मधुबनीः डिजिटल इंडिया के समय में भी मधुबनी के महादलित गांव के लोग आज भी विकास की राह देख रहे हैं. इस बस्ती में एक भी शौचालय नहीं है. लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. यहां के लोगों को किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलता है. चाहे वह इंदिरा आवास योजना हो, उज्जवला योजना हो या आयुष्मान योजना.
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मधुबनी गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर
एक तरफ हम डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं, लेकिन बदलते भारत में बिहार की एक तस्वीर यह भी है कि यहां एक भी शौचालय नहीं है. यहां आज भी महिलाएं और पुरूष खुले आसमान में शौच जाने को मजबूर है. यहां सौ घर महादलितों की बसती है. इस गांव में विकास के नाम पर केवल बिजली ही दिखती है.
सरकारी योजनाओं का नही मिलता इन्हे लाभ
यहां बच्चों के पढ़ने के लिए ना तो विद्यालय है और ना ही ग्रामीणों को किसी भी सरकारी योजनाओं के सही से लाभ मिला है. इंदिरा आवास योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान योजना जैसी बाकी सारी सरकारी योजनाओं का लाभ इनको नहीं मिलता.
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एसडीएम ने कहा महादलितों का किया जाएगा विकास
एसडीएम अंशुल अग्रवाल ने बताया कि महादलितों के विकास के लिए काफी योजनाएं हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारी की देखरेख में योजनाओं का क्रियान्वयन होता रहता है और हर प्रकार से इन लोगों का विकास किया जाएगा.