मधेपुरा: किसानों को लेकर सरकार कई योजनाएं बनाती है. लेकिन कई किसान इन सरकारी योजनाओं से महरूम रह जाते हैं. मधेपुरा के किसान आज मक्के को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं. किसान सरकार से पैक्स के माध्यम से मक्का खरीद करने की मांग कर रहे हैं.
उत्तरी बिहार के मधेपुरा सहित कोसी इलाके की मुख्य फसलों में एक मक्का का अभी तक सरकारी मूल्य निर्धारण नहीं हो सका है. इससे किसान मक्के को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं. मधेपुरा के किसानों ने सरकार से अब गेहूं और धान की तर्ज पर मक्का का भी मूल्य निर्धारण कर पैक्स के माध्यम से खरीदने की मांग तेज कर दी है.
किसान महेंद्र मंडल और शैलेंद्र यादव ने बताया कि वे काफी खर्च कर पिछले कई सालों से मक्के की खेती कर रहे हैं, उपज भी अच्छी हो जाती है, लेकिन लागत के हिसाब से कीमत नहीं मिल पाती है. इससे परेशानी होती है. अगर सरकार धान, गेहूं की तरह ही मक्के का भी सरकारी मूल्य निर्धारण कर पैक्स के माध्यम से खरीद करे, तो किसानों को मक्के की अच्छी कीमत मिल सकेगी.
औने-पौने दामों पर बेचने को हैं मजबूर
वहीं, एसएफसी के जिला प्रबंधक सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि अभी तक सरकार की तरफ से पैक्स के माध्यम से मक्का खरीदने का कोई आदेश नहीं मिला है. अगर सरकारी स्तर पर पैक्स के माध्यम से मक्का खरीदने का आदेश मिलता है, तो खरीदी जाएगी. लेकिन फिलहाल ऐसा अभी कोई आदेश नहीं है.
विदेशों में भी काफी मांग है
बता दें कि देश में सबसे अधिक मक्का की खेती उत्तरी बिहार में ही होती है. इसकी मांग देश सहित विदेशों में भी काफी बढ़ गई है. इस इलाके में किसान गेहूं और धान के साथ-साथ काफी मात्रा में मक्का की खेती भी करते हैं. लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण आज तक मक्के का मूल्य निर्धारण सरकार की तरफ से नहीं किया जा सका है. ऐसे में किसान मक्के को स्थानीय व्यवसासियों को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं.