ETV Bharat / state

लखीसरायः लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन, छठव्रतियों ने तोड़ा निर्जला उपवास

लखीसराय जिले के सभी छठ घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा था. हजारों श्रद्धालु अपने घर से दंडवत करते हुए छठ घाट तक पहुंचे और भगवान सूर्य की पूजा की.

लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन
author img

By

Published : Nov 3, 2019, 8:13 PM IST

लखीसरायः चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का अनुठा अनुष्ठान छठ पर्व रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. छठ मैया को अर्घ्य देने के लिए प्रदेश भर के छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. लोगों ने दूध और जल से भगवान भास्कर को श्रद्धा का अर्घ्य अर्पित किया.

अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ छठ का महापर्व
लखीसराय जिले के सभी छठ घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा था. हजारों श्रद्धालु अपने घर से दंडवत करते हुए छठ घाट तक पहुंचे और भगवान सूर्य की पूजा की. जो लोग गंगा या पवित्र नदियों में बने छठ घाटों पर नहीं जा सके, उन्होंने घर के पास तालाब या गड्ढे बनाकर उसमें खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा की.

लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन

सुरक्षा के किये गए थे पुख्ता इंतजाम
महापर्व छठ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे. वहीं शहर को सेक्टरों में बांटकर विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस जवानों को लगाया गया था. इसके अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मियों की विभिन्न घाटों पर तैनाती की गई थी. वहीं हर घाट पर मेडिकल टीम तैनात थी. सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया था.

lakhisarai
छठ पर की गई थी घाटों की सजावट

लखीसरायः चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का अनुठा अनुष्ठान छठ पर्व रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. छठ मैया को अर्घ्य देने के लिए प्रदेश भर के छठ घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. लोगों ने दूध और जल से भगवान भास्कर को श्रद्धा का अर्घ्य अर्पित किया.

अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ छठ का महापर्व
लखीसराय जिले के सभी छठ घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा था. हजारों श्रद्धालु अपने घर से दंडवत करते हुए छठ घाट तक पहुंचे और भगवान सूर्य की पूजा की. जो लोग गंगा या पवित्र नदियों में बने छठ घाटों पर नहीं जा सके, उन्होंने घर के पास तालाब या गड्ढे बनाकर उसमें खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा की.

लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन

सुरक्षा के किये गए थे पुख्ता इंतजाम
महापर्व छठ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हो इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे. वहीं शहर को सेक्टरों में बांटकर विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस जवानों को लगाया गया था. इसके अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मियों की विभिन्न घाटों पर तैनाती की गई थी. वहीं हर घाट पर मेडिकल टीम तैनात थी. सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया था.

lakhisarai
छठ पर की गई थी घाटों की सजावट
Intro:. सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ छठ, व्रतियों ने 36 घंटे बाद खोला उपवास

छठघाट पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस टीम रही मुश्तैद

शहर को सेक्टरों में बांटकर विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट,एवं पुलिस पदाधिकारी और व्यापक पुलिस जवानों को लगाया गया था। इसके अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मियों को विभिन्न घाटों पर थी तैनाती।Body:लखीसराय। बिहार

स्लग... सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ छठ, व्रतियों ने 36 घंटे बाद खोला उपवास

छठघाट पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस टीम रही मुश्तैद

Anchor..रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सूर्योपासना और लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न। छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और परिवार के सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। व्रतियों ने छठी मइया का प्रसाद खाकर 36 घंटे का उपवास तोड़ा। घाटों पर लोगों को छठी मइया द्वारा प्रसाद दिया गया।

लखीसराय जिले के सभी छठ घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालु अपने घर से दंडवत करते हुए छठ घाट तक पहुंचे और भगवान सूर्य की पूजा की। जो लोग गंगा या पवित्र नदियों में बने छठ घाटों पर नहीं जा सके, उन्होंने घर के पास तालाब या गड्ढे बनाकर उसमें खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा की

छठवर्तीयों ने सूर्य को अर्घ्य दिया और जिले वासियों के लिए भी सुख-समृद्धि हेतु कामना की।

