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मधेपुरा: उपयोग में आने से पहले ही जर्जर हो रहा है सदर अस्पताल परिसर में बना CS आवास - सीएस आवास खंडहर में तब्दील

जिले के सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के रहने के लिए आवास बनाया गया था. जिससे वो अस्पताल में हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चला सकें.

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जर्जर हालत में पहुंचा सीएस आवास
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Published : Jan 18, 2020, 5:27 PM IST

मधेपुरा: जिले के सदर अस्पताल परिसर में लाखों की लागत से बना मुख्य चिकित्सा अधिकारी आवास इस्तेमाल से पहले जर्जर हालत में पहुंच गया है. इसका काम 6 सालों से चल रहा है. लेकिन अब तक ये बनकर तैयार नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं ये आवास उपयोग में आने से पहले ही जगह-जगह से टूटने लगा है. वहीं, इसकी हालत पर अस्पताल प्रबंधन अब तक असंवेदनशील बना हुआ है.

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जर्जर हालत में पहुंचा सीएस आवास

'खंडहर में तब्दील हो रहा CS आवास'
जन अधिकार पार्टी के नेता अनिल अनल ने कहा कि गरीबों के पास रहने को घर नहीं है, लेकिन लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार सीएस आवास खंडहर में तब्दील हो रहा है. जिसको लेकर जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाए हैं. वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ये भवन अभी भी पूरी तरीके से बनकर तैयार नहीं हुआ है. जिसकी वजह से हम उसे हैंडओवर नहीं कर रहे हैं. भवन में शौचालय की कमी के साथ-साथ कई अन्य कमियां हैं, लेकिन जल्द ही इसको उपयोग में लाने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

6 साल बीतने के बाद भी नहीं शुरू हुआ आवास
बता दें कि जिले के सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के रहने के लिए आवास बनाया गया था. जिससे वो अस्पताल में हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चला सकें. लेकिन लाखों की लागत से बन रहा आवास 6 साल बीतने के बाद भी अब तक उपयोग में नहीं लाया जा सका है. इतना ही नहीं यह आवास जगह-जगह से टूटने भी लगा है. जिसको लेकर न तो अस्पताल प्रबंधन संवेदनशील है और न ही कार्यदाई संस्था इस ओर ध्यान दे रही है.

मधेपुरा: जिले के सदर अस्पताल परिसर में लाखों की लागत से बना मुख्य चिकित्सा अधिकारी आवास इस्तेमाल से पहले जर्जर हालत में पहुंच गया है. इसका काम 6 सालों से चल रहा है. लेकिन अब तक ये बनकर तैयार नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं ये आवास उपयोग में आने से पहले ही जगह-जगह से टूटने लगा है. वहीं, इसकी हालत पर अस्पताल प्रबंधन अब तक असंवेदनशील बना हुआ है.

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जर्जर हालत में पहुंचा सीएस आवास

'खंडहर में तब्दील हो रहा CS आवास'
जन अधिकार पार्टी के नेता अनिल अनल ने कहा कि गरीबों के पास रहने को घर नहीं है, लेकिन लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार सीएस आवास खंडहर में तब्दील हो रहा है. जिसको लेकर जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाए हैं. वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ये भवन अभी भी पूरी तरीके से बनकर तैयार नहीं हुआ है. जिसकी वजह से हम उसे हैंडओवर नहीं कर रहे हैं. भवन में शौचालय की कमी के साथ-साथ कई अन्य कमियां हैं, लेकिन जल्द ही इसको उपयोग में लाने के लिए बड़े कदम उठाए जाएंगे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

6 साल बीतने के बाद भी नहीं शुरू हुआ आवास
बता दें कि जिले के सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के रहने के लिए आवास बनाया गया था. जिससे वो अस्पताल में हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चला सकें. लेकिन लाखों की लागत से बन रहा आवास 6 साल बीतने के बाद भी अब तक उपयोग में नहीं लाया जा सका है. इतना ही नहीं यह आवास जगह-जगह से टूटने भी लगा है. जिसको लेकर न तो अस्पताल प्रबंधन संवेदनशील है और न ही कार्यदाई संस्था इस ओर ध्यान दे रही है.

Intro:एंकर
मधेपुरा जिले के सदर अस्पताल परिसर में लाखों की लागत से बने मुख्य चिकित्सा अधिकारी का आवास शुरू हुए बगैर ही जर्जर हो रहा है।जिसपर अस्पताल प्रबंधन अबतक असंवेदनशील बना हुआ है।


Body:सब हेडिंग
जर्जर हो रहा सीएस आवास,6 वर्षो से जोह रहा बाट, गरीबों के पास नहीं है घर,उठाए जाएंगे कदम।

वी.ओ
दरअसल जिले के सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के रहने के लिए आवास बनाया गया था।ताकि वह वह अस्पताल में हो रहीं गतिविधियों पर नज़र रखने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चला सकें।लेकिन लाखों रुपए की लागत से बनकर तैयार भवन अब शुरू हुए बिना ही जगह-जगह से टूटने लगा है।जिसको लेकर ना तो अस्पताल प्रबंधन संवेदनशील है और ना ही कार्यदाई संस्था।

वही जन अधिकार पार्टी के नेता अनिल अनल ने अस्पताल प्रबंधन पर हमला बोलते हुए कहा की गरीबों के पास रहने को घर नहीं है लेकिन लाखों रुपए की लागत से बनकर तैयार सीएस आवास अब खंडहर में तब्दील हो रहा है।जिसको लेकर जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने अबतक ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

बाईट-1
अनिल अनल,जाप नेता

वही मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा की यह भवन अभी भी पूरी तरीके से बनकर तैयार नहीं किया जा सका है। जिसकी वजह से हम उसे हैंडोवर नहीं ले रहे हैं।भवन में शौचालय की कमी के साथ-साथ कई अन्य त्रुटियां हैं।हालांकि अब उसकी शुरुआत कराने को लेकर कदम उठाए जाएंगे।

बाईट-2
डॉ सुभाष चंद्र श्रीवास्तव
मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी



Conclusion:बहरहाल सरकारी खजाने से लाखों रुपए खर्च कर 6 वर्ष पूर्व बनाया गया यह भवन अब जर्जर हो रहा है।
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