
बूढ़ी गंडक की धारा में शराब माफिया से सिपाही की हाथापाई

साथी सिपाही के दावे में कितना दम? : सिपाही अभिषेक ने बताया कि शराब माफिया टार्च जलाकर चारों तरफ देखने लगे. थोड़ी ही देर में हम लोग उनके पास पहुंच गए. हमें देखकर शराब माफिया भागने लगे. संख्या में वो 2 ही थे और हम तीन . मैने देखा कि कॉन्स्टेबल दीपक (मृतक) ने दोनों शराब माफियाओं को दबोच लिया है. लेकिन भट्टी एकदम नदी की ढाल पर थी. इलाका हम लोगों के लिए नया था. इसलिए, वहां अंदाजा नहीं लग पाया. इसी का फायदा उठाकर शराब तस्करों ने दीपक को पानी में खींच लिया. पानी में थोड़ी देर तक झड़प हुई फिर दोनों माफिया नाव पर चढ़ कर आंखों से ओझल हो गए लेकिन दीपक पानी की धार में डूबकर मर गया. हमारी टीम उसके आवाज को सुन रही थी लेकिन हम सभी देख नहीं पा रहे थे. सुबह 4 बजे उसकी डेड बॉडी मिली.

''नदी के पार भी हमारी टीम गई थी. दोनों शराब माफिया की दीपक से हाथापाई हो रही थी. नदी के पार भी हमारी टीम गई हुई थी. हमलोगों ने चिल्लाकर बुलाया. शायद दीपक को उनलोगों ने नदी में खींच लिया था. नदी से ही उसने आवाज लगाया कि सर नाव लेकर आइए. लेकिन जब तक हम लोग पहुंचे उसकी आवाज भी शांत हो गई थी. सुबह 4 बजे उसकी डेड बॉडी मिली'' - अभिषेक कुमार, सिपाही, उत्पाद विभाग

क्या बच सकती थी दीपक की जान? : इस मामले में तब नया मोड़ आ गया जब एक सिपाही ने कहा कि आबकारी सिपाहियों के साथ ज्यादती की जाती है. इस रेड में दीपक की जान बच सकती थी. लेकिन, अनदेखी और अनुशासन के अमलीजामा के चलते उसकी मौत हो गई. सिपाही अनिल प्रसाद ने बताया कि उनकी टीम को ये मैसेज दिया गया था कि आप लोगों को नौकरी करनी है तो छापेमारी में जाना होगा. जबकि सिपाही दीपक को सीवान एक दूसरी छापेमारी में मंगलवार को जाना था.

''10:02 मिनट पर मैसेज आया कि आप लोग 10 मिनट में तैयार होकर थाना पहुंचिए लोकल रेड में जाना है. सभी लोग खाना खाकर रेस्ट कर रहे थे. लड़कों के मन में डर भी था, क्योंकि एक्साइज सुप्रीटेंड साहब ने कहा था कि आप लोगों को नौकरी करनी है तो रेड में आना होगा.''- अनिल प्रसाद, सिपाही, उत्पाद विभाग

पुलिस के अनुसार शराब माफिया से झड़प के सबूत नहीं: वहीं मुजफ्फरपुर के डीएसपी मनोज कुमार पांडेय ने ये स्वीकार किया कि सकरा बोचहा थाने के बफर जोन में बूढ़ी गंडक के किनारे छापेमारी की गई थी. उसी दौरान आबकारी विभाग के एक सिपाही की डूबकर मौत हो गई. पुलिस से जब पूछा गया कि क्या शराब माफिया से मृतक सिपाही दीपक की झड़प हुई थी तो उन्होंने कहा कि इस मामले में तथ्यात्मक जांच करेंगे. प्रथम दृष्टया झड़प के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

''मुसहरी-सकरा-बोचहा थाने का जो बफर जोन है वहां बूढ़ी गंडक नदी के सीमांत क्षेत्र में, किनारे वाले क्षेत्र में रेड कंडक्ट किया गया था. उस क्रम में एक आबकारी का जो जवान था उसकी नदी में डूब जाने मृत्यु हो गई है. जो भी तथ्य होंगे हम लोग बिन्दुवार अवलोकन करके जांच करेंगे. लेकिन प्रथम दृष्टया झड़प होने का ऐसा कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है.'' - मनोज कुमार पांडेय, डीएसपी, मुजफ्फरपुर

उत्पाद विभाग के सिपाह की हत्या या मौत? : बड़ा सवाल इस बात का है कि दीपक की हत्या हुई है या फिर मौत? ऐसा इसलिए क्योंकि इस मामले में कई वो सवाल हैं जिसके जवाब आना अभी बाकी हैं. मुजफ्फरपुर उत्पाद विभाग ने छापेमारी की तो क्या बिना तैयारी के ही गंडक के कछार में कूद गए? उत्पाद विभाग ने ऐसे हालात से निपटने के लिए कोई बैकअप प्लान नहीं बनाया था? अपने सिपाही को बचाने के लिए टीम के सदस्यों ने क्या किया? और वो दो शराब माफिया कौन थे जिनको गिरफ्तार करने के लिए उत्पाद विभाग की टीम बूढ़ी गंडक के कछार की खाक छान रही थी. सबसे अंतिम और आखिरी सवाल ये कि क्या यूं ही अनुशासनहीनता के नाम पर सिपाहियों से ज्यादती होती रहेगी. इन सवालों का जवाब मुजफ्फरपुर पुलिस को भी ढूंढना होगा.

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