मधुबनी: सारण जहरीली शराबकांड को (Bihar Hooth Tragedy) लेकर पूरे बिहार में आक्रोश है. बीजेपी बिहार सरकार को घेरने में लगी है. इसी क्रम में बिहार के मधुबनी में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सीएम नीतीश कुमार का पुतला(BJP Leader Burnt Effigy Of CM Nitish Kumar) फूंका. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बिहारी करे पुकार कुछ तो करिए नीतीश कुमार का नारा लगाते हुए पदयात्रा निकाली.
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बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आक्रोश, पदयात्रा निकाली : शराब माफिया, प्रशासन गठजोड़ पर लगाम लगाओ (Chapra Hooch Tragedy) आदि नारे के साथ बीजेपी नेताओं ने आक्रोश पदयात्रा निकाली. पूर्व मंत्री सह विधायक झंझारपुर नीतीश मिश्रा और प्रदेश उपाध्यक्ष मृत्युंजय झा के नेतृत्व में झांझरपुर में पुरानी बाजार पोस्ट ऑफिस चौक से थाना चौक होते हुए, हटिया, गाछी चौक तक पदयात्रा निकाली गई.
'शराब माफिया और प्रशासन के गठजोड़ पर लगाम लगानी चाहिए. पीड़ित परिवार को मुआवजा देनी चाहिए. साथ ही अवैध शराब कारोबार के धंधे को बंद करना चाहिए. इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. कुछ साल पूर्व विधानसभा परिसर में शराब की 2 बोतलें मिलने पर डीजीपी तक जांच करने पहुंच गए थे जो पूरे देश में सुर्खियां बटोरी थी. लेकिन सैकड़ों की संख्या में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो जा रही है. जिस पर सरकार चुप्पी साधी हुई है.' - नीतीश मिश्रा, बीजेपी विधायक
BJP कार्यकर्ताओं ने CM नीतीश का फूंका पुतला : जिले के बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सारण में जहरीली शराब से हो रही मौत को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई और नारेबाजी की. इस मौके पर बीजेपी के विधायक नीतीश मिश्रा ने बिहार के महागठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कि राज्य सरकार संवेदनहीन हो गई है. मुख्यमंत्री जी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. 2016 में शराब से हुई मौत पर सरकार के द्वारा मुआवजा राशि दी गई थी. लेकिन इस बार सरकार कह रही है कि दारू पियोगे तो मरोगे ही. यह नीतीश कुमार का बयान काफी ही निंदनीय है.
सारण में शराब पीने से कई लोगों की मौत : गौरतलब है कि शराबबंदी वाले बिहार (Liquor Ban In Bihar) के छपरा में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही (Suspected death in Chhapra due to poisonous liquor) है. जहरीला पदार्थ पीने से अब तक 75 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन की ओर से 67 मौतों की पुष्टि संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से की गई है. सारण के मशरक थाना क्षेत्र, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही ये मौतें ज्यादा हुईं हैं. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, ये टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है. सारण जिला प्रशासन को अभी भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.