लखीसराय: बिहार के लखीसराय के कवैया थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी नर्सिंग होम में प्रसव के बाद महिला की तबीयत खराब (Poor Condition of Woman After Delivery) हो गयी. जिसके बाद नर्सिंग होम के चिकित्सकों ने महिला को पटना रेफर कर दिया. वहीं, पटना ले जाते समय रास्ते में महिला की मौत (Woman Dies in Lakhisarai) हो गयी. इसकी जानकारी होने पर मृतका के परिजन नर्सिंग होम पहुंच गये और चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप (Woman Dies Due to Doctors Negligence in Lakhisarai ) लगाकर हंगामा करने लगे. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
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जानकारी के मुताबिक, कवैया थाना क्षेत्र के रहने वाले गुलशन कुमार की पत्नी आरती कुमारी को डिलीवरी के लिए एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था. डिलीवरी के चार दिन बाद आरती कुमारी की तबीयत खराब होने पर चिकित्सक पटना रेफर कर दिये. रास्ते में ले जाते समय महिला ने दम तोड़ दिया.
बता दें कि लखीसराय में 3 दर्जन से अधिक प्राइवेट नर्सिंग होम हैं. नर्सिंग होम चलाने को लेकर सिविल सर्जन के पास 21 ने आवेदन दिया है, लेकिन केवल एक नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन है. इसके बाद भी खुलेआम दर्जनों अवैध नर्सिंग होम संचालित (Illegal Nursing Home Operated in Lakhisarai) हो रहे हैं. जिससे आए दिन लोगों की मौत हो रही, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. सिविल सर्जन देवेंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि लखीसराय में दर्जनों नर्सिंग होम हैं, लेकिन एक नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन है. वहीं, सिविल सर्जन ने इस मामले की जानकारी होने से इंकार किया है.
मृतका आरती कुमार की बहन ने बताया कि ऑपरेशन के बाद एक बार भी चिकित्सक देखने नहीं आये और न ही हालचाल लिया गया. मामला गंभीर होने के बाद पटना रेफर करने की बात कही गई. जिसके बाद उसकी मौत हो गयी.
वहीं, मृतका के पति गुलशन कुमार ने बताया कि नर्सिंग होम में इलाज के नाम पर 35000 की वसूली की गई. चार दिनों तक इलाज करने के बाद बिना गार्जियन के चिकित्सक और कंपाउंडर जबरदस्ती पटना ले जाने लगे. इस दौरान रास्ते में ही आरती की मौत हो गई. मौत की खबर सुनते ही चिकित्सक के दो कर्मी हाथीदह गांव के पास गाड़ी रोक कर भाग गए. इससे साफ जाहिर होता है कि इलाज के दौरान लापरवाही की गयी है.
इस पूरे मामले में एसआई शैलेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टरों के देखरेख में इलाज चल रहा था. गंभीर बीमारी होने के कारण पटना रेफर किया गया और रास्ते में ही मौत हो गई. फिलहाल इस मामले में अस्पताल की ओर से जवाब आना बाकी है.
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