मधेपुरा: जिले के सदर अस्पताल परिसर में लाखों की लागत से बना मुख्य चिकित्सा अधिकारी आवास इस्तेमाल से पहले जर्जर हालत में पहुंच गया है. इसका काम 6 सालों से चल रहा है. लेकिन अब तक ये बनकर तैयार नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं ये आवास उपयोग में आने से पहले ही जगह-जगह से टूटने लगा है. वहीं, इसकी हालत पर अस्पताल प्रबंधन अब तक असंवेदनशील बना हुआ है.
'खंडहर में तब्दील हो रहा CS आवास'
जन अधिकार पार्टी के नेता अनिल अनल ने कहा कि गरीबों के पास रहने को घर नहीं है, लेकिन लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार सीएस आवास खंडहर में तब्दील हो रहा है. जिसको लेकर जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाए हैं. वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ये भवन अभी भी पूरी तरीके से बनकर तैयार नहीं हुआ है. जिसकी वजह से हम उसे हैंडओवर नहीं कर रहे हैं. भवन में शौचालय की कमी के साथ-साथ कई अन्य कमियां हैं, लेकिन जल्द ही इसको उपयोग में लाने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे.
6 साल बीतने के बाद भी नहीं शुरू हुआ आवास
बता दें कि जिले के सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के रहने के लिए आवास बनाया गया था. जिससे वो अस्पताल में हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चला सकें. लेकिन लाखों की लागत से बन रहा आवास 6 साल बीतने के बाद भी अब तक उपयोग में नहीं लाया जा सका है. इतना ही नहीं यह आवास जगह-जगह से टूटने भी लगा है. जिसको लेकर न तो अस्पताल प्रबंधन संवेदनशील है और न ही कार्यदाई संस्था इस ओर ध्यान दे रही है.