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Bangladeshi Arrest In Kishanganj: 4 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी - बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

किशनगंज में चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार हुए (Four Bangladeshi nationals Arrested In Kishanganj) हैं. किशनगंज स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म पर गणतंत्र दिवस को लेकर आरपीएफ के द्वारा जांच अभियान चलाया जा रहा था. इसी दौरान प्लेटफार्म पर बैठे चार संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया. पढे़ं पूरी खबर...

किशनगंज में चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
किशनगंज में चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
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Published : Jan 19, 2023, 7:14 PM IST

किशनगंज में चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

किशनगंज: बिहार के किशनगंज रेलवे स्टेशन से आरपीएफ ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. उनके संदिग्ध आचरण को देखकर आरपीएफ के जवानों ने चारों से पूछताछ की. उनसे परिचय पत्र संबंधित कागजातों की मांग की. लेकिन उन लोगों ने ना ही कोई कागजात दिखाया और ना ही जवाब संतुष्टजनक दिया. सिर्फ कह रहे थे कि लुधियाना जाना है. जिसके बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया गया.

ये भी पढे़ं- फिरोजाबाद में टका करेंसी के साथ बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, पूछताछ में जुटीं खुफिया एजेंसियां

चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार : आरपीएफ के जवानों ने चारों बांग्लादेशी नागरिकों से पता पूछा तो उन्होंने एक कागज के टुकड़े को निकाल कर उसमें से देखकर अपना पता बताने लगे. जिसमें पता के तौर पर पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला के डाकघर गोलपाड़ा, थाना ग्वालपुखर लिखा था और उसी को देखकर जवाब दे रहे थे. इस पर आरपीएफ को शक होने लगा. तब उन्होंने उनसे वह कागज ले लिया और उसके बाद चारों संदिग्ध व्यक्ति अपना पता नहीं बता पाए.

चारो आरपीएफ को गुमराह करते रहे : आरपीएफ ने चारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ की शुरुआती दौर में चारों बांग्लादेशी ने आरपीएफ को अपनी बातों से गुमराह करते रहे. लेकिन आरपीएफ ने भी पूछताछ जारी रखा. और आखिरकार संदिग्धों ने आरपीएफ के सामने अपनी सच्चाई बताई. उन्होंने कहा कि वो चारों बांग्लादेश के रहने वाले हैं. बुधवार की सुबह यानी 18 जनवरी को बांग्लादेश भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा की तारबेड़ा को पार कर चापदा बाजार बॉर्डर के रास्ते भारत में प्रवेश किए थे.

अवैध रूप से भारत में घुसे थे : चापदा बाजार से पैदल ग्वालपुखर पहुंचे थे और वहां से फटफटी गाड़ी में सवार होकर किशनगंज के कैलटेक्स चौक पहुंचे थे. फिर कैल्टेक्स चौक से रेलवे लाइन पकड़कर स्टेशन पहुंच गए. बुधवार की रात यानी 18 जनवरी को लुधियाना जाने वाले अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार करने लगे. लेकिन इसी बीच आरपीएफ के हत्थे चारों चढ़ गए.

RPF को बताई सच्चाई : चारों ने अपना नाम 34 वर्षीय रबिन चंद्र बर्मन पिता निमाई चंद्र बर्मन गांव सिनीहारी जिला ठाकुरगांव, 23 वर्षीय सुमन दास पिता डीकू दास, गांव छोटा सिघिया जिला ठाकुरगांव, 25 वर्षीय अमल चंद्र वर्मन पिता मंटू बर्मन गांव छोटा सिघिया जिला ठाकुरगांव व 23 वर्षीय मो आजिजुल पिता स्व सौकत अली गांव दामल पश्चिमपाड़ा, जिला ठाकुरगांव बाग्लादेश का बताया. इनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए है. जिसमें एक मोबाइल में डीएक्टिव सीम लगा था. मोबाइल की जांच करने पर बांग्लादेश के नंबर मिले हैं. चारों के पास से इंडियन करेंसी 9 हजार रुपए मिले हैं.

अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पहुंचे किशनगंज : पूछताछ में गिरफ्तार मोहम्मद अजीजुल ने बताया कि इससे पूर्व भी कुछ महीना पहले बांग्लादेश से तारबेड़ा पार कर किशनगंज के रास्ते लुधियाना मजदूरी करने गया था. ये कुछ माह पहले ही वापस बांग्लादेश गया था और इस बार अपने साथ 3 साथी को लुधियाना मजदूरी करने के लिए ले जा रहा था. चारों के पास किसी तरह के ऑथेंटिक डाक्यूमेंट्स नहीं मिले हैं और ना ही कोई कागजात आरपीएफ बरामद कर पाई है.

किशनगंज स्टेशन में बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही कटिहार रेल डीएसपी अविनाश कुमार किशनगंज पहुंचकर मामले की अनुसंधान में जुट गए. चारों से पूछताछ कर रहे हैं. पूछताछ के उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
'बुधवार की रात चारों स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर संदिग्ध अवस्था में हिरासत में लिए गए हैं. ये सब बांग्लादेश के नागरिक हैं. इनके पास से किसी तरह का कोई डॉक्यूमेंट नहीं मिला है. पूछताछ के बाद किशनगंज रेल थाना के हवाले कर दिया जाएगा.' - बीएमधार, आरपीएफ इंस्पेक्टर

जांच एजेंसी मामले की जांच में जुटी : गौरतलब है कि 26 जनवरी से पहले किशनगंज रेलवे स्टेशन से चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार होने से एक बार फिर से जांच एंजेंसियों की चिंता बढ गई है. अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा से सटे किशनगंज रेलवे स्टेशन को अतिसंवेदनशील माना जाता है. ऐसे में ठीक गणतंत्र दिवस से पूर्व बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी कहीं ना कहीं सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़ा कर रही है.

26 जनवरी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी : आरपीएफ और जीआरपी चारों बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ कर रही है. आखिर उनका मनसा क्या था भारत आने का? और किस लिए भारत आए थे?. हालांकि बार-बार पूछताछ में चारों मजदूरी करने लुधियाना जाने की बात कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई क्या है?, इसकी पड़ताल जांच एजेंसी, आरपीएफ और जीआरपी कर रही है.

किशनगंज में चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

किशनगंज: बिहार के किशनगंज रेलवे स्टेशन से आरपीएफ ने चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. उनके संदिग्ध आचरण को देखकर आरपीएफ के जवानों ने चारों से पूछताछ की. उनसे परिचय पत्र संबंधित कागजातों की मांग की. लेकिन उन लोगों ने ना ही कोई कागजात दिखाया और ना ही जवाब संतुष्टजनक दिया. सिर्फ कह रहे थे कि लुधियाना जाना है. जिसके बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार : आरपीएफ के जवानों ने चारों बांग्लादेशी नागरिकों से पता पूछा तो उन्होंने एक कागज के टुकड़े को निकाल कर उसमें से देखकर अपना पता बताने लगे. जिसमें पता के तौर पर पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला के डाकघर गोलपाड़ा, थाना ग्वालपुखर लिखा था और उसी को देखकर जवाब दे रहे थे. इस पर आरपीएफ को शक होने लगा. तब उन्होंने उनसे वह कागज ले लिया और उसके बाद चारों संदिग्ध व्यक्ति अपना पता नहीं बता पाए.

चारो आरपीएफ को गुमराह करते रहे : आरपीएफ ने चारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ की शुरुआती दौर में चारों बांग्लादेशी ने आरपीएफ को अपनी बातों से गुमराह करते रहे. लेकिन आरपीएफ ने भी पूछताछ जारी रखा. और आखिरकार संदिग्धों ने आरपीएफ के सामने अपनी सच्चाई बताई. उन्होंने कहा कि वो चारों बांग्लादेश के रहने वाले हैं. बुधवार की सुबह यानी 18 जनवरी को बांग्लादेश भारत अंतरराष्ट्रीय सीमा की तारबेड़ा को पार कर चापदा बाजार बॉर्डर के रास्ते भारत में प्रवेश किए थे.

