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खेतों में जलजमाव से संकट में अन्नदाता, नहीं हो पा रही गेहूं की बुआई - मुजफ्फरपुर में जलजमाव

जल जमाव वाले क्षेत्रों में इस बार गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के लिए अभी भी किसान पानी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं. इस बार जिले में जल जमाव के कारण हालत बिगड़े हुए हैं.

मुजफ्फरपुर
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Published : Nov 29, 2020, 3:44 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले में बाढ़ का दंश झेल चुके किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. धान की फसल बाढ़ में नष्ट होने के बाद, अब गेहूं की फसल बुआई पर भी बाढ़ का असर दिख रहा है. पहले इस समय तक मक्का और गेहूं की फसल बुआई शुरू हो जाती थी. लेकिन इस साल स्थिति पूरी तरह उलट है. जिले में सभी प्रखंडों के एक बड़े भूभाग पर जलजमाव की वजह से रबी फसल बुआई में परेशानी हो रही है.

जलजमाव से हो रही परेशानी
वहीं, इस बार जिले में लगभग 90 हजार हेक्टेयर में गेंहू की खेती का लक्ष्य रखा गया है. जिसको लेकर जिले में किसानों की सक्रियता गेहूं की बुआई को लेकर बढ़ गई है. जिन इलाकों में जल जमाव के हालात नहीं है, वहां पर गेहूं की बुआई अब अपने चरम पर है, लेकिन जल जमाव वाले क्षेत्रों में इस बार गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के लिए अभी भी किसान पानी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं. इस बार जिले में जल जमाव के कारण हालत बिगड़े हुए हैं, जिसकी वजह से जिले में किसानों को गेहूं के बीज और उर्वरक मिलने में फिलहाल कोई परेशानी नहीं हो रही है. किसानों की सुविधा के लिए जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में बने कृषि भवन के जरिये अनुदानित बीज और खाद की आपूर्ति सामान्य रूप से हो रही है.

muzaffarpur
जलजमाव से परेशान किसान

रबी फसल का निर्धारित लक्ष्य

  • गेहूं- 90 हजार हेक्टेयर
  • मक्का- 21 हजार हेक्टेयर
  • चना- 1000 हेक्टेयर
  • मटर- 800 हेक्टेयर
  • सरसो- 8000 हेक्टेयर
  • आलू- 5000 हेक्टेयर

जिले में जल जमाव के संकट के कारण लेट तक गेहूं की बुआई की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, बार खेतों में पानी लगे होने की वजह से तिलहन, दलहन और आलू की बुआई भी पिछले साल की तुलना में 30 से 40 फीसदी तक कम होने का अनुमान जताया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर: जिले में बाढ़ का दंश झेल चुके किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. धान की फसल बाढ़ में नष्ट होने के बाद, अब गेहूं की फसल बुआई पर भी बाढ़ का असर दिख रहा है. पहले इस समय तक मक्का और गेहूं की फसल बुआई शुरू हो जाती थी. लेकिन इस साल स्थिति पूरी तरह उलट है. जिले में सभी प्रखंडों के एक बड़े भूभाग पर जलजमाव की वजह से रबी फसल बुआई में परेशानी हो रही है.

जलजमाव से हो रही परेशानी
वहीं, इस बार जिले में लगभग 90 हजार हेक्टेयर में गेंहू की खेती का लक्ष्य रखा गया है. जिसको लेकर जिले में किसानों की सक्रियता गेहूं की बुआई को लेकर बढ़ गई है. जिन इलाकों में जल जमाव के हालात नहीं है, वहां पर गेहूं की बुआई अब अपने चरम पर है, लेकिन जल जमाव वाले क्षेत्रों में इस बार गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के लिए अभी भी किसान पानी के सूखने का इंतजार कर रहे हैं. इस बार जिले में जल जमाव के कारण हालत बिगड़े हुए हैं, जिसकी वजह से जिले में किसानों को गेहूं के बीज और उर्वरक मिलने में फिलहाल कोई परेशानी नहीं हो रही है. किसानों की सुविधा के लिए जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयों में बने कृषि भवन के जरिये अनुदानित बीज और खाद की आपूर्ति सामान्य रूप से हो रही है.

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जलजमाव से परेशान किसान

रबी फसल का निर्धारित लक्ष्य

  • गेहूं- 90 हजार हेक्टेयर
  • मक्का- 21 हजार हेक्टेयर
  • चना- 1000 हेक्टेयर
  • मटर- 800 हेक्टेयर
  • सरसो- 8000 हेक्टेयर
  • आलू- 5000 हेक्टेयर

जिले में जल जमाव के संकट के कारण लेट तक गेहूं की बुआई की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, बार खेतों में पानी लगे होने की वजह से तिलहन, दलहन और आलू की बुआई भी पिछले साल की तुलना में 30 से 40 फीसदी तक कम होने का अनुमान जताया जा रहा है.

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