किशनगंज: जिला पदाधिकारी से आदिवासी मुलाकात करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन मुलाकात नहीं हो पाने पर सभी रेलवे स्टेशन की ओर कूच हो गये. सैकड़ों की तादाद में आदिवासी रविवार सुबह यहां जमा हो गये.
आदिवासियों ने किया विरोध प्रदर्शन
आदिवासियों ने सरना धर्म की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक जाम कर घंटों प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की वजह से घंटों ट्रेनों का परिचालन ठप रहा. रेलवे ट्रैक को जाम कर अपनी मांगों को लेकर इन लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. काफी मशक्कत के बाद आदिवासियों को समझा-बुझाकर करीब 1 घंटे बाद रेलवे ट्रैक खाली करवाया गया.
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सरना धर्म की मांग
रेलवे ट्रैक जाम होते ही आरपीएफ जीआरपी और बिहार पुलिस के जवान स्टेशन में पहुंच गये. आदिवासी नेताओं ने बताया भारत में 2021 जनगणना का वर्ष है, जिसने भारत देश के आदिवासियों को अब तक धार्मिक पहचान और मान्यता के साथ शामिल होने का अधिकार प्राप्त नहीं है. जबकि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत यह मौलिक अधिकार है.
ट्रेनों के परिचालन पर असर
आदिवासियों का कहना है कि मांग नहीं माने जाने तक आने वाले समय में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा और अपनी मांग को लेकर सड़क पर आदिवासी आते रहेंगे. किशनगंज स्टेशन में रेलवे ट्रैक जाम होने से किशनगंज-सिलीगुड़ी, किशनगंज- मालदा, किशनगंज-कटिहार के यातायात घंटों तक बाधित रहे. इन रूटों पर कई स्टेशनों पर ट्रेन फंसे रहे.