मधेपुरा: जिले में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की पहल का असर दिखने लगा है. मधेपुरा में किसान रेशम उत्पादन की ओर अग्रसर हो रहे हैं. जिसमें मनरेगा योजना के तहत किसानों को रेशम उत्पादन के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है. जिससे किसानों को कम खर्च में ही परंपरागत खेती से अच्छी आमदनी मिल सकेगी.
कृषि योजना में की गई नई पहल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से कृषि योजना में नई पहल की गई है. जिसका लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. कृषि योजनाओं में अब मनरेगा की राशि को भी लगाया जाएगा, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन हो सके. इसी पहल के तहत मधेपुरा जिले में रेशम उत्पादन की संभावना को देखते हुए सरकार और जिला प्रसाशन ने किसानों को आर्थिक सहयोग देने का निर्णय लिया है. सरकार रेशम उत्पादन के लिए मनरेगा योजना के तहत हर तरह की आर्थिक सहायता किसानों को दे रही है.
किसानों को किया जा रहा आर्थिक रूप से मजबूत
आपको बता दें कि पहले मनरेगा योजना को लूट योजना के नाम से जाना जाता था. लेकिन सरकार ने नियम में संशोधन करते हुए मनरेगा योजना में कृषि कार्य को शामिल कर दिया है. इसलिए अब मनरेगा योजना से निर्माण कार्य के अलावा कृषि कार्य में भी किसानों को सहयोग किया जाएगा. इस नियम के तहत जिले के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना से एक मुश्त राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.
रेशम की खेती से हो रही अच्छी आमदनी
इस योजना से लाभान्वित किसान चंदन प्रसाद ने बताया कि मैने पहले दस कट्ठे में रेशम का पौधा लगाया. जिसमें रेशम का उत्पादन काफी अच्छा हुआ, और अच्छी कीमत में बिक भी गया. इसके बाद सरकार की तरफ से भी मनरेगा योजना से रेशम की खेती के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाने लगा. इसलिए अब मैने वृहत पैमाने पर रेशम उत्पादन की खेती का काम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि रेशम की खेती से अच्छी आमदनी हो रही है.
किसान परंपरागत खेती पर हैं आश्रित
डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिले के हर पंचायत में किसान रेशम की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्वाधिक किसान आज भी परंपरागत खेती पर ही आश्रित हैं. जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब रहती है. इसलिए अब सरकार किसानों को मनरेगा योजना से व्यावसायिक खेती करने हेतु आर्थिक सहयोग दे रही है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.