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मधुबनी: मूसलाधार बारिश से बाढ़ पीड़ितों की बढ़ी मुश्किलें, खौफ के साये में जी रहे लोग

जिले में हो रही 4 दिनों से मुसलाधार बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश के वजह से नदियां उफान पर है. लोग फिर से ऊंचे स्थान पर शरण लेना शुरू कर दिए हैं. बाढ़ की आशंका को लेकर लोग रतजगा करने को मजबूर हैं.

मधुबनी में बाढ़
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Published : Oct 1, 2019, 8:15 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 8:39 AM IST

मधुबनी: नेपाल की पहाड़ियों समेत जिले के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा से जिले की नदियां उफान पर हैं. जयनगर व झंझारपुर में कमला बलान का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. दोनों जगहों पर यह नदी खतरे के निशान से ऊपर है. इस कारण नरुआर टूट स्थल से पानी का बहाव शुरू हो गया है. लोग संभावित बाढ़ से सशंकित हैं.

बता दें कि जिले में हो रही 4 दिनों से मुसलाधार बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश के वजह से नदियां उफान पर है. कमला बलान और भुतही बलान के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले के नरुआर एवं गोपलखा गांवों में तटबंध से सटे टोला में फिर से बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

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मूसलाधार बारिश से बाढ़ पीड़ितों की बढ़ी मुश्किलें

खौफ के साये में जी रहे लोग
लोगों का जीवन दूभर हो गया है. लोग फिर से ऊंचे स्थान पर शरण लेना शुरू कर दिए हैं. बाढ़ की आशंका को लेकर लोग रतजगा करने को मजबूर हैं. कुछ दिनों पूर्व ही बाढ़ की विभिषिका का दंश झेल चुके लोगों में खौफ दिखाई देने लगा है. बीते जुलाई माह में बाढ़ ने दर्जनों पंचायत के गांवों को अपनी चपेट में लेकर काफी नुकसान पहुंचाया था.

पेश है रिपोर्ट

सरकार के रवैये से नाराज लोग
बाढ़ फिर से विकराल रूप धारण न कर लें, इससे लोग काफी डरे सहमे हुए हैं. बता दें कि पिछली बार जिले के नरूआर, गोपाल खा रखवारी में बांध का पश्चिमी तटबंध टूट गया था जिससे लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी. हजारों लोग घर से बेघर हुए थे. अभीतक इस टूटे हुए तटबंध का मरम्मत नहीं हो पाया है जिससे क्षेत्र के लोग भयभीत हैं. लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. अगर बांध का मरम्मती का कार्य समय पर हो गया रहता तो पानी दुबारा गांव में प्रवेश नहीं करता.

मधुबनी: नेपाल की पहाड़ियों समेत जिले के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा से जिले की नदियां उफान पर हैं. जयनगर व झंझारपुर में कमला बलान का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. दोनों जगहों पर यह नदी खतरे के निशान से ऊपर है. इस कारण नरुआर टूट स्थल से पानी का बहाव शुरू हो गया है. लोग संभावित बाढ़ से सशंकित हैं.

बता दें कि जिले में हो रही 4 दिनों से मुसलाधार बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश के वजह से नदियां उफान पर है. कमला बलान और भुतही बलान के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले के नरुआर एवं गोपलखा गांवों में तटबंध से सटे टोला में फिर से बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

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मूसलाधार बारिश से बाढ़ पीड़ितों की बढ़ी मुश्किलें

खौफ के साये में जी रहे लोग
लोगों का जीवन दूभर हो गया है. लोग फिर से ऊंचे स्थान पर शरण लेना शुरू कर दिए हैं. बाढ़ की आशंका को लेकर लोग रतजगा करने को मजबूर हैं. कुछ दिनों पूर्व ही बाढ़ की विभिषिका का दंश झेल चुके लोगों में खौफ दिखाई देने लगा है. बीते जुलाई माह में बाढ़ ने दर्जनों पंचायत के गांवों को अपनी चपेट में लेकर काफी नुकसान पहुंचाया था.

पेश है रिपोर्ट

सरकार के रवैये से नाराज लोग
बाढ़ फिर से विकराल रूप धारण न कर लें, इससे लोग काफी डरे सहमे हुए हैं. बता दें कि पिछली बार जिले के नरूआर, गोपाल खा रखवारी में बांध का पश्चिमी तटबंध टूट गया था जिससे लाखों की आबादी प्रभावित हुई थी. हजारों लोग घर से बेघर हुए थे. अभीतक इस टूटे हुए तटबंध का मरम्मत नहीं हो पाया है जिससे क्षेत्र के लोग भयभीत हैं. लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. अगर बांध का मरम्मती का कार्य समय पर हो गया रहता तो पानी दुबारा गांव में प्रवेश नहीं करता.

Intro:मूसलाधार बारिश से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किल बढ़ी,लोग हैं आक्रांत,मधुबनी


Body:मधुबनी
कमला बलान नदी एक बार फिर उफान पर है ।कमला नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है । पानी गांव में फिर प्रवेश कर गया है लोग का जीवन दूभर हो गया है। लोग फिर से ऊंचा स्थान पर शरण लेना शुरू कर दिए हैं जिले में हो रही 4 दिनों से मुसला धार बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश के वजह से नदियां उफान पर है।कमला बलान,भुतही बलान पर है लोगों को जुलाई में आई बाढ़ की तबाही याद आ रही है कहीं फिर बाढ़ विकराल रूप धारण न कर लें लोग काफी डरे सहमे हुए हैं जिले के नरूआर, गोपाल खा रखवारी में बांध का पश्चिमी तटबंध टूट गया था जिससे लाखो की आबादी प्रभावित हुई थी हजारों लोग घर से बेघर हुए थे इस टूटे हुए तटबंध मरम्मत कार्य नहीं किया गया विभागीय उदासीनता के कारण जिस वजह से पुनः गांव में पानी प्रवेश कर गया है।अधिकारी के द्वारा ठोस कदम नही उठाया गया है।अगर बंधोबकी मरम्मत कार्य संपन्न हुआ होता तो वारिश की पानी गांव में प्रवेश नही करता।
बाइट मनोज कुमार ,स्थानीय निवासी
राजकुमार झा ,
मधुबनी


Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 8:39 AM IST
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