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हथियारों के जखीरे के साथ पकड़ी गई महिला तस्कर, STF को लंबे समय से थी तलाश - two arms smugglers arrested in munger

STF ने मुंगेर जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र से दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक महिला है. दोनों के पास से 13 पिस्टल, 13 मैगजीन और 126 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है.

two arms smugglers arrested in munger
महिला तस्कर गिरफ्तार
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Published : Jun 24, 2021, 7:57 PM IST

मुंगेर: बिहार STF को हथियारों की तस्करी करने वाली जिस महिला तस्कर (Woman Smuggler) की लंबे समय से तलाश थी, वह गुरुवार को आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गई. पकड़े जाने पर महिला फूट-फूटकर रोने लगी. महिला के साथ एक और हथियार तस्कर बलबीर मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों के पास से पुलिस ने 13 पिस्टल, 13 मैगजीन और 126 जिंदा कारतूस बरामद किया है.

यह भी पढ़ें- Banka News: पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, हथियार समेत 2 तस्कर भाई गिरफ्तार

एसटीएफ ने दोनों को संग्रामपुर थाना (Sangrampur Police Station) क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुई महिला तस्कर का नाम साधन देवी है. दोनों हथियार तस्करों की तलाश पुलिस को लंबे समय से थी. एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर दोनों की गिरफ्तारी हो सकी.

two arms smugglers arrested in munger
तस्करों के पास से बरामद हथियार.

अवैध हथियारों के लिए चर्चित है मुंगेर
गौरतलब है कि मुंगेर अवैध हथियार के कारोबार के लिए कुख्यात है. मुंगेर और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बनाये जाते हैं और पूरे देश में उसकी तस्करी होती है. यहां तक कि मुंगेर में बने पिस्टल की सप्लाई जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को भी की गई थी. मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से चुराए गए AK 47 राइफल को मुंगेर लाया गया था और यहां से उसकी सप्लाई की गई थी.

मुंगेर में हथियार बनाने का इतिहास
भारत के मानचित्र पर अवैध हथियार की काली मंडी के रूप में मुंगेर जिला कुख्यात है. शासक मीर कासिम ने मुंगेर को कुछ दिनों के लिए अपनी राजधानी बनाया था. अंग्रेजों से इसकी सुरक्षा के लिए मीर कासिम ने अपने सेनापति गुरगीन खां को हथियारों का निर्माण करने वाले 18 कारीगरों के साथ मुंगेर भेजा. सेनापति ने यहां आकर स्थानीय लोगों को हथियार बनाने की ट्रेनिंग दी. उस समय लगभग हजारों लोगों ने हथियार बनाने के गुर सीखे. घर-घर हथियार बनाए जाने लगे. अंग्रेजों का जब शासन आया तो इसे एकीकृत किया गया. आजाद भारत में बंदूक कारखाना इन्हीं कारीगरों को लेकर बनाया गया.

गन फैक्ट्री के कारीगरों की दुर्दशा
मुंगेर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री वर्तमान में बदहाली का दंश झेल रही है. यहां के कारीगर भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं. यही कारण है कि ये लोग चोरी-छिपे अवैध हथियार निर्माण करने लगे हैं. अवैध हथियार निर्माण करने में इन कारीगरों को जोखिम जरूर है, लेकिन अच्छी खासी रकम मिल जाती है. इसलिए मुंगेर में अवैध हथियार का व्यापार काफी फल-फूल रहा है.

हर तरह के हथियार बनाते हैं कारीगर
यहां के कारीगर इतने दक्ष हैं कि आधुनिक से आधुनिक हथियार कम कीमत में बना देते हैं. यहां कम कीमत में हथियार आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इसलिए पूरे देश के तस्कर की निगाह मुंगेर के अवैध हथियारों की मंडी पर है. यहां देसी कट्टे से लेकर AK-47 जैसे आधुनिक हथियार उपलब्ध हो जाते हैं. ये हथियार छोटे अपराधी से लेकर आतंकवादियों तक सप्लाई किए जाते हैं. जिसका समय-समय पर पुलिस खुलासा भी करती रहती है.

