किशनगंज: जिले के पोठीया प्रखंड के सिन्घिमारि गांव स्थित पंचायत भवन में आजादी के 70 सालों बाद भी सड़क नहीं है. इस गांव में किसी बेटी की शादी नहीं होने का कारण भी सड़क का नहीं होना है. इतने सालों से ग्रामीण केवल विकास की बाट जोह रहे हैं. मौसम कोई भी हो हालात ऐसे ही रहते हैं.
जीत के बाद कोई नहीं आता गांव
ग्रामीणों का कहना है कि वे हर चुनाव में मतदान करते हैं लेकिन आज तक उन्हें उनके हिस्से की सुविधा नहीं मिली है. लोगों का कहना है कि हर उम्मीदवार सड़क बनाने का दावा करता है लेकिन इलेक्शन में जीत हासिल करने के बाद वह नेता दुबारा उस गांव की तरफ रुख तक नहीं करता है. बहरहाल ग्रामीणों ने थक हारकर इस बार चुनाव मतदान नहीं करने का मन मनाया है.
डरा-धमका कर लेते हैं वोट
ग्रामीणों का आरोप है कि नेता उन्हें डराकर वोट लेते हैं. कहते हैं कि अगर हमें वोट नहीं देंगे तो दूसरा नेता यहां के निवासियों को बंगलादेशी घोषित कर देगा. मजबूरन हम मतदान करते हैं. इस गांव का विकास से कोई नाता नहीं है.
गांव के बुजुर्गों का आरोप है कि 70 साल तक उन्हें विकास के नाम पर सिर्फ ठगा गया है. चाहे किसी भी पार्टी के नेता हो, वे सिर्फ वादा करते है और चुनाव जीतने के बाद कोई खोज-खबर नहीं लेते हैं.
मतदान के लिए बन रही कामचलाऊ सड़क
बता दें कि इस पंचायत में ही पोलिंग बूथ है. लेकिन, वहां पर जाने तक का रास्ता भी नहीं है. जब ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया और चुनाव बहिस्कार की बात कही, तब जिला प्रशासन ने पोलिंग बूथ पर जाने के लिए काम चलाऊ सड़क के निर्माण का आदेश दिया है.