किशनगंज: गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी किशनगंज पहुंचे. जहां शाहीन बाग की तर्ज पर सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहे अनिश्चितकालीन धरने में लोगों को संबोधित किया. ये धरना संविधान बचाओ-देश बचाओ के बैनर तले पिछले कई दिनों से लगातार चल रहा है.
'आजादी की लड़ाई के बाद की सबसे बड़ी लड़ाई'
जिग्नेश मेवानी ने कहा कि ये लड़ाई आजादी की लड़ाई के बाद की सबसे बड़ी लड़ाई है. इस लड़ाई में जो साथ नहीं होगा, उसे कल के दिन में गद्दार करार दिया जाएगा. मेवानी ने कहा कि ये लड़ाई लोकतंत्र को बचाने के लिए हैं. वहीं, उन्होंने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को मजहब के नाम पर भेदभाव वाला कानून बताया है. इस कानून के माध्यम से नरेंद्र मोदी और अमित शाह देश को टुकड़े में बांटना चाह रहे हैं. आपस में लोगों को धर्म और जाति के नाम पर लड़ाकर लोगों को देश के असली मुद्दों से भटकाना चाहते हैं.
'माता-पिता का पहचान पत्र दिखाए'
जिग्नेश मेवानी ने लोगों से कहा कि आपलोग शपथ लीजिए की अगर आपसे कोई भी कागज मांगता है तो आपलोग उसको कागज नही देंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि भाजपा वाले सबसे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी की नागरिकता पूछे. जो खुद बर्मा से आए हैं. वो पहले अपने माता-पिता का पहचान पत्र दिखाएं.