मधुबनी: बिहार में कुछ महीने पहले आई बाढ़ ने कई जिलों में कोहराम मचा दिया था. इस तबाही में मधुबनी का कमला बलान पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. लोगों के घर उजड़ गए थे. लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. त्रासदी के शिकार लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है और सरकार उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं करा रही है.
बाढ़ ने ली थी 35 लोगों की जान
दरअसल, बाढ़ की त्रासदी से जिले के 18 प्रखंड के 235 पंचायत प्रभावित हुए थे. जिसमें 583 गांवों के करीब 14 लाख की आबादी पूरी तरह से बाढ़ के कारण तबाह हो गई थी. इस बाढ़ में 35 लोगों की जान भी चली गई थी, जबकि लाखों लोग घर से बेघर हो गए थे.
लोगों के सामने है भुखमरी की स्थिति
बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से त्रासदी के शिकार लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. जिन लोगों के मकान धवस्त हो गए थे, उन्हें प्रशासन की तरफ से आईबी के भवन में ठहराया गया था. साथ ही कुछ महीनों तक कैंप के माध्यम से इन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई. लेकिन अब इन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है.
बेबस पड़ा है परिवार
एक बाढ़ पीड़िता ने बताया कि इस बाढ़ में हमारा मकान, हमारी संपत्ति सब बह गया. किसी प्रकार हम सब की जान बच पाई है. घर नहीं होने के कारण हम इधर-उधर रहने को मजबूर हैं. वहीं, इस ठंड में हमें रात गुजारने में बहुत तकलीफ होती है. हमारा परिवार बेबश पड़ा रहता है.
सरकार की तरफ से नहीं मिल रही है मदद
इस गांव की ही एक अन्य महिला ने बताया कि बाढ़ के बाद प्रशासन का तरफ से हमें थोड़ी मदद मिली थी, लेकिन कुछ महीने बीत जाने के बाद हमें उसी हाल में छोड़ दिया गया. हम जैसे-तैसे अपना गुजारा करते हैं. इस बाढ़ में हमार घर बार पूरी तरह से बिखर गया. हम सड़क पर आ गए, लेकिन सरकार की तरफ से हमें कोई मदद नहीं मिल रही है.
घर और जमीन की मांग
वहीं, इस बाढ़ त्रासदी के बाद गांव के लोगों द्वारा लगातार सरकार और जिला प्रशासन से आवास योजना के तहत घर और जमीन देने की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक उनकी तरफ से गांव के लोगों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है.