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झारखंड जदयू अध्यक्ष देंगे इस्तीफा, सरना धर्म कोड को लेकर नाराजगी

झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू जल्द जदयू का साथ छोड़ देंगे. वे बंगाल चुनाव में टीएमसी को समर्थन करने और भाजपा का विरोध करेंगे.

सालखन मुर्मू
सालखन मुर्मू
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Published : Feb 26, 2021, 9:42 PM IST

किशनगंज: झारखंड में नीतीश कुमार की जदयू को बड़ा झटका लगा है. झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने जल्द जदयू से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. साथ ही बंगाल चुनाव में टीएमसी को समर्थन करने और भाजपा का विरोध करने का एलान कर दिया. जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समझ लें हम जदयू से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि जदयू पार्टी से ज्यादा अहम आदिवासी समाज है. आदिवासियों के प्रति जदयू का रवैया अभी तक टालमटोल वाला है. उस परिस्थिति में मेरे सामने समाज बड़ा है. समाज हित में मेरे समाज को सहयोग देना ज्यादा लाजिमी है. इसलिए मैं जल्द ही जदयू से इस्तीफा देने जा रहा हूं.

ये भी पढ़ें- आत्मनिर्भरता की मिसालः कभी थे फैक्ट्री में टेक्नीशियन, आज हैं फैक्ट्री मालिक

भाजपा आदिवासी की विरोधी पार्टी
झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि भाजपा चूंकि आदिवासी की विरोधी पार्टी है. सरना धर्म कोड विरोधी भी है, ममता बनर्जी ने सरना धर्म कोड का समर्थन किया है. इसलिए हम लोगों ने बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का सर्मथन करने और भाजपा का विरोध करने का फैसला किया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

दिशा बदल सकता है बंगाल चुनाव
उन्होंने कहा कि बंगाल में चुनाव के नतीजे देश की राजनीति की दिशा को बदल सकते हैं. आदिवासियों का भविष्य भी तय कर सकता है. इसलिए इस समय आदिवासी सेंगल अभियान समिति और झारखंड डिशुम पार्टी ने भाजपा के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में अपना कदम बढ़ा दिया है.

भाजपा 2021 की जनगणना में आदिवासियों को जबरदस्ती हिन्दू बनाने पर उतारू है और सबको हिन्दू बताना चाहती है. जबकि आदिवासी हिन्दू नही हैं. आदिवासी मूर्ति पूजक नहीं प्रकृति पूजक हैं. इसलिए बंगाल में हम आदिवासियों को भाजपा के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं.

किशनगंज: झारखंड में नीतीश कुमार की जदयू को बड़ा झटका लगा है. झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने जल्द जदयू से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. साथ ही बंगाल चुनाव में टीएमसी को समर्थन करने और भाजपा का विरोध करने का एलान कर दिया. जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समझ लें हम जदयू से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि जदयू पार्टी से ज्यादा अहम आदिवासी समाज है. आदिवासियों के प्रति जदयू का रवैया अभी तक टालमटोल वाला है. उस परिस्थिति में मेरे सामने समाज बड़ा है. समाज हित में मेरे समाज को सहयोग देना ज्यादा लाजिमी है. इसलिए मैं जल्द ही जदयू से इस्तीफा देने जा रहा हूं.

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भाजपा आदिवासी की विरोधी पार्टी
झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि भाजपा चूंकि आदिवासी की विरोधी पार्टी है. सरना धर्म कोड विरोधी भी है, ममता बनर्जी ने सरना धर्म कोड का समर्थन किया है. इसलिए हम लोगों ने बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का सर्मथन करने और भाजपा का विरोध करने का फैसला किया है.

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दिशा बदल सकता है बंगाल चुनाव
उन्होंने कहा कि बंगाल में चुनाव के नतीजे देश की राजनीति की दिशा को बदल सकते हैं. आदिवासियों का भविष्य भी तय कर सकता है. इसलिए इस समय आदिवासी सेंगल अभियान समिति और झारखंड डिशुम पार्टी ने भाजपा के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में अपना कदम बढ़ा दिया है.

भाजपा 2021 की जनगणना में आदिवासियों को जबरदस्ती हिन्दू बनाने पर उतारू है और सबको हिन्दू बताना चाहती है. जबकि आदिवासी हिन्दू नही हैं. आदिवासी मूर्ति पूजक नहीं प्रकृति पूजक हैं. इसलिए बंगाल में हम आदिवासियों को भाजपा के खिलाफ एकजुट कर रहे हैं.

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