मुंगेर: बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) जिले में बाढ़ (Flood) को लेकर उप मुख्यमंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री तार किशोर प्रसाद (Deputy CM Tarkishore Prasad) ने समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक के दौरान जिले के पदाधिकारी और अधिकारी ने उप मुख्यमंत्री को बाढ़, आपदा और राजस्व से संबंधित जानकारी दी.
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समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि गंगा नदी का जलस्तर पिछले 22 सालों की तुलना में इस बार शिखर पर था. मुंगेर जिले के 6 प्रखंडों के 44 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुए. जिसमें से 21 पंचायत पूर्णरूप से प्रभावित थे. बाढ़ से इन पंचायतों के 331 गांव और वार्ड प्रभावित हुए. जिले में आयी बाढ़ की विभिषिका से 6 प्रखंडों में कुल 3 लाख 15 हजार की आबादी प्रभावित हुए. वहीं बाढ़ से 12 लोगों की जान भी चली गयी.
बाढ़ के दौरान जिले में राहत एवं बचाव दल में एनडीआरएफ के दो टीम सक्रिय भूमिका में रही. वहीं 26 सामुदायिक रसोई केन्द्र और 25 आपदा राहत शिविर भी बाढ़ के दौरान चलाये गये. जिले में 20 हजार पॉलिथीन सीट और 25 हजार सूखा राशन वितरित किया गया. बाढ़ के दौरान चलने वाले राहत शिविरों में 25 मोबाइल चिकित्सा दल सक्रिय थे.
समीक्षा बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि मोटे तौर पर 47761 परिवार जीआर के लिये चिन्हित किये गये हैं और 44296 परिवारों को भुगतान किया गया है. बाढ़ के कारण जिले में 12 लोगों की मृत्यु हुई है. इस मामले में मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की दर से 48 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
जिले के प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान एक पशु के मरने की खबर है. इस संबंध में पशु पालक को क्षतिपूर्ति की राशि भेजने की कार्रवाई की जा रह है. उन्होंने कहा कि मुंगेर में आठ लाख टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें से 6 लाख पूरा हो गया है और आने वाले दिनों में बाकी बचे भी पूरा कर लिया जाएगा.
उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बाढ़ से लाभ लेने में यदि कोई छुट गये हो तो जांच के बाद उन्हें भी लाभार्थी सूची में शामिल किया जायेगा. इस दौरान जिला पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि जमालपुर, बरियारपुर और सदर प्रखंड क्षेत्र के सभी कृषि योग्य भूमि को बाढ़ प्रभावित मानते हुए सभी को मुआवजा राशि दी जा रही है.
बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने खड़गपुर में विद्युत और जलापूर्ति को लेकर उपमुख्यमंत्री से सवाल किया कि इन दो बिन्दु पर समस्याएं हैं. जनप्रतिनिधियों के सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया की सभी जर्जर विद्युत उपकरणों को बदलने का प्रस्ताव दे. इस बैठक के दौरान राजस्व संग्रहण की भी समीक्षा की गयी.
उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि उद्यमी योजना के तहत ऋण प्राप्त करने में किसी प्रकार का जीएसटी निबंधन पत्र की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से कहा कि लक्ष्य के अनुरूप सभी विभाग राजस्व संग्रहण में मुस्तैदी के साथ कार्य करें और बाढ़ के कारण जो भी फसल बर्बाद हुई है उनका सही मुआवजा देना सुनिश्चित करें.
समीक्षा बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री के साथ जिला पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, मुंगेर विधायक प्रणव कुमार, विधायक अजय कुमार सिंह के अलावा जिलास्तरीय सभी पदाधिकारी और सभी राजनीतिक दलो के जिलास्तरीय अध्यक्ष उपस्थित रहे.
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