ETV Bharat / state

कड़ाके की ठंड में दर-दर भटकने को मजबूर हैं बाढ़ पीड़ित, सरकार से नहीं मिल रही कोई मदद

इस बाढ़ त्रासदी के बाद गांव के लोगों द्वारा लगातार सरकार और जिला प्रशासन से आवास योजना के तहत घर और जमीन देने की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक उनकी तरफ से गांव के लोगों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है.

flood
flood
author img

By

Published : Jan 4, 2020, 11:00 AM IST

मधुबनी: बिहार में कुछ महीने पहले आई बाढ़ ने कई जिलों में कोहराम मचा दिया था. इस तबाही में मधुबनी का कमला बलान पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. लोगों के घर उजड़ गए थे. लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. त्रासदी के शिकार लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है और सरकार उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं करा रही है.

madhubani
तलाब में तब्दील हुआ गांव

बाढ़ ने ली थी 35 लोगों की जान
दरअसल, बाढ़ की त्रासदी से जिले के 18 प्रखंड के 235 पंचायत प्रभावित हुए थे. जिसमें 583 गांवों के करीब 14 लाख की आबादी पूरी तरह से बाढ़ के कारण तबाह हो गई थी. इस बाढ़ में 35 लोगों की जान भी चली गई थी, जबकि लाखों लोग घर से बेघर हो गए थे.

madhubani
बाढ़ में तबाह हुए थे कई घर

लोगों के सामने है भुखमरी की स्थिति
बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से त्रासदी के शिकार लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. जिन लोगों के मकान धवस्त हो गए थे, उन्हें प्रशासन की तरफ से आईबी के भवन में ठहराया गया था. साथ ही कुछ महीनों तक कैंप के माध्यम से इन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई. लेकिन अब इन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है.

madhubani
घर में बेघर हुए कई परिवार

बेबस पड़ा है परिवार
एक बाढ़ पीड़िता ने बताया कि इस बाढ़ में हमारा मकान, हमारी संपत्ति सब बह गया. किसी प्रकार हम सब की जान बच पाई है. घर नहीं होने के कारण हम इधर-उधर रहने को मजबूर हैं. वहीं, इस ठंड में हमें रात गुजारने में बहुत तकलीफ होती है. हमारा परिवार बेबश पड़ा रहता है.

madhubani
नदी की धारा में बहा लोगों का सामान

सरकार की तरफ से नहीं मिल रही है मदद
इस गांव की ही एक अन्य महिला ने बताया कि बाढ़ के बाद प्रशासन का तरफ से हमें थोड़ी मदद मिली थी, लेकिन कुछ महीने बीत जाने के बाद हमें उसी हाल में छोड़ दिया गया. हम जैसे-तैसे अपना गुजारा करते हैं. इस बाढ़ में हमार घर बार पूरी तरह से बिखर गया. हम सड़क पर आ गए, लेकिन सरकार की तरफ से हमें कोई मदद नहीं मिल रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

घर और जमीन की मांग
वहीं, इस बाढ़ त्रासदी के बाद गांव के लोगों द्वारा लगातार सरकार और जिला प्रशासन से आवास योजना के तहत घर और जमीन देने की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक उनकी तरफ से गांव के लोगों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है.

मधुबनी: बिहार में कुछ महीने पहले आई बाढ़ ने कई जिलों में कोहराम मचा दिया था. इस तबाही में मधुबनी का कमला बलान पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. लोगों के घर उजड़ गए थे. लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. त्रासदी के शिकार लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है और सरकार उन्हें किसी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं करा रही है.

madhubani
तलाब में तब्दील हुआ गांव

बाढ़ ने ली थी 35 लोगों की जान
दरअसल, बाढ़ की त्रासदी से जिले के 18 प्रखंड के 235 पंचायत प्रभावित हुए थे. जिसमें 583 गांवों के करीब 14 लाख की आबादी पूरी तरह से बाढ़ के कारण तबाह हो गई थी. इस बाढ़ में 35 लोगों की जान भी चली गई थी, जबकि लाखों लोग घर से बेघर हो गए थे.

madhubani
बाढ़ में तबाह हुए थे कई घर

लोगों के सामने है भुखमरी की स्थिति
बाढ़ के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से त्रासदी के शिकार लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. जिन लोगों के मकान धवस्त हो गए थे, उन्हें प्रशासन की तरफ से आईबी के भवन में ठहराया गया था. साथ ही कुछ महीनों तक कैंप के माध्यम से इन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई. लेकिन अब इन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है.

madhubani
घर में बेघर हुए कई परिवार

बेबस पड़ा है परिवार
एक बाढ़ पीड़िता ने बताया कि इस बाढ़ में हमारा मकान, हमारी संपत्ति सब बह गया. किसी प्रकार हम सब की जान बच पाई है. घर नहीं होने के कारण हम इधर-उधर रहने को मजबूर हैं. वहीं, इस ठंड में हमें रात गुजारने में बहुत तकलीफ होती है. हमारा परिवार बेबश पड़ा रहता है.

