मधुबनी : आजादी का 73वां वर्षगांठ मनाने के साथ ही हम चांद पर आशियाना बनाने की बात कर रहे हैं. लेकिन मधुबनी के इस गांव में अभी भी बांस और पेड़ के सहारे बिजली की आपूर्ति की जा रही है. जिसकी वजह से कभी भी बड़ी घटना घट सकती है. लोगों ने इसकी शिकायत कई बार बिजली विभाग से की है. लेकिन बिजली विभाग कुंभकरण निद्रा में सोए हुए हैं.
बांस के सहारे की जा रही बिजली की आपूर्ति
नीतीश कुमार जी बिहार में हर घर बिजली मुहैया कराने की करने बात कर रहे हैं. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. दरअसल मधुबनी जिले में नारायणपुर फीडर से एक सौ से अधिक उपभोक्ता को बिजली की आपूर्ति बांस के सहारे की जा रही है, और बिजली विभाग मुक दर्शक बनी हुई है. इसकी वजह से उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के लिए मीटर कनेक्शन और बिजली खम्भे की व्यवस्था नहीं की है. इसके बावजुद बिजली विभाग बिजली बिल वसूलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. ग्रामीणों ने बताया कि बिना मीटर के ही बिजली विभाग मनमर्जी ढंग से बिजली बिल वसूल रहे हैं. पिछले एक साल से इसी तरह बिजली आपूति की जा रही हैं. जिसकी वजह से खासकर शाम के समय में बच्चों को पढ़ाई करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं विधुत प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अधिकांश जगहों पर जर्जर तार को बदला दिया गया है. इसके साथ ही स्कोप का डिमांड किया गया है. उन्होंने कहा कि लो वोल्टेज ट्रांसफरमर में फीउज उड़ने और शॉट लगने के कारण समस्या उत्पन्न होती है, जिसे तुरंत ठीक करने का आदेश दिया गया है. अब देखना है कि सरकार की कुंभकरण नींद कब खुलती है और इन ग्रामीणों को बिजली पोल की व्यवस्था कब तक उपलब्ध कराई जाती है.