यह भी पढ़ें- हार्डकोर नक्सली के घर पर NIA की तलाशी, ट्रैक्टर भर-भरकर मिले थे विस्फोटक और हथियार

मुंगेर: बिहार STF को हथियारों की तस्करी करने वाली जिस महिला तस्कर (Woman Smuggler) की लंबे समय से तलाश थी, वह गुरुवार को आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गई. पकड़े जाने पर महिला फूट-फूटकर रोने लगी. महिला के साथ एक और हथियार तस्कर बलबीर मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों के पास से पुलिस ने 13 पिस्टल, 13 मैगजीन और 126 जिंदा कारतूस बरामद किया है.

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एसटीएफ ने दोनों को संग्रामपुर थाना (Sangrampur Police Station) क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुई महिला तस्कर का नाम साधन देवी है. दोनों हथियार तस्करों की तलाश पुलिस को लंबे समय से थी. एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर दोनों की गिरफ्तारी हो सकी.

two arms smugglers arrested in munger
तस्करों के पास से बरामद हथियार.

अवैध हथियारों के लिए चर्चित है मुंगेर
गौरतलब है कि मुंगेर अवैध हथियार के कारोबार के लिए कुख्यात है. मुंगेर और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध हथियार बनाये जाते हैं और पूरे देश में उसकी तस्करी होती है. यहां तक कि मुंगेर में बने पिस्टल की सप्लाई जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को भी की गई थी. मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से चुराए गए AK 47 राइफल को मुंगेर लाया गया था और यहां से उसकी सप्लाई की गई थी.

मुंगेर में हथियार बनाने का इतिहास
भारत के मानचित्र पर अवैध हथियार की काली मंडी के रूप में मुंगेर जिला कुख्यात है. शासक मीर कासिम ने मुंगेर को कुछ दिनों के लिए अपनी राजधानी बनाया था. अंग्रेजों से इसकी सुरक्षा के लिए मीर कासिम ने अपने सेनापति गुरगीन खां को हथियारों का निर्माण करने वाले 18 कारीगरों के साथ मुंगेर भेजा. सेनापति ने यहां आकर स्थानीय लोगों को हथियार बनाने की ट्रेनिंग दी. उस समय लगभग हजारों लोगों ने हथियार बनाने के गुर सीखे. घर-घर हथियार बनाए जाने लगे. अंग्रेजों का जब शासन आया तो इसे एकीकृत किया गया. आजाद भारत में बंदूक कारखाना इन्हीं कारीगरों को लेकर बनाया गया.

गन फैक्ट्री के कारीगरों की दुर्दशा
मुंगेर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री वर्तमान में बदहाली का दंश झेल रही है. यहां के कारीगर भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं. यही कारण है कि ये लोग चोरी-छिपे अवैध हथियार निर्माण करने लगे हैं. अवैध हथियार निर्माण करने में इन कारीगरों को जोखिम जरूर है, लेकिन अच्छी खासी रकम मिल जाती है. इसलिए मुंगेर में अवैध हथियार का व्यापार काफी फल-फूल रहा है.

हर तरह के हथियार बनाते हैं कारीगर
यहां के कारीगर इतने दक्ष हैं कि आधुनिक से आधुनिक हथियार कम कीमत में बना देते हैं. यहां कम कीमत में हथियार आसानी से उपलब्ध हो जाता है. इसलिए पूरे देश के तस्कर की निगाह मुंगेर के अवैध हथियारों की मंडी पर है. यहां देसी कट्टे से लेकर AK-47 जैसे आधुनिक हथियार उपलब्ध हो जाते हैं. ये हथियार छोटे अपराधी से लेकर आतंकवादियों तक सप्लाई किए जाते हैं. जिसका समय-समय पर पुलिस खुलासा भी करती रहती है.

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