ETV Bharat / state

किशनगंज में मिला दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन, सेक्स पावर की दवा में होता है इस्तेमाल

बिहार के किशनगंज के धनतोला में एक दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन (Rare Species Of Pangolin) देखा गया. गांव वालों ने उसे खेतों में देखा और अपने साथ ले आए. हालांकि वन विभाग को ग्रामीणों ने पैंगोलिन को सौंप दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

Rare species of pangolin found in Kishanganj
Rare species of pangolin found in Kishanganj
author img

By

Published : Jul 16, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Jul 16, 2022, 4:53 PM IST

किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले के भारत नेपाल सीमा से सटे एक गांव में दुर्लभ प्रजाति का एक पैंगोलिन (pangolin found in kishanganj) मिला है. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पैंगोलिन मिलने की वन विभाग को दी और वन विभाग ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है. पैंगोलिन के सैलाब के साथ बहकर आने की आशंका जतायी जा रही है. वहीं जानकारी के मुताबिक इसे अररिया के रानीगंज वाटिका (Araria Raniganj Vatika) में छोड़ा जाएगा.

पढ़ें- VTR से दुर्लभ प्रजाति के 2 पैंगोलिन बरामद, सेक्स पावर की दवा में होता है इस्तेमाल

किशनगंज से मिला दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन: दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत (Digalbank Block Dhantola Panchayat) अंतर्गत सीमावर्ती गांव कजला (Pangolin Found In Kajla Village) में शुक्रवार को इस दुर्लभ पैंगोलिन को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लोगों की मानें तो यह एक विलुप्त हो रहे प्रजाति का पैंगोलिन है. खेत पर विचरण करते हुए इस पैंगोलिन पर लोगों की नजर पड़ी और उसके बाद ग्रामीणों ने इसे पकड़ लिया. उसके बाद वन विभाग को इसी सूचना दी गई. वन विभाग दुर्लभ प्रजाति के इस जीव को अपने साथ लेकर चली गई है.

ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंपा: कहा जाता है कि यह एक विलुप्त हो रही प्रजाति है, जो मानव को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है. पैंगोलिन अक्सर रात के समय में ही भोजन की तलाश में बाहर निकलता है. लोगों को आशंका है कि यह दुर्लभ जीव नेपाल के जंगलों से भटक कर खेतों में आ गया होगा. ग्रामीणों से पैंगोलिन को वन विभाग ठाकुरगंज के उप वन परिसर पदाधिकारी मनोज उरांव को सौंप दिया.

भारत में पाया जाता है इंडियन और चीनी पैंगोलिन: इंडियन और चीनी पैंगोलिन भारत में पाया जाता है. इसे सल्लू सांप के नाम से भी पुकारा जाता है. पैंगोलिन जानवर का इस्तेमाल ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में किया जाता है. पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजार में होती है. इसका प्रयोग यौनवर्धक दवाओं के साथ कई अन्य तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है. इसके एक किलो मांस की कीमत करीब 27 हजार रुपये तक होती है.

किशनगंज: बिहार के किशनगंज जिले के भारत नेपाल सीमा से सटे एक गांव में दुर्लभ प्रजाति का एक पैंगोलिन (pangolin found in kishanganj) मिला है. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पैंगोलिन मिलने की वन विभाग को दी और वन विभाग ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है. पैंगोलिन के सैलाब के साथ बहकर आने की आशंका जतायी जा रही है. वहीं जानकारी के मुताबिक इसे अररिया के रानीगंज वाटिका (Araria Raniganj Vatika) में छोड़ा जाएगा.

पढ़ें- VTR से दुर्लभ प्रजाति के 2 पैंगोलिन बरामद, सेक्स पावर की दवा में होता है इस्तेमाल

किशनगंज से मिला दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन: दिघलबैंक प्रखंड के धनतोला पंचायत (Digalbank Block Dhantola Panchayat) अंतर्गत सीमावर्ती गांव कजला (Pangolin Found In Kajla Village) में शुक्रवार को इस दुर्लभ पैंगोलिन को देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लोगों की मानें तो यह एक विलुप्त हो रहे प्रजाति का पैंगोलिन है. खेत पर विचरण करते हुए इस पैंगोलिन पर लोगों की नजर पड़ी और उसके बाद ग्रामीणों ने इसे पकड़ लिया. उसके बाद वन विभाग को इसी सूचना दी गई. वन विभाग दुर्लभ प्रजाति के इस जीव को अपने साथ लेकर चली गई है.

ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंपा: कहा जाता है कि यह एक विलुप्त हो रही प्रजाति है, जो मानव को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है. पैंगोलिन अक्सर रात के समय में ही भोजन की तलाश में बाहर निकलता है. लोगों को आशंका है कि यह दुर्लभ जीव नेपाल के जंगलों से भटक कर खेतों में आ गया होगा. ग्रामीणों से पैंगोलिन को वन विभाग ठाकुरगंज के उप वन परिसर पदाधिकारी मनोज उरांव को सौंप दिया.

भारत में पाया जाता है इंडियन और चीनी पैंगोलिन: इंडियन और चीनी पैंगोलिन भारत में पाया जाता है. इसे सल्लू सांप के नाम से भी पुकारा जाता है. पैंगोलिन जानवर का इस्तेमाल ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन में किया जाता है. पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतरराष्ट्रीय बाजार में होती है. इसका प्रयोग यौनवर्धक दवाओं के साथ कई अन्य तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है. इसके एक किलो मांस की कीमत करीब 27 हजार रुपये तक होती है.

Last Updated : Jul 16, 2022, 4:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.