अवैध रूप से भारत में घुसे थे : चापदा बाजार से पैदल ग्वालपुखर पहुंचे थे और वहां से फटफटी गाड़ी में सवार होकर किशनगंज के कैलटेक्स चौक पहुंचे थे. फिर कैल्टेक्स चौक से रेलवे लाइन पकड़कर स्टेशन पहुंच गए. बुधवार की रात यानी 18 जनवरी को लुधियाना जाने वाले अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार करने लगे. लेकिन इसी बीच आरपीएफ के हत्थे चारों चढ़ गए.

RPF को बताई सच्चाई : चारों ने अपना नाम 34 वर्षीय रबिन चंद्र बर्मन पिता निमाई चंद्र बर्मन गांव सिनीहारी जिला ठाकुरगांव, 23 वर्षीय सुमन दास पिता डीकू दास, गांव छोटा सिघिया जिला ठाकुरगांव, 25 वर्षीय अमल चंद्र वर्मन पिता मंटू बर्मन गांव छोटा सिघिया जिला ठाकुरगांव व 23 वर्षीय मो आजिजुल पिता स्व सौकत अली गांव दामल पश्चिमपाड़ा, जिला ठाकुरगांव बाग्लादेश का बताया. इनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए है. जिसमें एक मोबाइल में डीएक्टिव सीम लगा था. मोबाइल की जांच करने पर बांग्लादेश के नंबर मिले हैं. चारों के पास से इंडियन करेंसी 9 हजार रुपए मिले हैं.

अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पहुंचे किशनगंज : पूछताछ में गिरफ्तार मोहम्मद अजीजुल ने बताया कि इससे पूर्व भी कुछ महीना पहले बांग्लादेश से तारबेड़ा पार कर किशनगंज के रास्ते लुधियाना मजदूरी करने गया था. ये कुछ माह पहले ही वापस बांग्लादेश गया था और इस बार अपने साथ 3 साथी को लुधियाना मजदूरी करने के लिए ले जा रहा था. चारों के पास किसी तरह के ऑथेंटिक डाक्यूमेंट्स नहीं मिले हैं और ना ही कोई कागजात आरपीएफ बरामद कर पाई है.

किशनगंज स्टेशन में बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही कटिहार रेल डीएसपी अविनाश कुमार किशनगंज पहुंचकर मामले की अनुसंधान में जुट गए. चारों से पूछताछ कर रहे हैं. पूछताछ के उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
'बुधवार की रात चारों स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो पर संदिग्ध अवस्था में हिरासत में लिए गए हैं. ये सब बांग्लादेश के नागरिक हैं. इनके पास से किसी तरह का कोई डॉक्यूमेंट नहीं मिला है. पूछताछ के बाद किशनगंज रेल थाना के हवाले कर दिया जाएगा.' - बीएमधार, आरपीएफ इंस्पेक्टर

जांच एजेंसी मामले की जांच में जुटी : गौरतलब है कि 26 जनवरी से पहले किशनगंज रेलवे स्टेशन से चार बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार होने से एक बार फिर से जांच एंजेंसियों की चिंता बढ गई है. अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा से सटे किशनगंज रेलवे स्टेशन को अतिसंवेदनशील माना जाता है. ऐसे में ठीक गणतंत्र दिवस से पूर्व बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी कहीं ना कहीं सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़ा कर रही है.

26 जनवरी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी : आरपीएफ और जीआरपी चारों बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ कर रही है. आखिर उनका मनसा क्या था भारत आने का? और किस लिए भारत आए थे?. हालांकि बार-बार पूछताछ में चारों मजदूरी करने लुधियाना जाने की बात कर रहे हैं. लेकिन सच्चाई क्या है?, इसकी पड़ताल जांच एजेंसी, आरपीएफ और जीआरपी कर रही है.

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