मधेपुरा: सीएसपी संचालक संघ ने जिला मुख्यालय के पास जिला प्रशासन और क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी और विरोध- प्रदर्शन किया. इस दौरान सीएसपी संचालकों ने धरना देकर कार्य का बहिष्कार किया.
दरअसल, बीते दिनों सीएसपी संचालकों के साथ छिनतई और गोलीबारी की घटना हुई थी. जिसके बाद सीएसपी संचालक संघ ने इसका विरोध करते हुए, जिला प्रशासन पर कई सवाल उठाए.
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'प्रशासन की कार्यशैली पर उठाए सवाल'
इस मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार ने कहा कि जिले में सीएसपी संचालकों के साथ 20 से 25 आपराधिक घटनाएं हो चुकी है. बैंक की तरफ से हम लोगों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा रही है. जिस वजह से सीएसपी संचालक बदमाशों का सॉफ्ट टारगेट बन चुका है. अपराधी लूट के बाद हत्या की वारदात को अंजाम दे रहे है. इस मामले को लेकर कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है. लेकिन अब तक इसका कोई ठोस निदान नहीं निकाला जा सका है.
'मृतक के परिजनों को दिया जाए मुआवजा'
वहीं, संघ के राज्य सचिव कमरुद्दीन ने कहा कि पूरे देश भर में तकरीबन चार लाख बैंक मित्र काम कर रहे हैं. जो प्रत्येक दिन लगभग 52 अरब रूपये का कारोबार कर रहे हैं. सीएसपी संचालकों को किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं दी जाती है. जिस वजह से बैंक मित्र अपराधियों के लिए लूट का केंद्र बन चुके हैं. उन्होंने बताया कि जिले में मृतक सीएसपी संचालक परिवार को उचित मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी दी जाए.
संघ के राज्य सचिव ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कि हम लोगों को कॉर्पोरेट से हटाकर सीधे बैंक से जोड़ा जाए. जिससे हमारी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.