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मधेपुरा में सर्दी का सितम, प्रशासन ने नहीं की अलाव की व्यवस्था - कोसी प्रमंडल

ठंड के कारण जिले को अलाव जलाने के लिए हर साल सरकार की ओर से राशि आवंटित की जाती है. लेकिन इसके बावजूद शहर में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है.

cold in madhepura
मधेपुरा में ठंड
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Published : Dec 30, 2019, 10:01 AM IST

मधेपुरा: पूरा कोसी प्रमंडल भयंकर शीत लहर की चपेट में है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. लेकिन सरकारी स्तर पर शहर के चौक चौराहे सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

लोग कूट कागज जलाने को हैं मजबूर
शहर के मुख्य बाजार में दुकानदार और आम लोग ठंड से बचने के लिए कूड़े-कचरे और कागज जलाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं बल्कि शहर में अनुमंडल अधिकारी के आवासीय गेट के पास लोग अलाव के अभाव में कूट कागज जला रहे हैं.

हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों की परेशानी बढ़ी

'अधिकारी करते हैं सिर्फ खानापूर्ति'
बता दें कि ठंड के कारण जिले को अलाव जलाने के लिए हर साल सरकार की ओर से राशि आवंटित की जाती है. लेकिन इसके बावजूद शहर में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकारी अलाव के लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं. वहीं, जिले के अंचल अधिकारी बीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि हर चौक चौराहों पर अलाव लगाया जा रहा है पर अभी तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है.

मधेपुरा: पूरा कोसी प्रमंडल भयंकर शीत लहर की चपेट में है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. लेकिन सरकारी स्तर पर शहर के चौक चौराहे सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.

लोग कूट कागज जलाने को हैं मजबूर
शहर के मुख्य बाजार में दुकानदार और आम लोग ठंड से बचने के लिए कूड़े-कचरे और कागज जलाने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं बल्कि शहर में अनुमंडल अधिकारी के आवासीय गेट के पास लोग अलाव के अभाव में कूट कागज जला रहे हैं.

हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों की परेशानी बढ़ी

'अधिकारी करते हैं सिर्फ खानापूर्ति'
बता दें कि ठंड के कारण जिले को अलाव जलाने के लिए हर साल सरकार की ओर से राशि आवंटित की जाती है. लेकिन इसके बावजूद शहर में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकारी अलाव के लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं. वहीं, जिले के अंचल अधिकारी बीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि हर चौक चौराहों पर अलाव लगाया जा रहा है पर अभी तक ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है.

Intro:मधेपुरा में शीत लहर के प्रकोप से जन जीवन हुआ अस्त व्यस्त।अलाव की व्यवस्था नहीं किये जाने से परेशान लोग कूड़े कचड़े और कागज जलाकर जान बचाने को हैं मजबूर।


Body:मधेपुरा सहित कोसी प्रमंडल इस बार भयंकर शीत लहर के चपेट में आ गया है।आजादी के बाद पहली बार इस तरह की कंप कंपी के साथ भयंकर शीत लहर ने दस्तक दिया है।ठंढ की कंपी कंपी ऐसी की लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है।हार कंपा देने बाली ठंढ पड़ने के बाद भी सरकारी स्तर पर खासकर शहर के चौक चौराहे सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अलाव नहीं लगाये जाने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।उल्लेखनीय बात तो यह है कि मुख्य बाजार में दुकानदार और आम लोग ठंढ से बचने के लिए कूड़े कचड़े तथा कागज जलाने को मजबूर है।इतना ही नहीं अनुमंडल पदाधिकारी के आवासीय द्वार के पास भी लोग अलाव के अभाव में कूट कागज जला रहे हैं।खुद अनुमंडल पदाधिकारी आवास जाने आने वक्त लोगों को कागज जलाते देखते हैं।लेकिन अलाव लगाने का आदेश कनीय अधिकारियों को नहीं दे पाते हैं।जबकि ठंढ में अलाव जलाने हेतु सरकार द्वारा अलग से हर साल राशि जिले को आवंटित की जाती है।स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकारी अलाव के लगाने के नाम पर खानापूरी कर राशि की निकासी करके बंदर बांट कर डकार जाते हैं।मधेपुरा के अंचल अधिकारी बीरेंद्र कुमार झा ने अनऔपचारिक रूप से बताया कि हर चौक चौराहों पर अलाव लगाया जा रहा है।जबकि शहर के किसी चौक चौराहों पर अलाव नहीं लगाया गया है।उन्होंने कहा कि मीडिया में डीएम साहब ही बयान दे सकते हैं।बाइट--1---अमर कुमार-स्थानीय दुकानदार।बाइट-2--मो0 महताब--स्थानीय।बाइट--3---राजा कुमार--स्थानीय दुकानदार।


Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।
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