मुजफ्फरपुर : जिले के साहिबगंज विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक डॉ राजू सिंह राजू की मुश्किलें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही हैं. अब पुलिस ने दूसरे केस में वारंट के लिए न्यायालय में अर्जी दाखिल की है. ये मामला जिले के पारू थाना क्षेत्र का है, जहां 15 अप्रैल 2023 को पारू सीओ और राजस्व कर्मचारी के संयुक्त लिखित बयान पर पारू थाना पुलिस ने कांड दर्ज किया था.
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दूसरे केस में लटकी गिरफ्तारी की तलवार : इस कांड में एससी/एसटी एक्ट सहित कई संगीन धाराओं में साहेबगंज विधायक डॉ राजू कुमार सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया है. इसी के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई. गौरतलब है कि उसी के बाद फिर दूसरा कांड इसी इलाके से राजद नेता अपहरण प्रकरण का मामला सामने आया. इस मामले में न्यायालय द्वारा पुलिस से अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को केस डायरी की मांग की और वारंट के साथ ही कुर्की की अर्जी भी खारिज कर दिया. इस केस में अगली सुनवाई अब 14 जून निर्धारित हुई है.
15 अप्रैल को दर्ज हुई थी शिकायत: अर्जी खारिज होने के बाद मुजफ्फरपुर की पारू थाने की पुलिस ने बीजेपी विधायक के खिलाफ कोर्ट में वारंट के लिए दूसरे केस की अर्जी दाखिल कर दी. ये केस सीओ और राजस्व कर्मचारी सह प्रभारी अंचल निरीक्षक के संयुक्त बयान पर 15 अप्रैल को SC/ST समेत विभिन्न धाराओं के तरत पारू थाना में विधायक राजू सिंह पर केस दर्ज किया गया था. अब इस मामले में पारू पुलिस ने विधायक की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी करने की अर्जी विशेष कोर्ट में दाखिल कर दिया है. ऐसे में वारंट जारी होने की प्रबल संभावना है.
गिरफ्तारी का वारंट हो सकता है जारी: कहा जा सकता है कि बीजेपी विधायक राजू सिंह की मुश्किलें फिलहाल कम होती हुई नजर नहीं आ रही हैं. अब दूसरे केस को लेकर पुलिस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कानून के जानकारों की मानें तो यह न्यायिक प्रक्रिया है. पुलिस जितनी तत्परता से विधायक के खिलाफ काम कर रही है, उतनी तत्परता अगर सभी केसों में करती तो शायद केस का जो अंबार लगा है, वह नहीं होता. अगर इतनी तत्परता से बिहार पुलिस की टीम काम करे तो वाकई काबिले तारीफ है. पर ऐसा सम्भव नहीं है.
बीजेपी बता रही बदले की राजनीति: मुज़फ़्फ़रपुर से बीजेपी के जिला अध्यक्ष रंजन कुमार सिंह ने सवाल खड़ा किया और कहा है कि ''प्रशासन की कार्रवाई अच्छी है, लेकिन एक तरफा कार्रवाई साफ दिख रही है. सत्तापक्ष और प्रशासन के लोगों को हम आगाह कर देते हैं कि कानूनी प्रक्रिया दूसरी चीज है. लेकिन एकतरफा कार्रवाई हुई तो आने वाले समय में जगह-जगह आंदोलन होगा. इसका जिम्मेवार प्रशासन और सत्ताधारी लोग होंगे. जब सत्ता पक्ष के एक मंत्री का नाम काटी मर्डर केस में आया तो लीपापोती हो गई. रातों-रात उस पर कोई नहीं कार्रवाई हुआ. पुलिस उस समय कुछ नहीं की लेकिन अब कार्रवाई करने का तरीका देखकर यह सभी लोग जान सकता है कि पुलिस को आखिर कहीं ना कहीं से गाइड किया जा रहा है.''