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मुजफ्फरपुर की 'किसान चाची' को मिला पद्मश्री पुरस्कार, जिले को समर्पित किया सम्मान - Padmashri Award

जिले की राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को भारत सरकार की ओर से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उन्होंने यह सम्मान जिले को समर्पित किया.

राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
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Published : Mar 11, 2019, 9:53 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले की राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को भारत सरकार की ओर से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपनी उपलब्धि पर किसान चाची बेहद खुश हैं. उनके घर अब बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

2007 से किसान चाची का नाम मिला
90 के दशक से खेती करती राजकुमारी देवी बीते दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि 1990 से खेती शुरू की. 2006 तक तो राजकुमारी देवी के नाम से ही परिचित थी लेकिन 2007 से किसान चाची का नाम मिला. शुरुआती दौर में लोगों की कई बाते भी सुनने को मिली पर मैने अपने काम से जवाब देना जरुरी समझा, और आज पुरस्कार पाकर बेहद खुशी हो रही है.

बनीं हजारों महिलाओं की रोल मॉडल
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची अब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है.सबसे पहले 2003 में किसान चाची को कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया. उसके बाद 2007 में किसान श्री का सम्मान मिला,और फिर उसके बाद राजकुमारी देवी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची

पद्म पुरस्कार पूरे बिहार की उपलब्धि
पद्म पुरस्कार मिलने पर किसान चाची कहती हैं कि यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे बिहार की उपलब्धि है. महिला पुरुष की बंदिशों से उपर उठकर किसान चाची कहती हैं कि अपनी मेहनत और लगन से हासिल की गई यह उपलब्धि बेहद खुशी दे रही है.

मुजफ्फरपुर: जिले की राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को भारत सरकार की ओर से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपनी उपलब्धि पर किसान चाची बेहद खुश हैं. उनके घर अब बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

2007 से किसान चाची का नाम मिला
90 के दशक से खेती करती राजकुमारी देवी बीते दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि 1990 से खेती शुरू की. 2006 तक तो राजकुमारी देवी के नाम से ही परिचित थी लेकिन 2007 से किसान चाची का नाम मिला. शुरुआती दौर में लोगों की कई बाते भी सुनने को मिली पर मैने अपने काम से जवाब देना जरुरी समझा, और आज पुरस्कार पाकर बेहद खुशी हो रही है.

बनीं हजारों महिलाओं की रोल मॉडल
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची अब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है.सबसे पहले 2003 में किसान चाची को कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया. उसके बाद 2007 में किसान श्री का सम्मान मिला,और फिर उसके बाद राजकुमारी देवी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची

पद्म पुरस्कार पूरे बिहार की उपलब्धि
पद्म पुरस्कार मिलने पर किसान चाची कहती हैं कि यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे बिहार की उपलब्धि है. महिला पुरुष की बंदिशों से उपर उठकर किसान चाची कहती हैं कि अपनी मेहनत और लगन से हासिल की गई यह उपलब्धि बेहद खुशी दे रही है.

Intro:बिहार के मुजफ्फरपुर के राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह फूले नहीं समा पा रही है आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा हुआ है बात करने के दौरान जब अपने पुराने दिनों को याद करती है तो उनके आंसू छलक पढ़ रहा है जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थी तो उन्हें उनके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहुत ताने भी सुनने पड़े थे जो हंस केजे लेती थी आज पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही है खासकर महिलाओं को
बाइट्स राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है 1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही है सबसे पहले 2003 में किसान चाची को श्रेय में कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया 2007 में किसान श्री का सामान मिला पदम श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है सरकार के पास बहुत प्रपोजल है इस पर भी काम होना चाहिए मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को जरूर उचित मंच पर उठाऊंगी किसान चाची के अचार को महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आहना की है किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोकांची शान चाची के नाम से जानते हैं गरीब घर में राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी राजकुमारी देवी ने खेती करना शुरू की और पपीता की खेती पर अपने खेत में जाकर अपना अचार बनाकर और बाजार में बेचना शुरू किय

जब राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने जब अपनी गरीबी को देखा तो उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रख खेती करना शुरू की और अपने खेत में उड़ जाए हुए और पपीते का अचार बनाकर साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया तो समाज के लोग ताने देने लगे और नतीजा यह हुआ कि अपने सभी लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे जब उन्हें पदम श्री पुरस्कार से नवाजा गया था इस घोषणा को सुनने के बाद उनके साथ उनके परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा है किसान चाची हां चाची की कहानी सुनाने की कोशिश करते हैं


