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शाहनवाज हुसैन ने विरोधियों को चेताया- 'मुस्लिमों को ना समझें अपनी जागीर' - कुढ़नी उपचुनाव

कुढ़नी में उपचुनाव को लेकर मुस्लिम वोटरों को साधने के लिहाज से बीजेपी नेता और पूर्व सांसद सैय्यद शाहनवाज हुसैन कुढ़नी दौरा (Shahnawaz Hussain visit Kurhni ) पर चैनपुर बंगरा पहुंचेथे. वहां उन्होंने विरोधियों को चेताया कि मुस्लिमों को अपनी जागीर न समझें. बीजेपी का डर दिखाकर मुस्लिम वोट मिलने वाला नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

कुढ़नी में शाहनवाज हुसैन विरोधियों को चेताया
कुढ़नी में शाहनवाज हुसैन विरोधियों को चेताया
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Published : Nov 27, 2022, 8:54 AM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार में कुढ़नी उपचुनाव की (By Election in Kurhni ) तारीख नजदीक आते जा रही है. वैसे वैसे राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होते जा रही है. क्षेत्र में नेताओं का दौरा भी तेज होता जा रहा है. कुढ़नी में रोजाना दर्जनों बड़े नेता जनसम्पर्क में लगे हुए हैं. इसी बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन भी कुढ़नी पहुंचे और मुस्लिम इलाकों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने सीधे शब्दों में विरोधियों को चेताया (BJP leader Shahnawaz Hussain warns opponents ) और कहा कि मुस्लिम को अपनी जागीर न समझे.

ये भी पढ़ेंः अल्पसंख्यक वोट बैंक पर सबकी नजर, कुढ़नी उपचुनाव में आरजेडी के समक्ष चुनौती

शाहनवाज हुसैन की विरोधियों को चेतावनीः सैय्यद शाहनवाज हुसैन कुढ़नी के मुस्लिम बहुल इलाका चैनपुर बंगरा पहुंचे हुए थे. उन्होंने यहां विरोधियों को चेतावनी दी. साथ ही यह भी कह दिया कि आरजेडी-जेडीयू के लोग मुस्लिम को अपनी जागीर समझ बैठे हैं. काम करने से वोट मिलता है. सिर्फ कहने से नहीं शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आरजेडी- जेडीयू का साथ कब तक है ये पता नहीं. उन्होंने ललन सिंह के सेमीफाइनल वाले बयान को लेकर कहा कि हर चुनाव का अपना मुद्दा और स्तर होता है. यह उपचुनाव है.

डर दिखाकर नहीं मिलेगा वोटः शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जो लोग डर दिखाकर वोट लेना चाहते हैं उसे वोट नहीं मिलेगा. हमलोग तो प्यार दिखाकर वोट लेते हैं. खुदा से डरने वाली कौम को विरोधी बीजेपी से डरा रहे हैं. हमने तो वहां मुहब्बत के फूल खिलाएं जो जगह दंगा प्रभावित था. केदार गुप्ता की पार्टी ने मुजफ्फरपुर में उद्योग धंधे का जाल बिछाया है. इसक फल तो केदार गुप्ता को मिलना चाहिए. लोकसभा के चुनाव में हमलोग 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और अधिक से अधिक सीट लाने का कोशिश करेंगे और मोदी जी को प्रधानमंत्री बनेंगे.

