मुजफ्फरपुरः जिले में बाढ़ और भारी बारिश के बाद उत्पन्न हुए हालात की भयावाह तस्वीर सामने आई है. जहां बारिश के बाद रोड पर लगे जलजमाव को पार करने के लिए बाइक सवारों को जेसीबी का सहारा लेना पड़ा.
दरअसल महुआ-मुजफ्फरपुर मेन रोड की सड़क का एक हिस्सा बाढ़ और बारिश के कारण टूटकर बह गया. जिससे यहां आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. लोग काफी मशक्कत के बाद रोड पार कर पा रहें हैं. इसी बीच कुछ लोगों ने सड़क पार करने का एक नया तरीका निकाल लिया. यहां पानी में बाइकसवार इस पार से उस पार जाने के लिए जेसीबी का सहारा ले रहे हैं.
बाइक समेत जेसीबी पर चढ़ा युवक
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे जेसीबी का ड्राइवर बाइक को आदमी समेत मशीन के ऊपर बैठाकर ले जा रहा है. बताया जाता है कि जेसीबी वाला बाइक सवार लोगों से पैसे लेकर उन्हें सड़क पार करा रहा है. वीडीयो में साफ दिख रहा है कि बाइक पर एक युवक जेसीबी मशीन में बैठा है. हालांकि ज्यादातर लोग इसी पानी में चलकर आवागमन कर रहे हैं. जिन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
पदाधिकारियों को दी गई सूचना
लोगों का कहना है कि हुस्सेपुर से कुलेशरा के बीच रोड पर पानी आने जाने से यहां एक पुलीय ध्वस्त हो गया है. जिससे कभी भी बड़ा हादस हो सकता है. इसकी सूचना सम्बंधित पदाधिकारियों को दी गई है. स्थानीय निवासी और समाजसेवी दिलीप कुमार ठाकुर ने विभागीय पदाधिकारी को हालात से आगाह करा दिया है, इसके बावजूद अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
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राज्य के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित
बता दें कि पूरा उत्तर बिहार इन दिनों बाढ़ की चपेट में है. राज्य के 16 जिलों में कुल 81 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं. जहां सरकारी राहत नाकाफी साबित हो रही है. कई इलाकों में नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. लोग एनएच और रेलवे स्टेशनों पर तिरपाल के अंदर भूखे- प्यासे रहने को मजबूर हैं. हांलाकि कई इलाकों में बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाई जा रही है. लेकिन एक बड़ी आबादी सरकारी मदद से अब भी महरूम है.
बूढ़ी गंडक ने बरपाया कहर
बात अगर मुजफ्फरपुर की करें तो यहां हजारों की आबादी बूढ़ी गंडक के कहर से बेघर हो गई है. बाढ़ के कारण कई इलाके की सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं. जहां आवागमन मुश्किल हो गया है. जिले के अहियापुर, आश्रयघाट, अखाड़ाघाट के अलावा विजय छपरा, कोल्हुआ, ठीकहा और पैगंबरपुर प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. यहां हजारों की आबादी बेघर हो चुकी है. लेकिन प्रशासन की ओर से दी जा रही राहत समाग्री दूर-दराज इलाकों तक नहीं पहुंच पा रही है.