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मधेपुरा: एंबुलेंस नहीं मिलने पर ऑटो में डिलीवरी, नवजात की मौत

सास शांति देवी और आशा किरण देवी की माने तो मुरहो पीएससी में एंबुलेंस मांगने पर एंबुलेंस कर्मी ने उन्हें मना कर दिया. प्रसूता को ऑटो से ही सदर अस्पताल तक ले जाने की बात कह दी गई. एंबुलेंस कर्मी की मनमानी की वजह से पीड़ित परिवार के घर किलकारियों की जगह मातमी सन्नाटा पसरा है.

लसा
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Published : Nov 22, 2019, 6:59 PM IST

मधेपुरा: एक तरफ जहां राज्य की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है. तो वहीं दूसरी तरफ मधेपुरा में एंबुलेंस कर्मी की मनमानी की वजह से प्रसूता को एंबुलेंस नहीं मिली. इस वजह से उसके नवजात की मौत हो गई. मामले में अस्पताल जाते समय प्रसूता का प्रसव ऑटो में ही हो गया.

जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पोखराम निवासी अमित यादव की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के दौरान आनन-फानन में ऑटो से मुरहो पीएचसी लाया गया. यहां से उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इस दौरान पीएचसी में प्रसूता के लिए एंबुलेंस नहीं मिली. मजबूरन प्रसूता को ऑटो से ही मधेपुरा सदर अस्पताल लाया जाने लगा. इस दौरान रास्ते में ही उसकी डिलवरी हो गई. वहीं, संसाधनों की कमी के चलते नवजात की ऑटो में ही मौत हो गई.

जानकारी देती सास और आशा

परिजनों और आशा का आरोप
वहीं, सास शांति देवी और आशा किरण देवी की माने तो मुरहो पीएससी में एंबुलेंस मांगने पर एंबुलेंस कर्मी ने उन्हें मना कर दिया. प्रसूता को ऑटो से ही सदर अस्पताल तक ले जाने की बात कह दी गई. एंबुलेंस कर्मी के मनमानी की वजह से पीड़ित परिवार के घर किलकारियों की जगह मातमी सन्नाटा पसरा है. एंबुलेंस कर्मी की मनमानी पर अस्पताल प्रबंधक ने कार्रवाई करने की बात करते हुए पल्ला झाड़ लिया.

मधेपुरा: एक तरफ जहां राज्य की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है. तो वहीं दूसरी तरफ मधेपुरा में एंबुलेंस कर्मी की मनमानी की वजह से प्रसूता को एंबुलेंस नहीं मिली. इस वजह से उसके नवजात की मौत हो गई. मामले में अस्पताल जाते समय प्रसूता का प्रसव ऑटो में ही हो गया.

जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पोखराम निवासी अमित यादव की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के दौरान आनन-फानन में ऑटो से मुरहो पीएचसी लाया गया. यहां से उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इस दौरान पीएचसी में प्रसूता के लिए एंबुलेंस नहीं मिली. मजबूरन प्रसूता को ऑटो से ही मधेपुरा सदर अस्पताल लाया जाने लगा. इस दौरान रास्ते में ही उसकी डिलवरी हो गई. वहीं, संसाधनों की कमी के चलते नवजात की ऑटो में ही मौत हो गई.

जानकारी देती सास और आशा

परिजनों और आशा का आरोप
वहीं, सास शांति देवी और आशा किरण देवी की माने तो मुरहो पीएससी में एंबुलेंस मांगने पर एंबुलेंस कर्मी ने उन्हें मना कर दिया. प्रसूता को ऑटो से ही सदर अस्पताल तक ले जाने की बात कह दी गई. एंबुलेंस कर्मी के मनमानी की वजह से पीड़ित परिवार के घर किलकारियों की जगह मातमी सन्नाटा पसरा है. एंबुलेंस कर्मी की मनमानी पर अस्पताल प्रबंधक ने कार्रवाई करने की बात करते हुए पल्ला झाड़ लिया.

Intro:एक तरफ जहां राज्य की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ मधेपुरा जिले में एंबुलेंस कर्मी के मनमानी की वजह से प्रसूता को एम्बुलेंस नही मिलने से नवजात की मौत हो गयी।


Body:दरअसल जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के पोखराम निवासी अमित यादव की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने के दौरान आनन-फानन में उसे ऑटो से मुरहो पीएचसी लाया गया जहां से उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन वहाँ भी उसे एंबुलेंस नहीं दिया गया। मजबूरन प्रसूता को ऑटो से ही मधेपुरा सदर अस्पताल लाया गया जहां रास्ते में ही उसने बच्चे को जन्म दिया,जिसकी ऑटो में ही मौत हो गई। वहीं मृतक की दादी शांति देवी और आशा किरण देवी की माने तो मुरहो पीएससी में एंबुलेंस मांगने पर एंबुलेंस कर्मी ने उन्हें मना कर दिया और प्रसूता को ऑटो से ही सदर अस्पताल तक ले जाने की बात कही। फिलहाल एंबुलेंस कर्मी के मनमानी की वजह से पीड़ित परिवार के घर किलकारियों की जगह मातमी सन्नाटा पसरा है।


Conclusion:वही एंबुलेंस कर्मी की मनमानी पर अस्पताल प्रबंधक बेखर नज़ारे आए। मीडिया द्वारा मामला संज्ञान में लाने के बाद उन्होंने एंबुलेंस कर्मी पर कार्रवाई करने की बात कही है।

बाईट-1
शांति देवी-परिजन

बाईट-2
किरण देवी-आशा

बाईट-3
अमित यादव-परिजन

बाईट-4
नवनीत चन्द्रा- अस्पताल प्रबंधक
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