madhubani
नदी की धारा में बहा लोगों का सामान

सरकार की तरफ से नहीं मिल रही है मदद
इस गांव की ही एक अन्य महिला ने बताया कि बाढ़ के बाद प्रशासन का तरफ से हमें थोड़ी मदद मिली थी, लेकिन कुछ महीने बीत जाने के बाद हमें उसी हाल में छोड़ दिया गया. हम जैसे-तैसे अपना गुजारा करते हैं. इस बाढ़ में हमार घर बार पूरी तरह से बिखर गया. हम सड़क पर आ गए, लेकिन सरकार की तरफ से हमें कोई मदद नहीं मिल रही है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

घर और जमीन की मांग
वहीं, इस बाढ़ त्रासदी के बाद गांव के लोगों द्वारा लगातार सरकार और जिला प्रशासन से आवास योजना के तहत घर और जमीन देने की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक उनकी तरफ से गांव के लोगों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है.

Intro:जिले में कमला बलान नदी में आई बाढ़ की भयंकर त्रासदी से 35 लोगो की हुई मौत करोड़ो रूपये की संपत्ति बर्बाद, मधुबनी


Body:मधुबनी
कमला बलान में आई प्रलयंकारी बाढ़ ने मधुबनी जिले के कोहराम मचा दिया ।मधुबनी के झंझारपुर अनुमंडल के नरूआर, औझल गोपलखा,रखवारी में कमला बलान नदी का रौद्र रूप देखने को मिला ।इन गांव को कमला बलान नदी अपने आगोश में ले लिया। नरूआर गांव में 65 मकान थी जहां अधिकांश मकाने नदी की धारा में बह गए जो कुछ भी मकान बची वह ध्वस्त हो चुकी है। मकान के बीच तालाब नुमा गड्ढे हो गए हैं। लोगों को जीना दूभर हो चुका है ।बाढ़ की त्रासदी से जिले के 18 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हुई जिसमें 235 पंचायत के 583 गांवों के करीब 14 लाख की आबादी पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित हुई। लोग घर से बेघर हो गए कई मकाने नदी की धारा में बह गई मस्जिद नदी में बह गई बाढ़ से जिले में 35 लोगों की मौत हुई जिला प्रशासन के द्वारा 48 घंटे के बाद बाढ़ में फंसे लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया जिसमें काफी लोगों की जान बचाई गई नहीं तो मौत की आंकड़ा बहुत होती ।जिला प्रशासन के द्वारा नरुआर गांव 65 मकान ध्वस्त हुआ उन लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर आईबी के भवन में ठहराया गया जिला प्रशासन द्वारा कुछ महीनों तक इन लोगों का कैंप के माध्यम से भोजन की व्यवस्था की गई लेकिन अब इन लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है। आईबी में ठहरे बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन के द्वारा खाली करने का भी निर्देश दिया गया है। इन लोगों के सामने किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति बनी हुई है सारा संपत्ति, घर द्वार नदी की धारा में बह चुका है आखिर लोग रहे तो कहां रहे जिला प्रशासन के द्वारा इन्हें कुछ लोगों को जमीनें भी मुहैया कराई गई लेकिन वहां भी पानी से भरा हुआ है इस बार प्रभावित गांव की महिला रूणा देवी ने बताई सारा संपत्ति हम लोगों का बाढ़ में बह गया मकान नदी में बह गई हम लोग फंसे हुए थे साड़ी बांधकर एक मकान से दूसरे मकान पर किसी तरह से जान बचाए ।बाद में डीएम सर के द्वारा हम लोगों की परिजनों की जान वोट से बचाई गई। गाए मवेशी सब नदी में बह गया वही सुंदरी देवी ने भी बताई जिला प्रशासन के द्वारा कुछ सहयोग तो मिला बाकी रिश्तेदार के द्वारा अनाज दिया जाता है कुछ राशन दुकान से मिलती है जिससे बच्चों का पालन चल रही हैं। इस भीषण ठंडी में जीना दूभर हो गया है जंगल में रहने को विवश होना पड़ रहा है।सरकार एवं जिला प्रशासन सरकार से अविलंब आवास योजना के तहत घर देने जमीन देने की मांग उन्होंने किया है।
बाइट रोना देवी बाढ़ पीड़ित
बाइट सुंदरी देवी बाइट रेखा देवी
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion:अब देखना होगा कि सरकार एबं जिला प्रशासन इन बाढ़ पीड़ितों की सुधि लेते हुए कब इन लोगो को जमीन,आवास मुहैया करवाती हैं।7 महीने बीतने के उपरांत बाढ़ पीड़ितों की स्थिति जस की तस बनी हुई हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.