मुंगेर : कोरोना महामारी से जहां एक तरफ विश्व के कई प्रमुख देश काफी बड़ी त्रासदी झेल रहा है. वहीं लॉकडाउन के बावजूद जमालपुर रेल कारखाना के कर्मियों ने कमाल कर दिखाया है. इंजीनियरों ने कोरोना से लड़ने में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले यंत्र वेंटिलेटर का निर्माण कर विश्व बाजार को चौंका दिया है.
इस वैश्विक महामारी में देश के साथ बिहार की स्थिति भी कम भयावह नहीं है. कोरोना से बिहार मेंअब तक एक मरीज की मौत हुई है. मृतक जिला मुख्यालय के चोरम्बा का निवासी था. राज्य के अन्य जिलों के साथ ही मुंगेर में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है. इस स्थिति को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी केंद्र सरकार से 100 वेंटिलेटर बिहार में भेजने का आग्रह किया था.
विश्व का ध्यान आकृष्ट किया अपनी ओर
विश्व बाजार में एक वेंटिलेटर की अनुमानित राशि लगभग 15 लाख है. ऐसे में केंद्र सरकार से राज्य को कोई ठोस आश्वासन प्राप्त नहीं हो सका. ऐसी आपात स्थिति में भारतीय रेल इंजन कारखाना जमालपुर के दक्ष रेलकर्मी ने लगभग 10 हजार की लागत से 3 दिनों में रेल अस्पताल जमालपुर और कारखाना के विभिन्न मशीन का जुगाड़ कर वेंटिलेटर का निर्माण किया और पूरे विश्व का अपनी ओर ध्यान आकृष्ट किया है.
जमालपुर रेल कारखाना को वेंटिलेटर निर्माण का दिया जाएगा आर्डर
मुख्य कारखाना प्रबंधक सुदर्शन विजय और मुख्य यांत्रिक इंजीनियर प्रोडक्शन प्रेम प्रकाश की देखरेख में कारखाना के टीटीएस शॉप में 14 रेल कर्मियों ने यह कमाल महज 3 दिनों में ही कर दिखाया. हालांकि इस बारे में कारखाने के अधिकारियों ने तो कोई पुष्टि नहीं की है, लेकिन ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक सुनीत शर्मा ने बताया कि वेंटिलेटर निर्माण करने की जानकारी मिली है. इस उपलब्धि भरी वेंटिलेटर निर्माण करने का संदेश तुरंत रेल मंत्रालय को भेजा जा रहा है. रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद जमालपुर रेल कारखाना को वेंटिलेटर निर्माण का आर्डर दिया जाएगा.
बता दें कि जमालपुर कारखाने में कम लागत पर बने वेंटिलेटर विदेशों में बनने वाले वेंटिलेटर को टक्कर देने की क्षमता रखता है. ऐसा रेल कर्मियों और अधिकारियों का कहना है.