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कोरोना अनुदान में गड़बड़ी: मृतकों की लिस्ट में जीवित का नाम, मंजू ने कहा- जिंदा हूं मैं

बिहार के मुजफ्फरपुर में कोरोना अनुदान में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है. आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की अनुदान सूची में कोरोना मृतकों की लिस्ट में जिंदा लोगों के नाम शामिल करने का खेल सामने आया है. पढ़ें पूरी खबर...

जिंदा हूं मैं
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Published : Sep 17, 2021, 9:05 AM IST

Updated : Sep 17, 2021, 2:43 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में कुछ लोगों ने आपदा को अवसर में बदलने का काम शुरू कर दिया है, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है. ऐसा ही एक प्रकरण मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में सामने आया है. यहां कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Infection) से मरने वालों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे 4 लाख रुपये की अनुदान राशि में फर्जीवाड़ा सामने आया है.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव के नामांकन में जमकर उड़ी कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां, नियमों का पालन कराने वाले भी लापरवाह

मुजफ्फरपुर में घपलेबाजों द्वारा जिंदा लोगों का डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर उनके नाम पर अनुदान का आवंटन मंगवा लिया गया, लेकिन पैसे के भुगतान से पहले भौतिक सत्यापन में इसका खुलासा होने के बाद भुगतान के मामले को फिलहाल जांच होने तक रोक दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सूची में गड़बड़ी का खेल उजागर होने के बाद आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य महकमे में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है.

देखें वीडियो

मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद फिलहाल इस सूची के आधार पर मृतकों के परिजनों को भुगतान जांच होने तक रोक दिया गया है. हालांकि इस प्रकरण में डीएम ने फिलहाल किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका को खारिज किया है. उन्होंने इसे मानवीय भूल बताया है. मृतकों की लिस्ट में नाम आने पर मंजू देवी नाम की महिला ने आवेदन दिया है. अंचलाधिकारी को दिए आवेदन में मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र की महिला ने कहा है कि कोरोना के मृतकों की सूची में मेरा नाम क्रमांक 61 पर है. यह गलत है. मैं जीवित हूं.

वहीं, इस प्रकरण में एसकेएमसीएच अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. इस फर्जीवाड़े में कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ्य हो चुके लोगों का अस्पताल से बीएचटी प्राप्त कर लिया गया और उनका डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया गया. 563 मृतकों के नाम कोरोना अनुदान सूची में हैं, जिसमें ऐसे दो लोगों के नाम दर्ज हैं जो अभी जिंदा हैं. इनलोगों ने जिला प्रशासन को अपने जिंदा होने की जानकारी दी है.

"आपदा प्रबंधन विभाग से आई लिस्ट की जांच हमलोगों की तीन सदस्यीय टीम ने किया था. रिपोर्ट में हमने स्पष्ट लिखा था कि भौतिक जांच के बाद ही पैसे का भुगतान किया जाए. भौतिक जांच के दौरान दो लोगों के जीवित होने का मामला सामने आया है. इन्हें पैसे नहीं दिए गए हैं. इसमें फर्जीवाड़ा का मामला नहीं है. कहीं न कहीं मानवीय भूल हुई है."- डॉ विनय कुमार, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

"किसी भी गलत व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया है. मुआवजा पूरी जांच के बाद ही दिया जाता है. इस तरह का कोई प्रकरण नहीं है, जिसमें किसी गलत व्यक्ति को मुआवजा दिया गया हो."- प्रणव कुमार, जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर

यह भी पढ़ें- लोक गायिका मनीषा ने गीत के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी जन्मदिन की बधाई

मुजफ्फरपुर: बिहार में कुछ लोगों ने आपदा को अवसर में बदलने का काम शुरू कर दिया है, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही है. ऐसा ही एक प्रकरण मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में सामने आया है. यहां कोरोना वायरस के संक्रमण (Corona Infection) से मरने वालों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे 4 लाख रुपये की अनुदान राशि में फर्जीवाड़ा सामने आया है.

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मुजफ्फरपुर में घपलेबाजों द्वारा जिंदा लोगों का डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर उनके नाम पर अनुदान का आवंटन मंगवा लिया गया, लेकिन पैसे के भुगतान से पहले भौतिक सत्यापन में इसका खुलासा होने के बाद भुगतान के मामले को फिलहाल जांच होने तक रोक दिया गया है. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सूची में गड़बड़ी का खेल उजागर होने के बाद आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य महकमे में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया है.

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मामला डीएम के संज्ञान में आने के बाद फिलहाल इस सूची के आधार पर मृतकों के परिजनों को भुगतान जांच होने तक रोक दिया गया है. हालांकि इस प्रकरण में डीएम ने फिलहाल किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका को खारिज किया है. उन्होंने इसे मानवीय भूल बताया है. मृतकों की लिस्ट में नाम आने पर मंजू देवी नाम की महिला ने आवेदन दिया है. अंचलाधिकारी को दिए आवेदन में मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र की महिला ने कहा है कि कोरोना के मृतकों की सूची में मेरा नाम क्रमांक 61 पर है. यह गलत है. मैं जीवित हूं.

वहीं, इस प्रकरण में एसकेएमसीएच अस्पताल प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. इस फर्जीवाड़े में कोरोना संक्रमण के बाद स्वस्थ्य हो चुके लोगों का अस्पताल से बीएचटी प्राप्त कर लिया गया और उनका डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया गया. 563 मृतकों के नाम कोरोना अनुदान सूची में हैं, जिसमें ऐसे दो लोगों के नाम दर्ज हैं जो अभी जिंदा हैं. इनलोगों ने जिला प्रशासन को अपने जिंदा होने की जानकारी दी है.

"आपदा प्रबंधन विभाग से आई लिस्ट की जांच हमलोगों की तीन सदस्यीय टीम ने किया था. रिपोर्ट में हमने स्पष्ट लिखा था कि भौतिक जांच के बाद ही पैसे का भुगतान किया जाए. भौतिक जांच के दौरान दो लोगों के जीवित होने का मामला सामने आया है. इन्हें पैसे नहीं दिए गए हैं. इसमें फर्जीवाड़ा का मामला नहीं है. कहीं न कहीं मानवीय भूल हुई है."- डॉ विनय कुमार, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

"किसी भी गलत व्यक्ति को मुआवजा नहीं दिया गया है. मुआवजा पूरी जांच के बाद ही दिया जाता है. इस तरह का कोई प्रकरण नहीं है, जिसमें किसी गलत व्यक्ति को मुआवजा दिया गया हो."- प्रणव कुमार, जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर

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Last Updated : Sep 17, 2021, 2:43 PM IST
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