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मधुबनी: बदहाल अवस्था में है ISO मान्यता प्राप्त अस्पताल, दुर्गंध से मरीजों का जीना मुहाल

आईएसओ मान्यता प्राप्त अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर में मुलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. इलाज कराने आए मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर रात में ठंढ बढ़ने पर मरीजों को कंबल नहीं देने का आरोप लगाया है.

बदहाल अवस्था में ISO मान्यता प्राप्त अस्पताल
बदहाल अवस्था में ISO मान्यता प्राप्त अस्पताल
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Published : Feb 9, 2020, 4:39 PM IST

मधुबनी: सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. लेकिन धरातल पर विभाग की स्थिति सुधरने के बजाय दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. दरअसल, मामला आईएसओ मान्यता प्राप्त अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर का है. यहां अस्पताल में मुलभूत सुविधाओं के साथ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

अस्पताल में लगा हुआ बेड
अस्पताल में लगे बेड

'दुर्गंध से जीना हुआ मुहाल'
इस बाबात अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सभी सुविधाएं नदारद है. यहां पर मरीजों के लिए ना तो बेड उपलब्ध है और ना ही अस्पताल नियमानुसार मरीजों को भोजन दिया जाता है. अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस वजह से यहां पर दुर्गंध से जीना मुहाल है. रात में काफी ठंड हो जाती है. बाबजूद इसके मरीजों को कंबल नहीं दिया जाता है. हालांकि अस्पताल में कंबल मौजूद है. लेकिन यह केवल अस्पताल की आलमारी की शोभा बढ़ा रही है. रात में कंबल मांगने पर अस्पताल कर्मी दुत्कार कर भगा देते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अस्पताल में पुराना कंबल है- प्रभारी डॉक्टर
इस मामले पर अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर सुशील कुमार पूर्वे ने बताया कि अस्पताल में नया कंबल नहीं है. पुराने कंबल से काम चलाया जा रहा है. इसको लेकर पहले भी मरीजों ने शिकायत की थी. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. अस्पताल प्रशासन मरीजों को हर सरकारी सुविधाएं दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है.

मधुबनी: सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. लेकिन धरातल पर विभाग की स्थिति सुधरने के बजाय दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. दरअसल, मामला आईएसओ मान्यता प्राप्त अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर का है. यहां अस्पताल में मुलभूत सुविधाओं के साथ गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

अस्पताल में लगा हुआ बेड
अस्पताल में लगे बेड

'दुर्गंध से जीना हुआ मुहाल'
इस बाबात अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज के परिजन ने बताया कि अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सभी सुविधाएं नदारद है. यहां पर मरीजों के लिए ना तो बेड उपलब्ध है और ना ही अस्पताल नियमानुसार मरीजों को भोजन दिया जाता है. अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिस वजह से यहां पर दुर्गंध से जीना मुहाल है. रात में काफी ठंड हो जाती है. बाबजूद इसके मरीजों को कंबल नहीं दिया जाता है. हालांकि अस्पताल में कंबल मौजूद है. लेकिन यह केवल अस्पताल की आलमारी की शोभा बढ़ा रही है. रात में कंबल मांगने पर अस्पताल कर्मी दुत्कार कर भगा देते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अस्पताल में पुराना कंबल है- प्रभारी डॉक्टर
इस मामले पर अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर सुशील कुमार पूर्वे ने बताया कि अस्पताल में नया कंबल नहीं है. पुराने कंबल से काम चलाया जा रहा है. इसको लेकर पहले भी मरीजों ने शिकायत की थी. फिलहाल मामले की जांच चल रही है. अस्पताल प्रशासन मरीजों को हर सरकारी सुविधाएं दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है.

Intro:मधुबनी
आईएसओ मान्यता प्राप्त अस्पताल बदहाल स्थिति में है,गंदगी का ढेर,मरीजों को मिलने वाली सुविधा नदारद,


Body:मधुबनी
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन अस्पताल में गंदगी की ढेर लगी हुई है ।आईएसओ मान्यता प्राप्त अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर की स्थिति है। आप साफ तौर पर देख सकते हैं बेसिन की क्या स्थिति है गंदगी की ढेर लगी हुई है ।मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं नदारद है।मरीजो को सही से ना ही बेड पर बेडशीट, ठंड में रात को कंबल भी नहीं दी जा रही हैं, सही से दवा और ना ही मरीजों को भोजन ही दिया जा रहा है ।लोगों में काफी आक्रोश पनपता जा रहा है। मरीज के परिजन ने बताया साफ सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये स्वास्थ्य विभाग में खर्च किया जा रहा है , लेकिन अस्पताल की स्थिति बद से बदतर है।अस्पताल में दुर्गंध से जीना मुहाल है।इतनी भीषण ठंड होने के बावजूद भीमरीजों को रात में कम्बल नही दी जा रही हैं। जबकि यह कमल अलमारी का शोभा बढ़ा रही हैं। मांगने के उपरांत भी मरीजों को कंबल नहीं दी जाती है रात में बेचारे मरीज बेडशीट को ही डबल करके उठकर रात बिता रहे हैं वही प्रभारी सुशील डॉक्टर सुशील कुमार पूर्वे ने बताया नया कंबल तो नहीं है लेकिन पुराना कंबल है । पहले भी शिकायत हमे इसकी आई थी इसकी जांच करवा ले रहे हैं। मरीजों को सुविधाएं मिलनी चाहिए। बेड पर बेडशीट गंदगी के सवाल पर चुप्पी साध ली।लेकिन प्रभारी साहब को यह पता नहीं है गरीब गुरबा इस मिशन ठंड में कैसे रात काट रहे है। ठंडी बीर जाने के बाद एक कंबल का रहना क्या औचित्य होगा।
बाइट रामकुमार मरीज के परिजन
बाइट डॉ सुशील कुमार पूर्वे प्रभारी उपाधीक्षक
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:अब देखना है प्रभारी उपाधीक्षक मरीजो के शिकायत पर क्या निवारण करते हैं उन्होंने खुद स्वीकार किया है पहले भी शिकायत मिली थी लेकिन शिकायत मिलने के बावजूद भी प्रभारी कुंभकरण निद्रा में सोते रहे ठंड बीतती रही। अस्पताल की दुर्दशा हो गई है।
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