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मधेपुरा: मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे मूर्तिकार, बंदी से सुस्त हुआ बाजार

मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है, इसलिए उनकी पूजा का काफी महत्व है. साथ ही इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. गुरुवार को होने वाले पूजा को लेकर सुबह से ही मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं.

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Published : Jan 29, 2020, 10:06 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 10:30 PM IST

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मधेपुरा: विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का त्योहार वसंत पंचमी को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं. हालांकि, भारत बंद की वजह से कई दुकानें बंद रही. जिसका असर खरीददारी पर भी पड़ा.

वसंत ऋतु की शुरुआत
मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है, इसलिए उनकी पूजा का काफी महत्व है. साथ ही इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. गुरुवार को होने वाले पूजा को लेकर सुबह से ही मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं. विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों और पूजा समिति के सदस्य मां की प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने के लिए मूर्तिकार के घर सुबह से ही पहुंच रहे हैं.

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प्रतिमा सजाता मूर्तिकार

भारत बंद का पड़ा असर
इन सब पर बुधवार को किए गए भारत बंद का भी असर देखने को मिला. इस बंद की वजह से प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

फैंसी प्रतिमा की डिमांड
वहीं, मूर्तिकार वेद व्यास पंडित ने बताया कि वो लगभग 30 सालों से मां की प्रतिमा बना रहे हैं. इस साल फैंसी प्रतिमा की डिमांड ज्यादा है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल मूर्ति को बनाने में लगभग डेढ़ गुना अधिक लागत आई है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

भारत बंद के कारण हुई दिक्कतें
इधर, स्थानीय सन्नी कुमार ने बताया कि बंद समर्थकों को सरस्वती पूजा के मद्देनजर किसी अन्य दिन बंद प्रस्तावित करना चाहिए था. बंद के कारण मां की प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने के लिए सभी लोग खासा परेशान हो रहे हैं. वहीं बाजार बंद होने की वजह से पूजन सामग्री की खरीदारी भी नहीं हो पा रही है.

मधेपुरा: विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का त्योहार वसंत पंचमी को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं. हालांकि, भारत बंद की वजह से कई दुकानें बंद रही. जिसका असर खरीददारी पर भी पड़ा.

वसंत ऋतु की शुरुआत
मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है, इसलिए उनकी पूजा का काफी महत्व है. साथ ही इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. गुरुवार को होने वाले पूजा को लेकर सुबह से ही मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं. विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों और पूजा समिति के सदस्य मां की प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने के लिए मूर्तिकार के घर सुबह से ही पहुंच रहे हैं.

madhepura
प्रतिमा सजाता मूर्तिकार

भारत बंद का पड़ा असर
इन सब पर बुधवार को किए गए भारत बंद का भी असर देखने को मिला. इस बंद की वजह से प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

फैंसी प्रतिमा की डिमांड
वहीं, मूर्तिकार वेद व्यास पंडित ने बताया कि वो लगभग 30 सालों से मां की प्रतिमा बना रहे हैं. इस साल फैंसी प्रतिमा की डिमांड ज्यादा है. हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल मूर्ति को बनाने में लगभग डेढ़ गुना अधिक लागत आई है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

भारत बंद के कारण हुई दिक्कतें
इधर, स्थानीय सन्नी कुमार ने बताया कि बंद समर्थकों को सरस्वती पूजा के मद्देनजर किसी अन्य दिन बंद प्रस्तावित करना चाहिए था. बंद के कारण मां की प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने के लिए सभी लोग खासा परेशान हो रहे हैं. वहीं बाजार बंद होने की वजह से पूजन सामग्री की खरीदारी भी नहीं हो पा रही है.

Intro:एंकर
विद्या की देवी मां सरस्वती कि आराधना को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।वही मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं।भारत बंद की वजह से दुकानें बंद रही,खरीददारी पर पड़ा खासा असर।


Body:सब-हैडिंग
पूजा की तैयारियां जोरों पर,प्रतिमा को अंतिम रूप देते मूर्तिकार,बाजार बंद से बढ़ी परेशानी,लागत में हुआ इज़ाफ़ा

वी.ओ
विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का त्यौहार बसंत पंचमी की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं।मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है इसलिए उनकी पूजा का काफी महत्व है। साथ ही इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है।वही कल होने वाले पूजा को लेकर आज सुबह से ही मूर्तिकार मां की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं। वही विद्यालयों,कोचिंग संस्थानों और पूजा समिति के सदस्य मां की प्रतिमा पूजन स्थल तक ले जाने के लिए मूर्तिकार के घर सुबह से ही पहुंच रहे हैं।हालांकि आज भारत बंद की वजह से प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

●वही मूर्तिकार वेद व्यास पंडित ने बताया कि मैं लगभग 30 सालों से मां की प्रतिमा बना रहा हूं। इस साल फैंसी प्रतिमा की डिमांड ज्यादा है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस साल मूर्ति को बनाने में लगभग डेढ़ गुना अधिक लागत आई है।

बाईट-1
वेद व्यास पंडित-मूर्तिकार

●स्थानीय हिमांशु कुमार ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले मूर्ति के दामों में वृद्धि हुई है।

बाईट-2
हिमांशु कुमार-स्थानीय


●वहीं स्थानीय सन्नी कुमार ने बताया कि बंद समर्थकों को सरस्वती पूजा के मद्देनजर किसी अन्य दिन बंद प्रस्तावित करना चाहिए था।क्योंकि मां की प्रतिमा को पूजन स्थल तक ले जाने के लिए सभी लोग खासा परेशान हो रहे हैं।वहीं बाजार बंद होने की वजह से पूजन सामग्री की खरीदारी भी नहीं हो पा रही है।

बाईट-3
सन्नी कुमार-स्थानीय


Conclusion:वहीं भारत बंद की वजह से बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।सरस्वती पूजा को लेकर होने वाली खरीदारी भी पिछले साल के मुकाबले कम देखने को मिल रही है।
Last Updated : Jan 29, 2020, 10:30 PM IST
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