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Madhepura News : चौसा में कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति, अबतक सैकड़ों गांव जलमग्न - मधेपुरा का ताजा समाचार

बिहार के मधेपुरा जिले में कोसी नदी ( Koshi River ) का जलस्तर बढ़ने से चौसा प्रखंड में कटाव तेज हो गया है. जिसे रोकने के लिए कटाव निरोधी कार्य ( Anti Erosion Work ) किए गये हैं. लेकिन, ये सिर्फ खानापूर्ति साबित हो रही है.

मधेपुरा में कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति
मधेपुरा में कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति
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Published : Jul 1, 2021, 2:09 PM IST

मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा ( Madhepura News ) जिले के चौसा प्रखंड के मोरसंडा पंचायत में कटाव एक बार फिर से तेज कटाव हो रहा है. कोसी नदी में पानी बढ़ने से अबतक सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन सहित स्थानीय लोगों के कच्चे और पक्के मकान नदी में विलीन हो चुके हैं. वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि मधेपुरा जिला प्रशासन कटाव निरोधी कार्य ( Anti Erosion Work ) के नाम पैसे का सिर्फ बंदरबांट कर रहा है.

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पांच सालों से स्थिति जस की तस
चौसा प्रखंड के मोरसंडा पंचायत में पिछले पांच सालों से कटाव हो रहा है. हर साल जमीन और लोगों के आशियाने कट रहे हैं. लेकिन कटाव को रोकने का स्थायी निदान सरकार और स्थानीय प्रसाशन द्वारा नहीं किया जा सका है. उल्लेखनीय बात तो यह है कि पिछले पांच साल से कटाव निरिधक कार्य के नाम पर लाखों लाख रुपये की निकासी गई लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है.

कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति
वहीं हाल के दिनों में जब कोसी नदीं में पानी बढ़ने लगा और कटाव तेज हो गया तो विभागीय अधिकारी की नींद खुली और कुछ बोरे में मिट्टी भरकर कटाव स्थल के पास रख दिया गया है. जो धीरे धीरे नदी में समा रहा है. जिसे कोई देखने वाला नहीं है.

चौसा में कटाव निरोध कार्य के नाम खानापूर्ति
चौसा में कटाव निरोध कार्य के नाम खानापूर्ति

'कटाव निरोधी कार्य के नाम सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. कटाव इतनी तेज है कि बचाव के लिए लिए बालू और मिट्टी भरकर बोरे रख गया है. जो धीरे-धीरे सब नदी में समा रहा है. :- ध्यानी यादव, पूर्व पार्षद

ये भी पढ़ें- Exclusive: कोरोना से तेज फैल रही अफवाह- 'वैक्सीन लगवाई तो मर जाएंगे'

पीड़ितों ने स्थायी समाधान की मांग की
वहीं पंचायत के स्थानीय जनप्रनिधियों ने जिला प्रसाशन से कटाव का स्थायी निदान निकालने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक इस पर सार्थक पहल नहीं की गई है. अब लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं कि कटाव से इस गांव को बचा लीजिए, वरना गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- मधेपुरा में मरीजों को ले जाने के लिए नहीं है एंबुलेंस की सुविधा, स्लाइन चढ़ाते हुए बाइक से ले गए परिजन

मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा ( Madhepura News ) जिले के चौसा प्रखंड के मोरसंडा पंचायत में कटाव एक बार फिर से तेज कटाव हो रहा है. कोसी नदी में पानी बढ़ने से अबतक सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन सहित स्थानीय लोगों के कच्चे और पक्के मकान नदी में विलीन हो चुके हैं. वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि मधेपुरा जिला प्रशासन कटाव निरोधी कार्य ( Anti Erosion Work ) के नाम पैसे का सिर्फ बंदरबांट कर रहा है.

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पांच सालों से स्थिति जस की तस
चौसा प्रखंड के मोरसंडा पंचायत में पिछले पांच सालों से कटाव हो रहा है. हर साल जमीन और लोगों के आशियाने कट रहे हैं. लेकिन कटाव को रोकने का स्थायी निदान सरकार और स्थानीय प्रसाशन द्वारा नहीं किया जा सका है. उल्लेखनीय बात तो यह है कि पिछले पांच साल से कटाव निरिधक कार्य के नाम पर लाखों लाख रुपये की निकासी गई लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है.

कटाव निरोधी कार्य के नाम पर खानापूर्ति
वहीं हाल के दिनों में जब कोसी नदीं में पानी बढ़ने लगा और कटाव तेज हो गया तो विभागीय अधिकारी की नींद खुली और कुछ बोरे में मिट्टी भरकर कटाव स्थल के पास रख दिया गया है. जो धीरे धीरे नदी में समा रहा है. जिसे कोई देखने वाला नहीं है.

चौसा में कटाव निरोध कार्य के नाम खानापूर्ति
चौसा में कटाव निरोध कार्य के नाम खानापूर्ति

'कटाव निरोधी कार्य के नाम सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. कटाव इतनी तेज है कि बचाव के लिए लिए बालू और मिट्टी भरकर बोरे रख गया है. जो धीरे-धीरे सब नदी में समा रहा है. :- ध्यानी यादव, पूर्व पार्षद

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पीड़ितों ने स्थायी समाधान की मांग की
वहीं पंचायत के स्थानीय जनप्रनिधियों ने जिला प्रसाशन से कटाव का स्थायी निदान निकालने की मांग कर रहे हैं. लेकिन आज तक इस पर सार्थक पहल नहीं की गई है. अब लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं कि कटाव से इस गांव को बचा लीजिए, वरना गांव का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा.

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