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मुजफ्फरपुर: अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य, घाटों पर दिखी व्यापक सुरक्षा - छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

छठ पर्व को लेकर मान्यता है कि सूर्य की एक पत्नी जिसका नाम प्रत्यूषा है, उन्हें ही यह अर्घ्य दिया जाता है. इसके अलावा संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते है. कहा जाता है कि इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और आयु लंबी होती है साथ ही आर्थिक संपन्नता आती है.

डूबते सूर्य को दिया गया अर्ध्य
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Published : Nov 2, 2019, 5:19 PM IST

मुजफ्फरपुर: लोकआस्था के महापर्व छठ का शनिवार को तीसरा दिन है. शाम में छठ का पहला अर्घ्य दिया गया और ये अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है. इस दौरान जल में दूध डालकर सूर्य की आखिरी किरण को छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया.

first arghya was completed in muzaffarpur
डूबते सूर्य को दिया गया अर्ध्य

छठ का पहला अर्घ्य का हुआ समापन
जिले में बड़े धूमधाम से लोक आस्था के महापर्व मनाया जा रहा है. बूढ़ी गंडक नदी के किनारे छठव्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया. इस दौरान पूरे घाट पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. इसके साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को तैनात किया गया है.

लोकआस्था के महापर्व छठ के पहले अर्घ्य का हुआ समापन

लोगों में दिखा उत्साह का माहौल
बता दें कि छठ पर्व को लेकर मान्यता है कि सूर्य की एक पत्नी जिसका नाम प्रत्यूषा है उन्हें ही यह अर्घ्य दिया जाता है. इसके अलावा संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते है. कहा जाता है कि इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और आयु लंबी होती है साथ ही आर्थिक सम्पन्नता आती है.

मुजफ्फरपुर: लोकआस्था के महापर्व छठ का शनिवार को तीसरा दिन है. शाम में छठ का पहला अर्घ्य दिया गया और ये अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है. इस दौरान जल में दूध डालकर सूर्य की आखिरी किरण को छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया.

first arghya was completed in muzaffarpur
डूबते सूर्य को दिया गया अर्ध्य

छठ का पहला अर्घ्य का हुआ समापन
जिले में बड़े धूमधाम से लोक आस्था के महापर्व मनाया जा रहा है. बूढ़ी गंडक नदी के किनारे छठव्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया. इस दौरान पूरे घाट पर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए. इसके साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को तैनात किया गया है.

लोकआस्था के महापर्व छठ के पहले अर्घ्य का हुआ समापन

लोगों में दिखा उत्साह का माहौल
बता दें कि छठ पर्व को लेकर मान्यता है कि सूर्य की एक पत्नी जिसका नाम प्रत्यूषा है उन्हें ही यह अर्घ्य दिया जाता है. इसके अलावा संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते है. कहा जाता है कि इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और आयु लंबी होती है साथ ही आर्थिक सम्पन्नता आती है.

Intro:छठ के महापर्व का आज तीसरा दिन है।  आज छठ का पहला अर्घ्य दिया गया और ये अस्ताचलगायी सूर्य को दिया जाता है।  जल में दूध डालकर सूर्य की आखिरी किरण को अर्घ्य दिया जाता है।Body:मुज़फ्फरपुर जिले में बड़ी धूमधाम से लोक आस्था के महापर्व मनाया जा रहा है बूढ़ी गंडक नदी के किनारे छठव्रती ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया इस दौरान पूरे घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे । इसके साथ ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को तैनात किया गया है । ऐसी मान्यता है कि सूर्य की एक पत्नी जिसका नाम प्रत्यूषा है उन्हें ही ये अर्घ्य दिया जाता है।Conclusion:संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते है। कहा जाता है कि इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है और आयु लंबी होती है साथ ही आर्थिक सम्पन्नता आती है।
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