मधुबनी: सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. लेकिन धरातल पर विभाग की स्थिति सुधरने के बजाय दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. दरअसल, मामला आईएसओ मान्यता प्राप्त अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर का है. यहां अस्पताल में मुलभूत सुविधाओं के साथ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
'दुर्गंध से जीना हुआ मुहाल'
इस बाबात अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सभी सुविधाएं नदारद है. यहां पर मरीजों के लिए ना तो बेड उपलब्ध है और ना ही अस्पताल नियमानुसार मरीजों को भोजन दिया जाता है. अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस वजह से यहां पर दुर्गंध से जीना मुहाल है. रात में काफी ठंड हो जाती है. बाबजूद इसके मरीजों को कंबल नहीं दिया जाता है. हालांकि अस्पताल में कंबल मौजूद है. लेकिन यह केवल अस्पताल की आलमारी की शोभा बढ़ा रही है. रात में कंबल मांगने पर अस्पताल कर्मी दुत्कार कर भगा देते हैं.
अस्पताल में पुराना कंबल है- प्रभारी डॉक्टर
इस मामले पर अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर सुशील कुमार पूर्वे ने बताया कि अस्पताल में नया कंबल नहीं है. पुराने कंबल से काम चलाया जा रहा है. इसको लेकर पहले भी मरीजों ने शिकायत की थी. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. अस्पताल प्रशासन मरीजों को हर सरकारी सुविधाएं दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है.