मुंगेर: बिहार के मुंगेर सदर अस्पताल का वीडियो वायरल (Munger Sadar Hospital) हो रहा है, जो अस्पताल प्रबंधक पर कई सवाल खड़ा कर रहा है. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल में बिजली कटने के बाद मोबाइल की फ्लैश लाइट में नर्सों के द्वारा मरीजों को इंजेक्शन लगाया जा रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद सिविल सर्जन ने कमिटी गठित कर जांच की बात कही है.
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नहीं चला जेनरेटरः जानकारी के अनुसार यह वीडियो मुंगेर सदर अस्पताल के सिजेरियन वार्ड का है. सिजेरियन के बाद जच्चा और बच्चा को इसी वार्ड में रखा जाता है. अस्पताल में जेनरेटर सेट रहते हुए भी स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के कारण मरीज को अंधेरे में रहकर इलाज कराना पड़ता है. इसका खामियाजा स्वास्थ्य कर्मियों को भी भुगतना पड़ता है. मजबूरी में मोबाइल की फ्लैश लाइट के सहारे मरीजों का इलाज करते हैं.
बारिश के कारण गुल रही बिजलीः रविवार की सुबह लगभग 11 बजे मौसम में परिवर्तन हो जाने के कारण और तेज आंधी के साथ बारिश हुई. अस्पताल से थोड़ी दूर पर एक पेड़ गिरने के कारण लगभग 1 घंटे तक बिजली बाधित रही. बिजली बाधित रहने तक अस्पताल में मौजूद जनरेटर सेट को कर्मियों के द्वारा नहीं चलाया गया. इस कारण लगभग 1 घंटे तक सदर अस्पताल के प्रसूता वार्ड सहित अन्य कई वार्ड में अंधेरा छाया रहा.
मोबाइल की लाइट के सहारे इंजेक्शन लगाः लाइट नहीं होने के बावजूद भी जनरेटर नहीं चलाया गया. स्वास्थ्य कर्मियों ने मोबाइल की लाइट के सहारे इंजेक्शन लगाया. इस घटना का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. हालांकि अस्पताल प्रबंधक के द्वारा यह कहा गया की शॉर्ट सर्किट हो जाने के कारण जनरेटर सेट को भी नही चलाया जा सका. इधर, जानकारी मिलने के बाद सिविल सर्जन ने जांच का आदेश दिया है.
"मेरे संज्ञान में मामला आया है. एक टीम का गठन कर जांच कर कार्रवाई करेंगे. अस्पताल में जेनरेटर की भी सुविधा है और सख्त निर्देश भी दिया गया है कि अगर बिजली जाती है या किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो तुरंत जेनरेटर चलाने चलाएं, लेकिन किस परिस्थिति में जनरेटर नहीं चलाया गया है, इसकी जांच होगी." - डॉ. पीएम सहाय, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल मुंगेर