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नई पहल: मनरेगा के तहत किसानों को रेशम उत्पादन के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता, किसान खुश

मधेपुरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से कृषि योजना में की गई पहल का लाभ किसानों को मिलने लगा है. अब कृषि योजनाओं में मनरेगा की राशि को भी लगाया जाएगा, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन हो सके.

किसानों को रेशम उत्पादन में दी जा रही आर्थिक सहायता
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Published : Aug 28, 2019, 4:18 PM IST

मधेपुरा: जिले में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की पहल का असर दिखने लगा है. मधेपुरा में किसान रेशम उत्पादन की ओर अग्रसर हो रहे हैं. जिसमें मनरेगा योजना के तहत किसानों को रेशम उत्पादन के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है. जिससे किसानों को कम खर्च में ही परंपरागत खेती से अच्छी आमदनी मिल सकेगी.

मनरेगा योजना के तहत किसानों को दी जा रहा आर्थिक सहायता

कृषि योजना में की गई नई पहल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से कृषि योजना में नई पहल की गई है. जिसका लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. कृषि योजनाओं में अब मनरेगा की राशि को भी लगाया जाएगा, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन हो सके. इसी पहल के तहत मधेपुरा जिले में रेशम उत्पादन की संभावना को देखते हुए सरकार और जिला प्रसाशन ने किसानों को आर्थिक सहयोग देने का निर्णय लिया है. सरकार रेशम उत्पादन के लिए मनरेगा योजना के तहत हर तरह की आर्थिक सहायता किसानों को दे रही है.

Madhepura
विनोद कुमार सिंह, डीडीसी मधेपुरा

किसानों को किया जा रहा आर्थिक रूप से मजबूत
आपको बता दें कि पहले मनरेगा योजना को लूट योजना के नाम से जाना जाता था. लेकिन सरकार ने नियम में संशोधन करते हुए मनरेगा योजना में कृषि कार्य को शामिल कर दिया है. इसलिए अब मनरेगा योजना से निर्माण कार्य के अलावा कृषि कार्य में भी किसानों को सहयोग किया जाएगा. इस नियम के तहत जिले के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना से एक मुश्त राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.

रेशम की खेती से हो रही अच्छी आमदनी
इस योजना से लाभान्वित किसान चंदन प्रसाद ने बताया कि मैने पहले दस कट्ठे में रेशम का पौधा लगाया. जिसमें रेशम का उत्पादन काफी अच्छा हुआ, और अच्छी कीमत में बिक भी गया. इसके बाद सरकार की तरफ से भी मनरेगा योजना से रेशम की खेती के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाने लगा. इसलिए अब मैने वृहत पैमाने पर रेशम उत्पादन की खेती का काम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि रेशम की खेती से अच्छी आमदनी हो रही है.

madhepura
समाहरणालय मधेपुरा

किसान परंपरागत खेती पर हैं आश्रित
डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिले के हर पंचायत में किसान रेशम की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्वाधिक किसान आज भी परंपरागत खेती पर ही आश्रित हैं. जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब रहती है. इसलिए अब सरकार किसानों को मनरेगा योजना से व्यावसायिक खेती करने हेतु आर्थिक सहयोग दे रही है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.

मधेपुरा: जिले में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की पहल का असर दिखने लगा है. मधेपुरा में किसान रेशम उत्पादन की ओर अग्रसर हो रहे हैं. जिसमें मनरेगा योजना के तहत किसानों को रेशम उत्पादन के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है. जिससे किसानों को कम खर्च में ही परंपरागत खेती से अच्छी आमदनी मिल सकेगी.

मनरेगा योजना के तहत किसानों को दी जा रहा आर्थिक सहायता

कृषि योजना में की गई नई पहल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से कृषि योजना में नई पहल की गई है. जिसका लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. कृषि योजनाओं में अब मनरेगा की राशि को भी लगाया जाएगा, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन हो सके. इसी पहल के तहत मधेपुरा जिले में रेशम उत्पादन की संभावना को देखते हुए सरकार और जिला प्रसाशन ने किसानों को आर्थिक सहयोग देने का निर्णय लिया है. सरकार रेशम उत्पादन के लिए मनरेगा योजना के तहत हर तरह की आर्थिक सहायता किसानों को दे रही है.

