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चुनावी मुद्दा: इस गांव में नहीं पहुंची सड़क, बेटियों की शादी में रोड बना रोड़ा

गांव के बुजुर्गों का आरोप है कि 70 साल तक उन्हें विकास के नाम पर सिर्फ ठगा गया है. चाहे किसी भी पार्टी के नेता हो, वे सिर्फ वादा करते है और चुनाव जीतने के बाद कोई खोज-खबर नहीं लेते हैं.

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Published : Apr 16, 2019, 1:24 PM IST

जर्जर हाल में सड़क

किशनगंज: जिले के पोठीया प्रखंड के सिन्घिमारि गांव स्थित पंचायत भवन में आजादी के 70 सालों बाद भी सड़क नहीं है. इस गांव में किसी बेटी की शादी नहीं होने का कारण भी सड़क का नहीं होना है. इतने सालों से ग्रामीण केवल विकास की बाट जोह रहे हैं. मौसम कोई भी हो हालात ऐसे ही रहते हैं.

जीत के बाद कोई नहीं आता गांव
ग्रामीणों का कहना है कि वे हर चुनाव में मतदान करते हैं लेकिन आज तक उन्हें उनके हिस्से की सुविधा नहीं मिली है. लोगों का कहना है कि हर उम्मीदवार सड़क बनाने का दावा करता है लेकिन इलेक्शन में जीत हासिल करने के बाद वह नेता दुबारा उस गांव की तरफ रुख तक नहीं करता है. बहरहाल ग्रामीणों ने थक हारकर इस बार चुनाव मतदान नहीं करने का मन मनाया है.

बदहाली की कहानी सुनाते ग्रामीण

डरा-धमका कर लेते हैं वोट
ग्रामीणों का आरोप है कि नेता उन्हें डराकर वोट लेते हैं. कहते हैं कि अगर हमें वोट नहीं देंगे तो दूसरा नेता यहां के निवासियों को बंगलादेशी घोषित कर देगा. मजबूरन हम मतदान करते हैं. इस गांव का विकास से कोई नाता नहीं है.
गांव के बुजुर्गों का आरोप है कि 70 साल तक उन्हें विकास के नाम पर सिर्फ ठगा गया है. चाहे किसी भी पार्टी के नेता हो, वे सिर्फ वादा करते है और चुनाव जीतने के बाद कोई खोज-खबर नहीं लेते हैं.

मतदान के लिए बन रही कामचलाऊ सड़क
बता दें कि इस पंचायत में ही पोलिंग बूथ है. लेकिन, वहां पर जाने तक का रास्ता भी नहीं है. जब ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया और चुनाव बहिस्कार की बात कही, तब जिला प्रशासन ने पोलिंग बूथ पर जाने के लिए काम चलाऊ सड़क के निर्माण का आदेश दिया है.

किशनगंज: जिले के पोठीया प्रखंड के सिन्घिमारि गांव स्थित पंचायत भवन में आजादी के 70 सालों बाद भी सड़क नहीं है. इस गांव में किसी बेटी की शादी नहीं होने का कारण भी सड़क का नहीं होना है. इतने सालों से ग्रामीण केवल विकास की बाट जोह रहे हैं. मौसम कोई भी हो हालात ऐसे ही रहते हैं.

जीत के बाद कोई नहीं आता गांव
ग्रामीणों का कहना है कि वे हर चुनाव में मतदान करते हैं लेकिन आज तक उन्हें उनके हिस्से की सुविधा नहीं मिली है. लोगों का कहना है कि हर उम्मीदवार सड़क बनाने का दावा करता है लेकिन इलेक्शन में जीत हासिल करने के बाद वह नेता दुबारा उस गांव की तरफ रुख तक नहीं करता है. बहरहाल ग्रामीणों ने थक हारकर इस बार चुनाव मतदान नहीं करने का मन मनाया है.

बदहाली की कहानी सुनाते ग्रामीण

डरा-धमका कर लेते हैं वोट
ग्रामीणों का आरोप है कि नेता उन्हें डराकर वोट लेते हैं. कहते हैं कि अगर हमें वोट नहीं देंगे तो दूसरा नेता यहां के निवासियों को बंगलादेशी घोषित कर देगा. मजबूरन हम मतदान करते हैं. इस गांव का विकास से कोई नाता नहीं है.
गांव के बुजुर्गों का आरोप है कि 70 साल तक उन्हें विकास के नाम पर सिर्फ ठगा गया है. चाहे किसी भी पार्टी के नेता हो, वे सिर्फ वादा करते है और चुनाव जीतने के बाद कोई खोज-खबर नहीं लेते हैं.

मतदान के लिए बन रही कामचलाऊ सड़क
बता दें कि इस पंचायत में ही पोलिंग बूथ है. लेकिन, वहां पर जाने तक का रास्ता भी नहीं है. जब ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया और चुनाव बहिस्कार की बात कही, तब जिला प्रशासन ने पोलिंग बूथ पर जाने के लिए काम चलाऊ सड़क के निर्माण का आदेश दिया है.

Intro:किशनगंज- एक ऐसा गांव जहां बेटियों की शादी सिर्फ इस वजह से नहीं होती है क्योंकि उस गांव में जाने के लिए नहीं है कोई आता बरसात की हल्की सी पानी मात्र से आने-जाने का कोई मार्ग नहीं रहता। ये हम नहीं वहां के ग्रामीण अपनी आप बीती स्वय सुना रहे हैं।


Body:किशनगंज-पोठीया प्रखंड के सिन्घिमारि गांव स्थित पंचायत भवन पड़ा जाने के लिए नहीं था कोई रास्ता। बात से पंचायत भवन कि नहीं बल्कि उस गांव में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है ग्रामीण इस इंतजार में अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने उम्मीदवार को जीत आते थे जी जीतने के बाद नेताजी उनके गांव में भी सडक बनवा देंगे लेकिन इलेक्शन में जीत हासिल करने के बाद वह नेता दुबारा उस गांव की तरफ रुक नहीं करते थे।बहरहाल ग्रामीणों ने थक हारकर इस बार चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय बनाया है।
ग्रामीणो का आरोप है की नेता यह बोल कर वोट लेते है की अगर वोट देकर हमे नही जीतवावगे तो दुसरा तुम्हे बंग्लादेशी बना कर यहा से बाहर निकल देंगे।
इस गांव का विकास से कोई नता नही है इस गांव के बुजुर्गों का कहना है कि आजादी के 70 साल बाद भी हमे विकास के नाम पर सिर्फ ठगा गया है,चाहे किसी भी पार्टी के नेता आते है सिर्फ वादा करते है और चुनाव जितने के बाद दोबारा इस गांव में हमारी खैर खबर लेने नही आते है।
जब भी चुनाव आता है तो सभी नेता सिर्फ वादे का लॉलीपॉप देते है,विकास का झूठा वादा करके हमारे वोट ले लेते है,और हम हर बार इस ललच मे दे देते है की इस बार हमे हमारा हक़ मिल जाए।


Conclusion:इस पंचायत मे हो पोलिंग बूथ है वहा पर जाने तक का रास्ता नही था,जब ग्रामीणो ने इसका वीरोध किया और चुनाव बहिस्कार का निर्णय लिया तब जिला प्रशासन ने पोलिंग बूथ पर जाने के लिए काम चलाऊ सड़क का निर्माण करवाने का आदेश दिया।
ग्रामीणो ने आगे कहा की हमारे इलाके मे बरसात के मौशम मे कोई भी आ जा नही सकता क्युंकि सभी क्षेत्र में पानी भर जाता है जिसके कारण आवागमन थप हो जाता है।
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