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मधुबनी में खाद कालाबाजारी के विरोध में किसानों का प्रदर्शन, जिला कृषि पदाधिकारी को हटाने की मांग - Fertilizer black marketing in Madhubani

मधुबनी में सैकड़ों किसानों ने खाद कालाबाजारी के खिलाफ प्रदर्शन (Farmers protest in Madhubani) किया. समाहरणालय पहुंचकर किसानों ने जिला कृषि पदाधिकारी के बर्खास्तगी की मांग की. कृषि पदाधिकारी पर खाद कलाबाजारी कराने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.

मधुबनी में खाद कालाबाजारी के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
मधुबनी में खाद कालाबाजारी के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Dec 2, 2022, 3:50 PM IST

मधुबनीः बिहार के मधुबनी में खाद कालाबाजारी के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन (Farmers protest against fertilizer black marketing ) किया. सैकड़ों की तादाद में समाहरणालय पहुंचे किसानों ने जिला कृषि पदाधिकारी पर खाद कालाबाजारी कराने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की. किसानों का कहना था कि कृषि पदाधिकारी दो सालों से खाद माफियाओं को संरक्षण दे रहे है. ट्रैक्टरों में भरकर किसान समाहरणालय पहुंचे हुए थे. किसानों के कंट्रोल करने के लिए भारी तादाद में पुलिस लाइन से फोर्स मंगाई गई.

ये भी पढ़ेंः मधेपुरा में खाद कालाबाजारी की शिकायत पर गोदामों में छापेमारी

मधुबनी में खाद कालाबाजारी के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

समाहरणालय के समक्ष किसानों ने दिया धरनाः डीएओ की बर्खास्तगी की मांग को लेकर समाहरणालय पर सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे. किसानों ने खाद कलाबाजारी कराने में इनकी भूमिका पर कृषि पदाधिकारी पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहे. प्रदर्शन में जिले भर से ट्रैक्टर में भरकर किसान वहां पहुंचे हुए थे. किसानों ने कहा कि जब तक डीएओ के हटाया नहीं जाता है आंदोलन जारी रहेगा.

डीएओ को बर्खास्त करने की मांगः किसानों का कहना है कि उन्हें खाद और बीज दोगुने कीमत में खरीदनी पड़ रही है. कृषि अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं. समाहरणालय के समक्ष किसानधरना पर बैठ गए. धरना पर बैठे पूर्व मुखिया अनिल कुमार मिश्र, अनिल सिंह, मो. कुद्दुश, मो. साबिर, मो. आबिद. मो. वकील, कमरे आलम, जय नारायण यादव समेत सैकड़ों किसानों ने बताया कि यदि सुधार नहीं हुआ तो जिला कृषि पदाधिकारी सहित सभी कृषि अधिकारी को नजरबंद किया जाएगा. जब तक कृषि पदाधिकारी बर्खास्त नहीं होते हैं आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.

किसानों को नहीं मिल रहा खाद और बीजः प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दो सालों से माफियाओं को कृषि पदाधिकारी संरक्षण दे रहे हैं. आधे दर्जन से अधिक अवैध गोदामों को पिछले साल भी सील किया गया. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस साल भी जिले के दर्जनों अवैध गोदामों में खाद भरा हुआ है और किसानों को दोगुने कीमत में लेना पड़ रहा है. सरकारी दुकानों पर किसानों को खाद नहीं मिल रहा है और अवैध दुकानों में खाद बेचा जा रहा है. बड़ा खुलासा जिला कृषि पदाधिकारी से हो सकता है. क्योंकि खाद के ट्रांसपोर्टेशन के सभी वाहनों में जीपीएस लगे होते हैं.

कृषि पदाधिकारी के कारण चौपट हो रही जिले में खेतीः जिला कृषि पदाधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाए. कृषि पदाधिकारियों की भूमिका को लेकर किसानों में जबरदस्त आक्रोश है. मधुबनी में खेती को चौपट करने का आरोप किसान कृषि अधिकारियों पर लगा रहे हैं. किसानों ने कहा कि एक दिवसीय प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन और सरकार को चेताया जा रहा है. यदि कृषि पदाधिकारी बर्खास्त नहीं होते हैं और माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं होती है तो जिला कृषि पदाधिकारी सहित सभी कृषि अधिकारियों को नजरबंद कर दिया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन और सरकार पूरी तरह जवाबदेह होगी.

