मधुबनी: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) को लेकर पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता (Code Of Conduct In Bihar) लागू है. लेकिन कई जगहों पर इसकी अवहेलना हो रही है. ऐसा ही एक मामला मधुबनी के हरलाखी से सामने आया है. यहांं मतदाताओं को लुभाने के लिए मुखिया ने बार बालाओं (Bar Girls Dance In Madhubani) से जमकर ठुमके लगवाए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Viral Video From Madhubani) हो रहा है.
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हरलाखी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरकार और प्रशासन पूरी तरह से सख्त है. लेकिन इस दौरान एक मुखिया ने प्रचार करने का अलग ही तरीका अपना लिया है. मुखिया जी को आचार संहिता की भी परवाह नहीं है. दरअसल जिले के हरलाखी प्रखण्ड स्थित गंगौर पंचायत के मुखिया शिवचंद्र मिश्रा इन दिनों अपने पंचायत के मतदाताओं को रिझाने के लिए बार बालाओं को डांस करा रहे हैं.
मुखिया शिवचंद्र मिश्रा ने अपने पंचायत में विश्वकर्मा पूजा के बहाने बार बालाओं से जमकर ठुमके लगवाये. साथ ही स्टेज के आस पास मुखिया जी ने बैनर पोस्टर भी लगवा दिए, जिसमें मुखिया जी का फोटो भी दिख रहा है. इस दौरान मुखिया शिवचंद्र मिश्रा ने लोगों से बैनर के माध्यम से अपने पक्ष में वोट देने की अपील की. इसमें लिखा हुआ था 'फिर से एक बार शिवचंद्र मिश्रा को मुखिया बनाना है.'
मुखिया जी के द्वारा जनता से वोट मांगने के इस तरीके की हर ओर चर्चा हो रही है. बार बालाओं के डांस को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ भी उमड़ पड़ी थी. पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद इस तरह से बार बालाओं को नाचवाना, कहीं न कहीं चुनाव आयोग और प्रशासनिक अधिकारियों को चुनौती देने के बराबर है. आचार संहिता के उल्लंघन में मुखिया पर हरलाखी थाने में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है, जिसका पुष्टि हरलाखी सीओ सौरव कुमार ने की है.
"गंगौर पंचायत के मुखिया शिवचंद्र मिश्रा ने विश्वकर्मा पूजा में एक कार्यक्रम के दौरान स्टेज पर अपना बैनर भी लगाया था. उसमें पार्टी का नाम भी था, जो आचार संहिता का उल्लंघन है. मुखिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया गया है."- सौरव कुमार,सीओ, हरलाखी
बता दें कि आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य सभी राजनीतिक दलों के लिए बराबरी का समान स्तर उपलब्ध कराना, प्रचार अभियान को स्वस्थ्य रखना और राजनीतिक दलों के बीच विवाद को टालना है. सत्ताधारी पार्टी इस दौरान सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग नहीं कर सके, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं. इस दौरान मंत्री या अधिकारी अनुदान, नई योजनाओं की घोषणा, लोकार्पण, शिलान्यास, भूमिपूजन या किसी प्रकार का कोई कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं.
नोट- ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करती है.
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