किशनगंजः जिले में सदर अस्पताल में नवनिर्मित ट्रामा सेंटर उद्घाटन के एक दिन बाद ही संवेदक के कर्मी ने ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. इसके बाद अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. वहीं, ट्रामा सेंटर बंद होने के कारण कोरोना जांच के लिए पहुंचे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
ट्रामा सेंटर के अंदर आईसीयू में भर्ती कोरोना के दो मरीज की स्थिति भी गंभीर हो गई, जबकि ट्रामा सेंटर में कोरोना जांच कर रहे कर्मी भी अदंर बंधक बन कर रह गए. इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. वहीं, आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी सदर अस्पताल पहुंच गए और निर्माण कंपनी के कर्मी को समझा-बुझाकर ट्रामा सेंटर के मुख्य द्वार पर जड़े ताले को खुलवाया.
फंड रिलीज नहीं होने से संवेदक नाराज
निर्माण कंपनी मेसर्स कनिका सिमकॉन प्राइवेट लिमिटेड पटना के इंजीनियर प्रकाश कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से प्राप्त नक्शा और एकड़ नामा के अनुसार ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. ट्रामा सेंटर में आंतरिक और वाह्य विद्युतीकरण, सैनिटेशन, ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन, फर्नीचर आपूर्ति की भी आपूर्ति कर दी गई है. एसजीएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता द्वारा ट्रामा सेंटर का पर्यवेक्षण कर योजना प्रमाण पत्र भी निर्गत कर दिया गया है. लेकिन अभी तक हैंड ओवर का कागज लिए भटक रहे हैं. इस कारण फंड रिलीज नहीं होने से संवेदक नाराज हैं.
क्या कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डॉक्टर नंदन ने बताया कि कागजात में कमी रहने के कारण भवन को हैंड ओवर नहीं लिया गया है. कागजातों की जांच की जा रही है. जल्द हैंड ओवर ले लिया जाएगा. बता दें कि भले ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार 22 सितंबर को ट्रामा सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन कर दिया. लेकिन 4 अगस्त को ही किशनगंज जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने ट्रामा सेंटर का फीता काटकर कोविड सेंटर का उद्घाटन किया था. इसी ट्रामा सेंटर के अंदर आईसीयू के 6 वेंटीलेटर लगे हुए हैं, जिसमें कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाता है.