Body:बिहार के मुजफ्फरपुर के राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह फूले नहीं समा पा रही है आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा हुआ है बात करने के दौरान जब अपने पुराने दिनों को याद करती है तो उनके आंसू छलक पढ़ रहा है जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थी तो उन्हें उनके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहुत ताने भी सुनने पड़े थे जो हंस केजे लेती थी आज पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही है खासकर महिलाओं को
बाइट्स राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है 1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही है सबसे पहले 2003 में किसान चाची को श्रेय में कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया 2007 में किसान श्री का सामान मिला पदम श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है सरकार के पास बहुत प्रपोजल है इस पर भी काम होना चाहिए मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को जरूर उचित मंच पर उठाऊंगी किसान चाची के अचार को महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आहना की है किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोकांची शान चाची के नाम से जानते हैं गरीब घर में राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी राजकुमारी देवी ने खेती करना शुरू की और पपीता की खेती पर अपने खेत में जाकर अपना अचार बनाकर और बाजार में बेचना शुरू किय

जब राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने जब अपनी गरीबी को देखा तो उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रख खेती करना शुरू की और अपने खेत में उड़ जाए हुए और पपीते का अचार बनाकर साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया तो समाज के लोग ताने देने लगे और नतीजा यह हुआ कि अपने सभी लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे जब उन्हें पदम श्री पुरस्कार से नवाजा गया था इस घोषणा को सुनने के बाद उनके साथ उनके परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा है किसान चाची हां चाची की कहानी सुनाने की कोशिश करते हैं


Conclusion:बिहार के मुजफ्फरपुर के राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची को पदम श्री अवार्ड भारत सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा के बाद उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह फूले नहीं समा पा रही है आज उनके घरों पर बधाई देने वाले लोगों का ताता लगा हुआ है बात करने के दौरान जब अपने पुराने दिनों को याद करती है तो उनके आंसू छलक पढ़ रहा है जब वह घर की दहलीज से बाहर कदम रख रही थी तो उन्हें उनके परिवार के लोगों को समाज के द्वारा बहुत ताने भी सुनने पड़े थे जो हंस केजे लेती थी आज पूरे समाज के लोगों को एक संदेश दे रही है खासकर महिलाओं को
बाइट्स राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची
किसानों के बीच क्रांति की अलख जगाने वाली किसान चाची जब हजारों महिलाओं की रोल मॉडल है 1990 से राजकुमारी देवी खेती करती आ रही है सबसे पहले 2003 में किसान चाची को श्रेय में कृषि मेला के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पुरस्कृत किया 2007 में किसान श्री का सामान मिला पदम श्री की घोषणा पर किसान चाची ने कहा कि यह सम्मान पूरे बिहार के किसानों को मिला है किसान चाची का कहना है कि किसानों की हालत अच्छी नहीं है सरकार के पास बहुत प्रपोजल है इस पर भी काम होना चाहिए मुझे मौका मिला तो मैं किसान की समस्या को जरूर उचित मंच पर उठाऊंगी किसान चाची के अचार को महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आहना की है किसान चाची को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड की रहने वाली राजकुमारी देवी को लोकांची शान चाची के नाम से जानते हैं गरीब घर में राजकुमारी देवी की शादी किसान परिवार में हुई थी राजकुमारी देवी ने खेती करना शुरू की और पपीता की खेती पर अपने खेत में जाकर अपना अचार बनाकर और बाजार में बेचना शुरू किय

जब राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने जब अपनी गरीबी को देखा तो उन्हें घर की दहलीज से बाहर कदम रख खेती करना शुरू की और अपने खेत में उड़ जाए हुए और पपीते का अचार बनाकर साइकिल से ले जाकर लोगों के बीच में बेचना शुरू किया तो समाज के लोग ताने देने लगे और नतीजा यह हुआ कि अपने सभी लोग उन्हें तिरस्कृत करने लगे जब उन्हें पदम श्री पुरस्कार से नवाजा गया था इस घोषणा को सुनने के बाद उनके साथ उनके परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना ना रहा है किसान चाची हां चाची की कहानी सुनाने की कोशिश करते हैं
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