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किशनगंज मे बनेगा बिहार का सबसे बड़ा मत्स्य रेफरल लैबोरेटरी, PM ने किया शिलान्यास

डॉ. कलाम कृषि कॉलेज परिसर में बने बने मत्स्य कॉलेज में प्रदेश का सबसे बड़ा एक्वेटिक रेफरल लैबोरेटरी बनेगा. इसमें मछली रोग, जल की गुणवत्ता, भोजन की प्रकृति और मिट्टी की जांच की जा सकेगी. इससे किसानों को काफी फायदा होगा.

किशनगंज
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Published : Sep 10, 2020, 5:42 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 11:06 PM IST

किशनगंज: पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के सबसे बड़े एक्वेटिक रेफरल लैबोरेटरी का शिलान्यास किया. यह लैबोरेटरी जिले में डॉ. कलाम कृषि कॉलेज परिसर में बने बने मत्स्य कॉलेज में बनेगा. इसके माध्यम से छात्र-छात्राएं प्रायोगिक ज्ञान अर्जित कर मछली पर विभिन्न तरह के प्रयोग कर सकेंगे.

किशनगंज
कार्यकर्म में शामिल अधिकारी और अन्य लोग

यह लैबोरेटरी प्रधानमंत्री मत्स्य विकास योजना के अंतर्गत बनने जा रही है. जिसका कुल बजट 10 करोड़ रुपए है. इसके तहत चार लैबोरेटरी का विकास किया जाएगा. जिसमें मछली रोग, जल की गुणवत्ता, भोजन की प्रकृति और मिट्टी की जांच की जा सकेगी. इससे किसानों को काफी फायदा होगा.

पैदावार में होगा बढ़ोतरी
मत्स्य पालकों को मछली रोग की वजह से करीब 20फीसदी पैदावार का नुकसान हो जाता है, लेकिन इस प्रयोगशाला के बन जाने के बाद मछली रोग से होने वाला नुकसान काफी कम हो जाएगा और पैदावार भी बढ़ेगी.

पेश है रिपोर्ट

बिहार में राजेंद्र कृषि कॉलेज मे छोटी प्रयोगशाला थी, लेकिन किशनगंज में बनने वाली प्रयोगशाला काफी बड़ी और रेफरल होगी. यहां कई उच्च कोटि के उपकरण होंगे और सभी तरह के मत्स्य रोगो की जांच हो सकेगी. कार्यक्रम में बीजेपी के विधान पार्षद डॉ दिलिप जायसवाल, किशनगंज विधायक कमरुल होदा, किशनगंज डीएम और एसपी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

किशनगंज: पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के सबसे बड़े एक्वेटिक रेफरल लैबोरेटरी का शिलान्यास किया. यह लैबोरेटरी जिले में डॉ. कलाम कृषि कॉलेज परिसर में बने बने मत्स्य कॉलेज में बनेगा. इसके माध्यम से छात्र-छात्राएं प्रायोगिक ज्ञान अर्जित कर मछली पर विभिन्न तरह के प्रयोग कर सकेंगे.

किशनगंज
कार्यकर्म में शामिल अधिकारी और अन्य लोग

यह लैबोरेटरी प्रधानमंत्री मत्स्य विकास योजना के अंतर्गत बनने जा रही है. जिसका कुल बजट 10 करोड़ रुपए है. इसके तहत चार लैबोरेटरी का विकास किया जाएगा. जिसमें मछली रोग, जल की गुणवत्ता, भोजन की प्रकृति और मिट्टी की जांच की जा सकेगी. इससे किसानों को काफी फायदा होगा.

पैदावार में होगा बढ़ोतरी
मत्स्य पालकों को मछली रोग की वजह से करीब 20फीसदी पैदावार का नुकसान हो जाता है, लेकिन इस प्रयोगशाला के बन जाने के बाद मछली रोग से होने वाला नुकसान काफी कम हो जाएगा और पैदावार भी बढ़ेगी.

पेश है रिपोर्ट

बिहार में राजेंद्र कृषि कॉलेज मे छोटी प्रयोगशाला थी, लेकिन किशनगंज में बनने वाली प्रयोगशाला काफी बड़ी और रेफरल होगी. यहां कई उच्च कोटि के उपकरण होंगे और सभी तरह के मत्स्य रोगो की जांच हो सकेगी. कार्यक्रम में बीजेपी के विधान पार्षद डॉ दिलिप जायसवाल, किशनगंज विधायक कमरुल होदा, किशनगंज डीएम और एसपी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

Last Updated : Sep 10, 2020, 11:06 PM IST
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