महापर्व छठ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न, इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

शहर को सेक्टरों में बांटकर विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट,एवं पुलिस पदाधिकारी और व्यापक पुलिस जवानों को लगाया गया था। इसके अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मियों को विभिन्न घाटों पर थी तैनाती।


हर घाट पर मेडिकल टीम तैनात
सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश।


चार दिनों तक चला है महापर्व
छठ।नहाय खाय से इसकी शुरूआत, खरना करती हैं और प्रसाद खाने के बाद उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास, अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व संपन्न। व्रती गंगाजल या पवित्र नदियों का जल पीकर 36 घंटे का उपवास तोड़ा।
क्यों करते हैं छठी मइया की पूजा?
ऐसी मान्यता है छठ व्रत को करने से स्कंद माता व कुमार कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं। पुराणों में कहा गया है कि षष्ठी देवी यानी छठी मइया ब्रह्माजी की मानस पुत्री है जिनका नाम देवसेना है। देवसेना का विवाह भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय के साथ हुआ है। स्कंद कुमार कार्तिकेय का दूसरा नाम है। कार्तिकेय के साथ अंक 6 बहुत ही अद्भुत संयोग है। इनका जन्म षष्ठी तिथि को हुआ था। इनके मुख भी छह है। इनका पालन पोषण भी 6 कृतिकाओं ने मिलकर किया है। इससे इनकी माता की संख्या भी मानी जाती है। यही वजह है कि छठ पूजा से कुमार कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं।Conclusion:लखीसराय। बिहार

स्लग... सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हुआ छठ, व्रतियों ने 36 घंटे बाद खोला उपवास

छठघाट पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस टीम रही मुश्तैद

Anchor..रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सूर्योपासना और लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न। छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और परिवार के सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। व्रतियों ने छठी मइया का प्रसाद खाकर 36 घंटे का उपवास तोड़ा। घाटों पर लोगों को छठी मइया द्वारा प्रसाद दिया गया।

लखीसराय जिले के सभी छठ घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों श्रद्धालु अपने घर से दंडवत करते हुए छठ घाट तक पहुंचे और भगवान सूर्य की पूजा की। जो लोग गंगा या पवित्र नदियों में बने छठ घाटों पर नहीं जा सके, उन्होंने घर के पास तालाब या गड्ढे बनाकर उसमें खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा की

छठवर्तीयों ने सूर्य को अर्घ्य दिया और जिले वासियों के लिए भी सुख-समृद्धि हेतु कामना की।

महापर्व छठ शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न, इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

शहर को सेक्टरों में बांटकर विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट,एवं पुलिस पदाधिकारी और व्यापक पुलिस जवानों को लगाया गया था। इसके अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मियों को विभिन्न घाटों पर थी तैनाती।


हर घाट पर मेडिकल टीम तैनात
सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश।


चार दिनों तक चला है महापर्व
छठ।नहाय खाय से इसकी शुरूआत, खरना करती हैं और प्रसाद खाने के बाद उनका 36 घंटे का निर्जला उपवास, अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व संपन्न। व्रती गंगाजल या पवित्र नदियों का जल पीकर 36 घंटे का उपवास तोड़ा।
क्यों करते हैं छठी मइया की पूजा?
ऐसी मान्यता है छठ व्रत को करने से स्कंद माता व कुमार कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं। पुराणों में कहा गया है कि षष्ठी देवी यानी छठी मइया ब्रह्माजी की मानस पुत्री है जिनका नाम देवसेना है। देवसेना का विवाह भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय के साथ हुआ है। स्कंद कुमार कार्तिकेय का दूसरा नाम है। कार्तिकेय के साथ अंक 6 बहुत ही अद्भुत संयोग है। इनका जन्म षष्ठी तिथि को हुआ था। इनके मुख भी छह है। इनका पालन पोषण भी 6 कृतिकाओं ने मिलकर किया है। इससे इनकी माता की संख्या भी मानी जाती है। यही वजह है कि छठ पूजा से कुमार कार्तिकेय प्रसन्न होते हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.