"कुछ लोग अल्पसंख्यक की वोट को जागीर समझ बैठे हैं, जो लोग काम करेंगे उन्हें वोट मिलेगा. आरजेडी-जेडीयू बीजेपी का डर दिखाकर मुस्लिम वोट लेना चाहते हैं तो यह अब नहीं चलने वाला है. एमवाई का समीकरण पलट गया है. वहीं तेजस्वी यादव के एटूजेड से एम साइलेंट है. बीजेपी का डर दिखाकर मुस्लिम वोट लेना चाहते हैं तो खुदा से डरने वाली कौम है वह किसी से डरने वाली नहीं है"- सैयद शाहनवाज हुसैन, पूर्व मंत्री व बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता

अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंधमारी के आसारः आजतक आरजेडी एमवाई समीकरण की बुनियाद पर चल रही थी. लालू प्रसाद यादवमुस्लिम-यादव के गठजोड़ के बदौलत लंबे समय तक सत्ता में बने रहने में कामयाब हुए, लेकिन तेजस्वी यादव ए टू जेड की सियासत कर रहे हैं. साथ ही पिछले कुछ चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम की ओर से आरजेडी को लगातार चुनौती मिल रही है. गोपालगंज सीट आरजेडी को एआईएमआईएम की वजह से गंवानी पड़ी. एआईएमआईएम के उम्मीदवार को 12 हजार से अधिक वोट गोपालगंज में हासिल हुए. अब कुढ़नी विधानसभा सीट पर भी एआईएमआईएम की ओर से प्रत्याशी खड़े किए गए हैं.

एआईएमआईएम फैक्टर का दिख रहा असरः गौरतलब हो कि, 2020 के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. पार्टी के पांच विधायक सदन में पहुंचे. ओवैसी की वजह से आरजेडी को 9 सीटों पर शिकस्त मिली थी. बदली हुई परिस्थितियों में बीजेपी की नजर भी अल्पसंख्यक वोटों पर है. पसमांदा वोट बैंक साधने के लिए बीजेपी लगातार जोर आजमाइश कर रही है. पार्टी की ओर से पसमांदा के हितों की अनदेखी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है

क्या है जातीय समीकरण: कुढ़नी में कुल 3 लाख 10 हजार 987 मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पिछड़े वर्ग में पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति है. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनकी संख्या करीब 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हजार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हजार मतदाताओं के साथ यादव जाति के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के वोटर भी अच्छी खासी संख्या में हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. इसमें 15,000 से अधिक पासवान जाति के लोग हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 25 हज़ार के आसपास है. इस विधानसभा क्षेत्र में अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता भी मौजूद है जिसमें 30,000 से अधिक भूमिहार है.

मुजफ्फरपुरः बिहार में कुढ़नी उपचुनाव की (By Election in Kurhni ) तारीख नजदीक आते जा रही है. वैसे वैसे राजनीतिक सरगर्मी भी तेज होते जा रही है. क्षेत्र में नेताओं का दौरा भी तेज होता जा रहा है. कुढ़नी में रोजाना दर्जनों बड़े नेता जनसम्पर्क में लगे हुए हैं. इसी बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन भी कुढ़नी पहुंचे और मुस्लिम इलाकों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने सीधे शब्दों में विरोधियों को चेताया (BJP leader Shahnawaz Hussain warns opponents ) और कहा कि मुस्लिम को अपनी जागीर न समझे.

ये भी पढ़ेंः अल्पसंख्यक वोट बैंक पर सबकी नजर, कुढ़नी उपचुनाव में आरजेडी के समक्ष चुनौती

शाहनवाज हुसैन की विरोधियों को चेतावनीः सैय्यद शाहनवाज हुसैन कुढ़नी के मुस्लिम बहुल इलाका चैनपुर बंगरा पहुंचे हुए थे. उन्होंने यहां विरोधियों को चेतावनी दी. साथ ही यह भी कह दिया कि आरजेडी-जेडीयू के लोग मुस्लिम को अपनी जागीर समझ बैठे हैं. काम करने से वोट मिलता है. सिर्फ कहने से नहीं शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आरजेडी- जेडीयू का साथ कब तक है ये पता नहीं. उन्होंने ललन सिंह के सेमीफाइनल वाले बयान को लेकर कहा कि हर चुनाव का अपना मुद्दा और स्तर होता है. यह उपचुनाव है.