Madhepura
विनोद कुमार सिंह, डीडीसी मधेपुरा

किसानों को किया जा रहा आर्थिक रूप से मजबूत
आपको बता दें कि पहले मनरेगा योजना को लूट योजना के नाम से जाना जाता था. लेकिन सरकार ने नियम में संशोधन करते हुए मनरेगा योजना में कृषि कार्य को शामिल कर दिया है. इसलिए अब मनरेगा योजना से निर्माण कार्य के अलावा कृषि कार्य में भी किसानों को सहयोग किया जाएगा. इस नियम के तहत जिले के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना से एक मुश्त राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है.

रेशम की खेती से हो रही अच्छी आमदनी
इस योजना से लाभान्वित किसान चंदन प्रसाद ने बताया कि मैने पहले दस कट्ठे में रेशम का पौधा लगाया. जिसमें रेशम का उत्पादन काफी अच्छा हुआ, और अच्छी कीमत में बिक भी गया. इसके बाद सरकार की तरफ से भी मनरेगा योजना से रेशम की खेती के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाने लगा. इसलिए अब मैने वृहत पैमाने पर रेशम उत्पादन की खेती का काम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि रेशम की खेती से अच्छी आमदनी हो रही है.

madhepura
समाहरणालय मधेपुरा

किसान परंपरागत खेती पर हैं आश्रित
डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिले के हर पंचायत में किसान रेशम की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्वाधिक किसान आज भी परंपरागत खेती पर ही आश्रित हैं. जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब रहती है. इसलिए अब सरकार किसानों को मनरेगा योजना से व्यावसायिक खेती करने हेतु आर्थिक सहयोग दे रही है, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.

Intro:मधेपुरा में मलबरी यानी रेशम उत्पादन की ओर किसानों को किया जा रहा है अग्रसर।किसानों को मनरेगा योजना से दिया जा रहा है सहयोग।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का है असर किसान को मिल रहा है लाभ।


Body:प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी द्वारा कृषि योजना में की गई नई पहल का लाभ किसानों को मिलने लगा है।अब कृषि योजनाओं में मनरेगा की राशि को भी लगाया जाएगा,ताकि किसान की आर्थिक स्थिति में आमूल चूल परिवर्तन हो सके।इसी पहल के तहत मधेपुरा ज़िले में रेशम उत्पादन की संभावना को देखते हुए ।सरकार व ज़िला प्रसाशन ने किसानों को आर्थिक सहयोग देकर मलबरी की खेती यानी रेशम उत्पादन के लिए मनरेगा योजना के तहत हर तरह की आर्थिक सहयोग दे रही है।जिसके कारण इस खेती की ओर किसान काफी तेजी से अग्रसर भी हो रहे हैं।बता दें कि पहले मनरेगा योजना को लूट खसौट योजना के नाम से जाने जाते थे।लेकिन सरकार ने नियम में संसोधन करते हुए मनरेगा योजना में कृषि कार्य को शामिल कर दिया गया है।इस लिए अब मनरेगा योजना से निर्माण कार्य के अलावे कृषि कार्य में भी किसानों को सहयोग किया जाएगा।इसी नियम के तहत खासकर मधेपुरा ज़िले के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जिला प्रसाशन द्वारा मनरेगा योजना से एक मुश्त राशि उपलब्ध कराया जा रहा है।इस योजना से लाभान्वित किसान चंदन प्रसाद ने बताया कि वे पहले दस कट्ठे में खुद के पैसे से मलबरी का पौधे लगाकर किट पाला जिससे रेशम उत्पादन काफी अच्छा हुआ और अच्छी कीमत में बिक भी गया।इसके बाद संयोग से सरकार द्वारा भी मनरेगा योजना से रेशम की खेती के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाने लगा है।इसलिए अब वृहत पैमाने पर रेशम उत्पादन की खेती शुरू किया हूँ।उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती से अधिक लाभ नहीं हो पा रहा था।लेकिन रेशम की खेती से अच्छी आमदनी हो रही है।मधेपुरा के डीडीसी विनोद कुमार सिंह ने बताया ज़िले के हर पंचायत में किसान रेशम की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं।और उन्हें मनरेगा योजना से हर तरह का आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति अच्छी हो सके।उन्होंने कहा कि सर्वाधिक किसान अब भी परंपरागत खेती पर ही आश्रित है।जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब रहती है।इसलिए अब सरकार मनरेगा योजना से व्यवसायिक खेती करने हेतु आर्थिक सहयोग कर रही है ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सके।बाइट--1---चंदन प्रसाद---किसान।बाइट----2----विनोद कुमार सिंह----डीडीसी मधेपुरा।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
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