मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) के लिए मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया. शाम 6 बजे तक 59.20 फीसदी मतदान हुआ है. बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. यह चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. वैसे तो इस चुनाव में बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है, लेकिन एनडीए से अलग हो चुकी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटी है.
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1200 मतदाताओं पर एक बूथ: बोचहां में मतदान संपन्न हो चुका है. 16 अप्रैल को वोटों की गिनती होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक बोचहां उपचुनाव को लेकर करीब 1200 मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया गया है. 1250 मतदाताओं से अधिक मतदाता वाले बूथों के साथ ही सहायक मतदान केंद्र का गठन किया गया है. सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं. मतदान ईवीएम के माध्यम से होगा. सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट भी जोड़े जाएंगे.
चुनावी मैदान में कुल 13 प्रत्याशी: बोचहां सीट पर आरजेडी ने जहां दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को प्रत्याशी बनाया है, वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी पर दांव लगाया है. इसके अलावा वीआईपी ने यहां से पूर्व मंत्री रमई राम की पुत्री गीता कुमारी को चुनावी दंगल में उतार दिया है. इस चुनाव में कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं. एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार के कई मंत्री और केंद्रीय मंत्री इस क्षेत्र का दौरा कर चुनावी प्रचार में हिस्सा ले चुके हैं.
नामांकन से ठीक पहले RJD के हो गए मुसाफिर: वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. कहा जाता है कि वीआईपी अपना प्रत्याशी अमर पासवान को बनाना चाहती थी, लेकिन नामांकन पत्र भरने के ठीक पहले अमर ने आरजेडी का दामन थाम लिया और आरजेडी ने उसे प्रत्याशी बना दिया. बीजेपी ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाया.
मुस्लिम, यादव और भूमिहार निर्णायक वोटर : बोचहां विधानसभा में जातीय समीकरण पर निगाह डाली जाए तो इस सीट पर मुस्लिम, यादव और भूमिहार मतदाता निर्णायक माने जाते हैं, जबकि पासवान, सहनी, रविदास और कोइरी जातियां परिणाम के प्रभावित करने की क्षमता रखती है. वीआईपी पार्टी की उम्मीदवार डॉक्टर गीता नौ बार के विधायक रहे रमई राम की बेटी हैं. रमई राम की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, जिसका लाभ डॉक्टर गीता को मिलता नजर आ रहा है.
बीजेपी को अपने कैडर वोट बैंक पर भरोसा : आरजेडी के उम्मीदवार अमर पासवान के साथ जनता की सहानुभूति मिलना तय माना जा रहा है. उनके पिता मुसाफिर पासवान वीआईपी के विधायक थे और उन्हीं के निधन से उपचुनाव हो रहा है. इधर, बीजेपी की प्रत्याशी बेबी कुमारी पूर्व में विधायक रह चुकी हैं. बीजेपी को जहां अपने कैडर वोट बैंक पर भरोसा है, वहीं वीआईपी को भरोसा सहनी मतदाताओं पर हैं.
वोटबैंक के भरोसे जीत का दावा : इधर, आरजेडी अपने वोटबैंक के भरोसे जीत का दावा कर रही है. कहा जाता है कि भूमिहार जाति के मतदाता बीजेपी से नाराज हैं. इधर, बीजेपी इन मतादाताओं की नाराजगी से मिल रहे नुकसान की भरपाई करने के लिए वीआईपी के कई पदाधिकारियों को अपने पाले में कर लिया है. एक तरह से देखा जाए तीनों पार्टियां एक दूसरे को जोरदार टक्कर दे रही हैं. माना जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में चुनावी परि²श्य नहीं बदला तो बिहार की बोचहां विधानसभा सीट पर असली टक्कर बीजेपी और आरजेडी के बीच माना जा रहा है, हालांकि वीआईपी इस संघर्ष को त्रिकोणात्मक बनाने में लगी है.
मुसाफिर पासवान के निधन से सीट खाली: बोचहां विधानसभा क्षेत्र के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन 24 नवंबर को हो गया था. वो वीआईपी से विधायक थे. पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट गठबंधन में वीआईपी को मिली थी. मुसाफिर पासवान विधायक बने थे. उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी. मुसाफिर पासवान का सभी दलों के नेताओं से बेहतर संबंध था. उन्होंने आरजेडी के कद्दावर नेता रमई राम को 11,268 वोटों के मार्जिन से हराया था. इससे पहले मुसाफिर साल 2005 में आरजेडी के टिकट पर यहां से चुनाव जीते थे. इस विधानसभा क्षेत्र में 22 प्रखंड में 285 मतदान केंद्र हैं, उसमें 12 अप्रैल को मतदान होना है. 16 अप्रैल को चुनाव परिणाम घोषित होंगे.
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