पटनाः बिहार के दर्जनों जिले इन दिनों बाढ़ (Flood In Bihar) की चपेट में हैं. मुजफ्फरपुर जिले के भी सात प्रखंड पूरी तरह बाढ़ प्रभावित हैं. तस्वीरें मीनापुर प्रखंड (Minapur Block) की है, जहां गांव में सैलाब आया है. बूढ़ी गंडक (Burhi Gandak river) नदी से आ रहे पानी के कारण हालात और बिगड़ते ही जा रहे हैं, वहीं प्रशासन बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. स्थानीय राजद विधायक मुन्ना यादव (RJD MLA Munana Yadav) ने भी सरकार पर निशाना साधा है.
इसे भी पढ़ें- Flood in Muzaffarpur: मिल्की डायवर्सन पर चढ़ा बाढ़ का पानी, मुजफ्फरपुर-शिवहर रोड बंद
"जनता त्राहिमाम है और सत्ताधारी नेता मस्त हैं. जिले के लोग इस समय दो-दो मार झेल रहे हैं. एक तो कोरोना का दंश है ही, दूसरे इस बाढ़ ने जीना मुहाल कर दिया है. इस बाढ़ में न नाव की व्यवस्था की गई है और न ही पॉलिथीन की व्यवस्था की गई है. आधी से ज्यादा आबादी बाढ़ से घिरी हुई है. पॉलिथीन आपूर्ती के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की जा रही है. लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था और पशु चारे की व्यवस्था भी न के बराबर है."- मुन्ना यादव, विधायक, मीनापुर
इसे भी पढ़ें- Flood in Muzaffarpur : बाढ़ के कारण कई गांव जलमग्न, ऊंची जगहों पर शरण लेने के लिए लोगों का पलायन
मीनापुर विधायक ने कहा कि संकट के समय जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुई है. विधायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे के भीतर उनके क्षेत्र में राहत कार्य की स्थिति नहीं सुधरी तो वे कोविड प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जिला मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि बाढ़ की विभीषिका के बीच मीनापुर विधायक ने बड़ा भरती समेत आठ बाढ़ प्रभावित पंचायतों का निरीक्षण किया है.
बताते चलें कि बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है. जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं. लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं. लोगों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है. उत्तरी बिहार और नेपाल में हो रही बारिश के कारण कोसी, कमला, बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक जैसी नदियां इन दिनों अपना रौद्र रुप धारण की हुई है.
इसे भी पढ़ें- ऐसा बिहार में ही संभव है..! पुल है लेकिन एप्रोच पथ नहीं, नाव ही सहारा
ये भी पढ़ें- Wedding in Flood : नाव से ससुराल पहुंचा दूल्हा, हिचकोले खाते दुल्हन लेकर लौटा घर