मुंगेर: बिहार के मुंगेर में रेल इंजन कारखाना जमालपुर में विश्वकर्मा पूजा मनाया गया. जिले के जमालपुर में रेलवे इंजन कारखाने (Vishwakarma Puja In Munger) में पिछले दो वर्षों से विश्वकर्मा पूजा नहीं मनाया गया था. जिसे इस बार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. बताया जाता है कि पिछले दो वर्षों से आम लोगों को कारखाने में अंदर जाने पर सख्त रूप से मनाही थी. वहीं इस बार कारखाने को पूजा में शामिल होने के लिए सभी लोगों के लिए खोल दिया गया. जिसे लेकर लोगों में काफी उत्साह का माहौल है.
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रेल कारखाने में मना विश्वकर्मा पूजा: दरअसल, जिले के रेल इंजन कारखाना जमालपुर में शिल्प, कला और निर्माण के अधिष्ठाता भगवान विश्वकर्मा का पूजन धूमधाम से किया गया. इस अवसर पर कारखाने के कर्मचारियों ने पूरे तरीके से कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए अपने कारखाने में साफ-सफाई के साथ फूल और पत्तियों एवं रंग-बिरंगे झंडियों से आकर्षक रूप में सजाकर अपने भगवान विश्वकर्मा की अत्यंत ही सुन्दर मूर्ति लगायी गयी. जिसके बाद भक्ति, निष्ठा और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गयी.
बताया जाता है कि रेल इंजन कारखाना जमालपुर में अंग्रेजों के जमाने से 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाने की प्रथा चली आ रही है. विश्वकर्मा पूजा के दिन यहां कारखाना आम लोगों के लिए खुली रहती है. वहीं कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों में यहां आम लोगों के आगमन पर पूरी तरह कारखाना प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लगा दिया गया था. वहीं इस बार कारखाना प्रशासन ने लोगों के लिए कारखाना खोल दिया.
वहीं कुछ वैसे भी लोग हैं जो काफी दूरदराज से कारखाने में विश्वकर्मा पूजा देखने के लिए लोग पहुंचे थे. जिसे देखते हुए आरपीएफ ने कड़ी चौकसी की और कारखाने के मेन गेट को खोल दिया गया. कारखाना का गेट खुलने के बाद जहां रेलकर्मी अपने परिवार के साथ विश्वकर्मा भगवान की प्रतिमा का पूजा-पाठ करते हुए कारखाना में निर्माण और मरम्मत हो रहे कार्यों को देखा. वहीं दूसरी ओर मुख्य कारखाना प्रबंधक सुदर्शन विजय, प्रेम प्रकाश के साथ तमाम अधिकारियों ने अपनी टीम के साथ कारखाना का भ्रमण किया.
इधर जमालपुर, मुंगेर, धरहरा, कजरा, किऊल, सुल्तानगंज, भागलपुर, खगड़िया और बेगूसराय के करीब 50 हजार लोग कारखाना देखने और घूमने पहुंचे थे। कारखाना गेट नंबर-1 और 6 पर विधि-व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के लिए मालदा मंडल के आरपीएफ,सहायक सुरक्षा आयुक्त (एएससी) अशोक कुमार सिंह अपने दल बल के साथ मुस्तैद दिखे. रेल इंजन और क्रेन पर चढ़कर लोगों ने सेल्फी का लुत्फ लिया. विश्वकर्मा पूजा में कारखाना घूमने आए लोगों ने अपने परिवार के साथ रेल इंजन और 140 हाइड्रोलिक क्रेन पर चढ़कर ना सिर्फ लुत्फ उठाए, बल्कि सेल्फी लेकर भी अपनी यादें सुरक्षित किया.
कब हुआ जमालपुर रेलवे कारखाना की शुरुआत: 8 फरवरी 1862 को ईस्ट इंडिया रेलवे लोकोमोटिव वर्कशॉप के रूप में जमालपुर कारखाना की स्थापना हुई थी. उस समय इस कारखाने का मुख्य उद्देश्य वाष्प इंजन का निर्माण करना था. 1899 से 1923 के बीच इस कारखाने में 216 रेल इंजन बनाए गए. इसी बीच 1870 में पहला रोलिंग मिल सेटअप कारखाना में लगाया गया. बताया जाता है कि देश की पहली रेल क्रेन 1961 में इसी कारखाने में बनी. वहीं 140 टन का क्रेन जर्मनी के बाद भारत में इसी कारखाने में निर्मित हुई. वहीं जमालपुर जैक का निर्माण कर पूरे देश के रेल कारखाना में सप्लाई किया जाता रहा है. वहीं टिकिट प्रिटिंग, टिकट काउंटिंग मशीन यहीं से बनाया गया है.
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