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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के बढ़े मामले, लगातार दूसरे दिन 6 नए मामले आये सामने - मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी एईएस का प्रकोप तेज हो गया है. इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अब तक जिले में एईएस का आंकड़ा 48 हो गया है.

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Published : Jun 13, 2020, 8:43 AM IST

मुजफ्फरपुरः जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच फिर से चमकी बुखार यानी एईएस का प्रकोप तेज हो गया है. चमकी बुखार के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है और हर रोज इसकी वृद्धि हो रही है. पिछले 24 घंटे में जिले में चमकी बुखार से संबंधित 6 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही जिले में एईएस का आंकड़ा बढ़कर 48 हो गया है. फिलहाल चमकी बुखार से पीड़ित आठ बच्चे का इलाज एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में चल रहा है.

चमकी बुखार का बढ़ रहा प्रकोप
जिले में शुक्रवार को आये तीन नए मामलों की पुष्टि एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने किया. साथ ही उन्होंने बताया कि तीन नए बच्चों का इलाज पीकू वार्ड में चल रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

इस बार मौतों के आंकड़ों में कमी
गौरतलब है कि इस वर्ष अभी तक मुजफ्फरपुर जिले में सात बच्चे चमकी बुखार से अपनी जान गवा चुके हैं. वहीं पिछले वर्ष इससे डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चों की जान गई थी. जिसे सरकार और सिस्टम पर सवाल खड़े हुए थे. जिसके बाद तमाम व्यवस्थाओं को सुधारा गया है. फिलहाल पहले से इस बार मौतों के आंकड़ों में काफी कमी आयी है.

मुजफ्फरपुरः जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच फिर से चमकी बुखार यानी एईएस का प्रकोप तेज हो गया है. चमकी बुखार के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है और हर रोज इसकी वृद्धि हो रही है. पिछले 24 घंटे में जिले में चमकी बुखार से संबंधित 6 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही जिले में एईएस का आंकड़ा बढ़कर 48 हो गया है. फिलहाल चमकी बुखार से पीड़ित आठ बच्चे का इलाज एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में चल रहा है.

चमकी बुखार का बढ़ रहा प्रकोप
जिले में शुक्रवार को आये तीन नए मामलों की पुष्टि एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही ने किया. साथ ही उन्होंने बताया कि तीन नए बच्चों का इलाज पीकू वार्ड में चल रहा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

इस बार मौतों के आंकड़ों में कमी
गौरतलब है कि इस वर्ष अभी तक मुजफ्फरपुर जिले में सात बच्चे चमकी बुखार से अपनी जान गवा चुके हैं. वहीं पिछले वर्ष इससे डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चों की जान गई थी. जिसे सरकार और सिस्टम पर सवाल खड़े हुए थे. जिसके बाद तमाम व्यवस्थाओं को सुधारा गया है. फिलहाल पहले से इस बार मौतों के आंकड़ों में काफी कमी आयी है.

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