मुजफ्फरपुर: बागमती नदी के बाद अब बूढ़ी गंडक नदी भी जिले और उससे सटे इलाके में कहर बरपाने लगी है. नेपाल से नदी में पानी छोड़े जाने के बाद बूढ़ी गंडक नदी पर बने सुरक्षा बांध पर कई जगह पानी का दबाव काफी बना हुआ है. अभी बूढ़ी गंडक नदी की सबसे तेज प्रवाह मीनापुर के डुमरिया सुरक्षा बांध के पास बना हुआ है. गंडक नदी की तेज जलधारा सीधे सुरक्षा बांध से टकरा रही है.
तटबंध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. नदी की तेज प्रवाह को देखते हुए सुरक्षा बांध के दूसरी तरफ बसे करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग बांध के जर्जर हालत को लेकर काफी चिंतित है. बांध टूटने की आशंका से इस इलाके के ग्रामीण डरे-सहमे हुए हैं.
इन इलाके के बांधों पर है ज्यादा दबाव
ईटीवी भारत की टीम ने जब ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर डुमरिया के सुरक्षा बांध का जायजा लिया तो सुरक्षा बांध पर पानी का काफी दबाव पाया. बांध पर हुए रेनकट को भरने के लिए जल संसाधन विभाग कार्य तो कर रहा था, लेकिन वो नाकाफी था.
स्थानीय लोगों ने बताया कि बांध को पानी के दबाव से बचाने के लिए सरकारी स्तर पर काम तो हो रहा है. लेकिन कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. लोगों ने बताया कि अगर इस इलाके में नदी पर बना सुरक्षा बांध टूटता है, तो यहां कांटी और मीनापुर प्रखंड के लगभग एक लाख की अबादी प्रभावित होगी. लोगों ने जल संसाधन विभाग पर खानापूर्ति करने का आरोप भी लगाया.
खतरे के निशान से ऊपर बह रही बूढ़ी गंडक
सिकन्दरपुर इलाके में बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जिससे शहर पर एक बार फिर से बाढ़ का संकट मंडराने लगा है. नदी के बढ़े जलस्तर के कारण पहले ही शहर के निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं. इन इलाकों में बसने वाली लगभग 50 हजार की आबादी बाढ़ से त्रस्त है.
प्रति घंटे 2 सेंटीमिटर हो रही जलवृद्धि
बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में हर घंटे 2 सेंटीमीटर के हिसाब से वृद्धि हो रही है. हालांकि संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए, जिला प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. इन इलाके के लोगों को प्रशासन ने घर खाली कर किसी सुरक्षित स्थान की ओर निकलने की अपील की है.