"मधुबनी में खाद की कालाबाजारी हो रही थी. एसडीओ ने कालाबाजारी करने वालों को पकड़ा. कालाबाजारी करने वालों ने एसडीओ के खिलाफ आंदोलन किया. जिला कृषि पदाधिकारी और कार्यालय में जो लोग कालाबाजारी करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं उन्हें बर्खास्त किया जाए. जब तक कार्रवाई नहीं होती तबतक आंदोलन होगा"- अनिल कुमार सिंह, किसान

मधुबनीः बिहार के मधुबनी में खाद कालाबाजारी के खिलाफ किसानों ने प्रदर्शन (Farmers protest against fertilizer black marketing ) किया. सैकड़ों की तादाद में समाहरणालय पहुंचे किसानों ने जिला कृषि पदाधिकारी पर खाद कालाबाजारी कराने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की. किसानों का कहना था कि कृषि पदाधिकारी दो सालों से खाद माफियाओं को संरक्षण दे रहे है. ट्रैक्टरों में भरकर किसान समाहरणालय पहुंचे हुए थे. किसानों के कंट्रोल करने के लिए भारी तादाद में पुलिस लाइन से फोर्स मंगाई गई.

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मधुबनी में खाद कालाबाजारी के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

समाहरणालय के समक्ष किसानों ने दिया धरनाः डीएओ की बर्खास्तगी की मांग को लेकर समाहरणालय पर सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे. किसानों ने खाद कलाबाजारी कराने में इनकी भूमिका पर कृषि पदाधिकारी पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहे. प्रदर्शन में जिले भर से ट्रैक्टर में भरकर किसान वहां पहुंचे हुए थे. किसानों ने कहा कि जब तक डीएओ के हटाया नहीं जाता है आंदोलन जारी रहेगा.

डीएओ को बर्खास्त करने की मांगः किसानों का कहना है कि उन्हें खाद और बीज दोगुने कीमत में खरीदनी पड़ रही है. कृषि अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं. समाहरणालय के समक्ष किसानधरना पर बैठ गए. धरना पर बैठे पूर्व मुखिया अनिल कुमार मिश्र, अनिल सिंह, मो. कुद्दुश, मो. साबिर, मो. आबिद. मो. वकील, कमरे आलम, जय नारायण यादव समेत सैकड़ों किसानों ने बताया कि यदि सुधार नहीं हुआ तो जिला कृषि पदाधिकारी सहित सभी कृषि अधिकारी को नजरबंद किया जाएगा. जब तक कृषि पदाधिकारी बर्खास्त नहीं होते हैं आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.

किसानों को नहीं मिल रहा खाद और बीजः प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दो सालों से माफियाओं को कृषि पदाधिकारी संरक्षण दे रहे हैं. आधे दर्जन से अधिक अवैध गोदामों को पिछले साल भी सील किया गया. इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस साल भी जिले के दर्जनों अवैध गोदामों में खाद भरा हुआ है और किसानों को दोगुने कीमत में लेना पड़ रहा है. सरकारी दुकानों पर किसानों को खाद नहीं मिल रहा है और अवैध दुकानों में खाद बेचा जा रहा है. बड़ा खुलासा जिला कृषि पदाधिकारी से हो सकता है. क्योंकि खाद के ट्रांसपोर्टेशन के सभी वाहनों में जीपीएस लगे होते हैं.

कृषि पदाधिकारी के कारण चौपट हो रही जिले में खेतीः जिला कृषि पदाधिकारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाए. कृषि पदाधिकारियों की भूमिका को लेकर किसानों में जबरदस्त आक्रोश है. मधुबनी में खेती को चौपट करने का आरोप किसान कृषि अधिकारियों पर लगा रहे हैं. किसानों ने कहा कि एक दिवसीय प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन और सरकार को चेताया जा रहा है. यदि कृषि पदाधिकारी बर्खास्त नहीं होते हैं और माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं होती है तो जिला कृषि पदाधिकारी सहित सभी कृषि अधिकारियों को नजरबंद कर दिया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन और सरकार पूरी तरह जवाबदेह होगी.

"मधुबनी में खाद की कालाबाजारी हो रही थी. एसडीओ ने कालाबाजारी करने वालों को पकड़ा. कालाबाजारी करने वालों ने एसडीओ के खिलाफ आंदोलन किया. जिला कृषि पदाधिकारी और कार्यालय में जो लोग कालाबाजारी करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं उन्हें बर्खास्त किया जाए. जब तक कार्रवाई नहीं होती तबतक आंदोलन होगा"- अनिल कुमार सिंह, किसान

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