कोटा/मधेपुराः बिहार के मधेपुरा से चलकर सर्वेश कुमार कोटा पहुंचे थे. अपनी बेटी से मिलने और उसे वापस लाने के लिए. उनकी 17 साल की बेटी शिखा वहां पढ़ाई करती थी. लेकिन, किसे पता था कि एमबीबीएस की तैयारी कर रही लड़की कुछ ऐसा कर गुजरेगी, जिससे परिवार सहित इस घटना को जानने वाले लोग सन्न रह जाएंगे. पिता के साथ मामूली सा विवाद होने के बाद शिखा ने बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर (Madhepura Girl Commits Suicide In Kota) ली. इस घटना का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है.
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वीडियो में साफ दिख रहा है कि नीचे बहुत से लोग हैं, जो उपर की तरफ देखते हुए कुछ नहीं करने का इशारा कर रहे हैं. दरअसल, उपर छत पर शिखा थी. वह कूदने को आतुर थी. उसी को वे लोग इशारा कर रहे थे कि मत कूदो, लेकिन ऐसा कहां होने वाला था. कुछ ही देर के बाद उपर से एक बॉडी गिरती है. वह शिखा की ही थी. पास खड़े लोग उस वक्त रोकने के लिए लपकते भी हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है. मौके पर ही उसकी मौत हो गई. हालांकि, आनन-फानन में लोग उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वह मामूली विवाद क्या था, जिसकी वजह से एमबीबीएस की तैयारी करने वाली एक लड़की ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. दरअसल, शिखा बीते 1 साल से कोटा में मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रही थी. शुक्रवार को शिखा के पिता सर्वेश कुमार उसे मधेपुरा वापस ले जाने के लिए आए थे.
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शिखा अपने पिता से कह रही थी कि उसकी किताबों को यहीं छोड़ दिया जाए. वो वापस यहां आकर पढ़ाई कर लेगी, लेकिन उसके पिता कह रहे थे कि हॉस्टल का किराया ज्यादा है. ऐसे में किताबों को वापस ले चलते हैं.जब वह वापस आएगी तब यहां पर दोबारा भेज दी जाएगी. इसी बात को लेकर बाप बेटी में मनमुटाव हो गया. इसी के बाद वह हैवेल्स रेजिडेंसी हॉस्टल की पांचवी मंजिल से नीचे कूद गई.
हेवन्स रेजिडेंसी के मैनेजर फूलचंद धाकड़ ने बताया कि सर्वेश यादव रिसेप्शन पर ही बेटी शिखा के नीचे आने का इंतजार कर रहे थे. तभी किसी ने कहा कि एक लड़की बिल्डिंग से कूदने की कोशिश कर रही है. ऐसे में वह भी बाहर निकल आए तो देखा की वह छात्रा शिखा ही थी. फूलचंद ने बताया कि उनके दूसरे मैनेजर बृजमोहन, हॉस्टल वार्डन किरण और गार्ड भी बाहर आकर उसे बिल्डिंग से न कूदने के लिए आवाज देने लगे. एक दो लोग ऊपर की तरफ उसे पकड़ने के लिए दौड़े, लेकिन शिखा ने किसी की भी बात नहीं सुनी.
पिता के सामने ही उसने ऊपर से छलांग लगा दी. वहां मौजूद उसके पिता सर्वेश और हॉस्टल वार्डन किरण सहित अन्य लोगों ने भी उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए. जमीन पर गिरते ही शिखा की मौत हो गई.
शिखा कक्षा ग्यारहवीं में पढ़ाई कर रही थी. इसके साथ ही वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी कर रही थी. शिखा ने शुक्रवार शाम को हॉस्टल के मेस में खाना भी खाया था. उसके साथ में कोचिंग कर रही अन्य छात्राओं के साथ बातचीत भी की. उसने दोस्तों से बताया था कि उसके पिता उसे लेने आ रहे हैं. इस दौरान वह नार्मल ही नजर आ रही थी.
उसके साथ कोचिंग कर रही छात्राओं का कहना है कि ऐसा नहीं लगता था कि वह इस तरह का कोई कदम उठा लेगी. सर्वेश यादव शिखा के हॉस्टल के नजदीक स्थित ब्वॉयज हॉस्टल में ठहरे हुए थे. उनकी दोपहर 12:00 बजे के आस-पास ही वापसी के लिए ट्रेन भी थी. सुबह शिखा को लेने के लिए उसके पिता हॉस्टल पहुंच गए. शिखा का बैग भी पैक होकर रिसेप्शन पर आ गया था. पिता सर्वेश यादव रिसेप्शन पर ही बैठे हुए थे. तभी यह घटना हो गई.
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