डर दिखाकर नहीं मिलेगा वोटः शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जो लोग डर दिखाकर वोट लेना चाहते हैं उसे वोट नहीं मिलेगा. हमलोग तो प्यार दिखाकर वोट लेते हैं. खुदा से डरने वाली कौम को विरोधी बीजेपी से डरा रहे हैं. हमने तो वहां मुहब्बत के फूल खिलाएं जो जगह दंगा प्रभावित था. केदार गुप्ता की पार्टी ने मुजफ्फरपुर में उद्योग धंधे का जाल बिछाया है. इसक फल तो केदार गुप्ता को मिलना चाहिए. लोकसभा के चुनाव में हमलोग 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और अधिक से अधिक सीट लाने का कोशिश करेंगे और मोदी जी को प्रधानमंत्री बनेंगे.

"कुछ लोग अल्पसंख्यक की वोट को जागीर समझ बैठे हैं, जो लोग काम करेंगे उन्हें वोट मिलेगा. आरजेडी-जेडीयू बीजेपी का डर दिखाकर मुस्लिम वोट लेना चाहते हैं तो यह अब नहीं चलने वाला है. एमवाई का समीकरण पलट गया है. वहीं तेजस्वी यादव के एटूजेड से एम साइलेंट है. बीजेपी का डर दिखाकर मुस्लिम वोट लेना चाहते हैं तो खुदा से डरने वाली कौम है वह किसी से डरने वाली नहीं है"- सैयद शाहनवाज हुसैन, पूर्व मंत्री व बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता

अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंधमारी के आसारः आजतक आरजेडी एमवाई समीकरण की बुनियाद पर चल रही थी. लालू प्रसाद यादवमुस्लिम-यादव के गठजोड़ के बदौलत लंबे समय तक सत्ता में बने रहने में कामयाब हुए, लेकिन तेजस्वी यादव ए टू जेड की सियासत कर रहे हैं. साथ ही पिछले कुछ चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम की ओर से आरजेडी को लगातार चुनौती मिल रही है. गोपालगंज सीट आरजेडी को एआईएमआईएम की वजह से गंवानी पड़ी. एआईएमआईएम के उम्मीदवार को 12 हजार से अधिक वोट गोपालगंज में हासिल हुए. अब कुढ़नी विधानसभा सीट पर भी एआईएमआईएम की ओर से प्रत्याशी खड़े किए गए हैं.

एआईएमआईएम फैक्टर का दिख रहा असरः गौरतलब हो कि, 2020 के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली पार्टी एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. पार्टी के पांच विधायक सदन में पहुंचे. ओवैसी की वजह से आरजेडी को 9 सीटों पर शिकस्त मिली थी. बदली हुई परिस्थितियों में बीजेपी की नजर भी अल्पसंख्यक वोटों पर है. पसमांदा वोट बैंक साधने के लिए बीजेपी लगातार जोर आजमाइश कर रही है. पार्टी की ओर से पसमांदा के हितों की अनदेखी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जा रहा है

क्या है जातीय समीकरण: कुढ़नी में कुल 3 लाख 10 हजार 987 मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो पिछड़े वर्ग में पहले नंबर पर लगभग 40 हजार मतदाताओं के साथ कुशवाहा जाति है. दूसरे नंबर पर वैश्य समाज के लोग आते हैं, जिनकी संख्या करीब 33 हजार के आसपास है. इसके अलावा 25 हजार मतदाताओं के साथ सहनी समाज तीसरे नंबर पर है. चौथे नम्बर पर करीब 23 हजार मतदाताओं के साथ यादव जाति के लोग हैं. इसके अलावा कुर्मी जाति के वोटर भी अच्छी खासी संख्या में हैं. वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 19 प्रतिशत है. इसमें 15,000 से अधिक पासवान जाति के लोग हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 25 हज़ार के आसपास है. इस विधानसभा क्षेत्र में अगड़ी जाति के करीब 45 हज़ार मतदाता भी मौजूद है जिसमें 30,000 से अधिक भूमिहार है.

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