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OMG! घर है या 'अजूबा', 6 फीट में खड़ी कर दिया 4 मंजिला 'रेलगाड़ी हाउस', नक्शा देखकर इंजीनियर भी दंग

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 25, 2023, 5:19 PM IST

Updated : Dec 25, 2023, 5:52 PM IST

बिहार के पटना की समौसा बिल्डिंग के बाद अब मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाउस चर्चा का विषय बना हुआ है. जिस जमीन को देखकर बीवी ने मुंह फुला लिया, इंजीनियर ने मकान बनाने से हाथ खड़े कर दिए उसी बल्डिंग पर आज 4 मंजिला अजूबा घर बनकर तैयार है. इसके बनने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. पढ़ें पूरी खबर-

मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाऊस
मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाऊस
मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाऊस, देखें VIDEO

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में इन दिनों 'रेलगाड़ी हाउस' की चर्चा जोरों पर हैं. गणनीपुर इलाके में मात्र 6 फीट चौड़ी और 45 फीट लंबी जमीन पर 4 मंजिला इमारत खड़ी है. आने जाने वाले लोग टकटकी लगाकर बनाने वाले को दाद देते नहीं थकते. कुछ लोग तो इसे आठवां अजूबा तक कह रहे हैं. जो भी इस बिल्डिंग के आगे से गुजरता है उसका वीडियो बनाना और सेल्फी लेना नहीं भूलता. ये बिल्डिंग भी इसके मालिक के लिए किसी ताजमहल से कम नहीं है.

'अजूबा घर' की प्रेम कहानी : दरअसल, साल 2005 में बिल्डिंग के मालिक संतोष कुमार की जब शादी हुई तो उन्होंने अपनी पत्नी को शादी वाली रात गिफ्ट में ये जमीन दान में दी. कुछ समय बीतने पर जब उनकी पत्नी जमीन पर पहुंचीं तो काफी नाराज हुईं. झुंझलाते हुए बोलीं- 'इसीलिए आपने हमें ये जमीन गिफ्ट दी है. इसपर क्या बनेगा? मैं इसका क्या करूंगी?' बीवी के मुंह से ये बाते सुनते ही संतोष भी उदास रहने लगे. बड़े ही अरमानों से जमीन बीवी को गिफ्ट की थी.

ढाई फीट में तैयार किचन
ढाई फीट में तैयार किचन

..जब इंजीनियर भी प्लॉट देखकर चकराए : संतोष के मन में इस जमीन को बेचकर दूसरी जगह लेने का ख्याल भी आया. लेकिन शादी से जुड़ी याद को वो खोना भी नहीं चाहते थे. लिहाजा उन्होंने इसी जमीन पर बिल्डिंग बनाने की ठान ली. इसके लिए नक्शा बनवाने के लिए इंजीनियरों के चक्कर लगाए. मोटी तनख्वाह पाने वाले इंजीनियर भी जमीन लंबाई चौड़ाई देखकर सारी इंजीनियरिंग भूल गए. इंजीनियरों ने जब हाथ खड़े कर दिया तो संतोष को लगा कि उनका सपना पूरा नहीं होगा. उन्होंने खुद से बिल्डिंग के नक्शे को डिजाइन किया और उसे पास कराया.

2 साल में बनकर तैयार हुआ 'रेलगाड़ी हाउस' : 2012 में नक्शा पास होने के बाद भवन निर्माण काम शुरू हुआ. लगभग दो साल में अजूबा मकान बनकर तैयार हुआ. मकान बनते ही इसे कई लोग अजूबा घर कहने लगे. बिल्कुल सपाट दिखने वाले इस मकान को देखने के लिए कलमबाग चौक से गन्नीपुर के रास्ते रामदयालु आने-जाने वाले लोग एक नजर देखने के लिए जरूर ठहरते हैं.

मुजफ्फरपुर का 'रेलगाड़ी हाऊस'
मुजफ्फरपुर का 'रेलगाड़ी हाऊस'

मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाउस, ये है खासियत : 4 मंजिला मकान में ग्राउंड फ्लोर पर एक इंस्टीट्यूट चलता है. घर के बाहर पार्किंग है, इसके अलावा, दो फ्लोर पर 1 कमरा, किचन, बाथरूम व गैलरी तक है. वही, चौथे मंजिल पर केवल एक ड्राइंग रूम व बाथरूम बनाया गया है, लेकिन इसका किचन सीढ़ी घर में एडजस्ट किया गया है. इसको देखने वाले भौंचक रह जा रहे हैं. सीढ़ी करीब ढाई फीट में है. ढाई फीट में किचन और दो फीट का बाथरूम है.


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मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाऊस, देखें VIDEO

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'अजूबा घर' की प्रेम कहानी : दरअसल, साल 2005 में बिल्डिंग के मालिक संतोष कुमार की जब शादी हुई तो उन्होंने अपनी पत्नी को शादी वाली रात गिफ्ट में ये जमीन दान में दी. कुछ समय बीतने पर जब उनकी पत्नी जमीन पर पहुंचीं तो काफी नाराज हुईं. झुंझलाते हुए बोलीं- 'इसीलिए आपने हमें ये जमीन गिफ्ट दी है. इसपर क्या बनेगा? मैं इसका क्या करूंगी?' बीवी के मुंह से ये बाते सुनते ही संतोष भी उदास रहने लगे. बड़े ही अरमानों से जमीन बीवी को गिफ्ट की थी.

ढाई फीट में तैयार किचन
ढाई फीट में तैयार किचन

..जब इंजीनियर भी प्लॉट देखकर चकराए : संतोष के मन में इस जमीन को बेचकर दूसरी जगह लेने का ख्याल भी आया. लेकिन शादी से जुड़ी याद को वो खोना भी नहीं चाहते थे. लिहाजा उन्होंने इसी जमीन पर बिल्डिंग बनाने की ठान ली. इसके लिए नक्शा बनवाने के लिए इंजीनियरों के चक्कर लगाए. मोटी तनख्वाह पाने वाले इंजीनियर भी जमीन लंबाई चौड़ाई देखकर सारी इंजीनियरिंग भूल गए. इंजीनियरों ने जब हाथ खड़े कर दिया तो संतोष को लगा कि उनका सपना पूरा नहीं होगा. उन्होंने खुद से बिल्डिंग के नक्शे को डिजाइन किया और उसे पास कराया.

2 साल में बनकर तैयार हुआ 'रेलगाड़ी हाउस' : 2012 में नक्शा पास होने के बाद भवन निर्माण काम शुरू हुआ. लगभग दो साल में अजूबा मकान बनकर तैयार हुआ. मकान बनते ही इसे कई लोग अजूबा घर कहने लगे. बिल्कुल सपाट दिखने वाले इस मकान को देखने के लिए कलमबाग चौक से गन्नीपुर के रास्ते रामदयालु आने-जाने वाले लोग एक नजर देखने के लिए जरूर ठहरते हैं.

मुजफ्फरपुर का 'रेलगाड़ी हाऊस'
मुजफ्फरपुर का 'रेलगाड़ी हाऊस'

मुजफ्फरपुर का रेलगाड़ी हाउस, ये है खासियत : 4 मंजिला मकान में ग्राउंड फ्लोर पर एक इंस्टीट्यूट चलता है. घर के बाहर पार्किंग है, इसके अलावा, दो फ्लोर पर 1 कमरा, किचन, बाथरूम व गैलरी तक है. वही, चौथे मंजिल पर केवल एक ड्राइंग रूम व बाथरूम बनाया गया है, लेकिन इसका किचन सीढ़ी घर में एडजस्ट किया गया है. इसको देखने वाले भौंचक रह जा रहे हैं. सीढ़ी करीब ढाई फीट में है. ढाई फीट में किचन और दो फीट का बाथरूम है.


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Last Updated : Dec 25, 2023, 5:52 PM IST
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