किशनगंज : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किशनगंज में BSF, SSB व ITBP के DG व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक (Amit Shah Meeting In Kishanganj) की. सीमा सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ वहां की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी व हर सम्भव सुविधाएं सुरक्षा बलों की दी जा रही हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की सीमाओं को मजबूत करने को शीर्ष प्राथमिकता दी है. यही कारण है कि मौजूदा शासन के तहत इन इलाकों में बुनियादी ढांचा विकास पर खर्च बढ़ा है. नेपाल की सीमा से लगे बिहार के किशनगंज जिले में फतेहपुर चौकी पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के कर्मियों को संबोधित करते हुए शाह ने देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा की पहरेदारी कर रहे जवानों की कल्याण जरूरतों के प्रति केंद्र के संवेदनशील होने का भी उल्लेख किया.
''2008 और 2014 के बीच, सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये सीमा पर बुनियादी ढांचे पर खर्च किये गये. बाद में, यह प्रतिवर्ष बढ़ कर 6,000 करोड़ रुपये हो गया. केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तहत सीमावर्ती बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 44,600 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इसके चलते सीमावर्ती सड़कों की कुल लंबाई 3.5 गुना बढ़ गई.''- अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री
अमित शाह ने कहा कि सीमा पर तैनात हमारे कर्मी राष्ट्रीय आपदा के समय और कानून व्यवस्था से जुड़ी स्थितियों में भी योगदान देते हैं. सरकार ने इसे महसूस किया है और उन्हें तथा उनके परिवार को बेहतर सुविधाएं मुहैया करने पर काम रही है. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि एसएसबी जवानों ने उत्साह के साथ हर घर तिरंगा अभियान में भाग लिया और नागरिकों को 10 लाख तिरंगा वितरित किया.
''सरसरी तौर पर देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि नेपाल और भूटान जैसे मित्र देशों के साथ लगी सीमा की पहरेदारी करने के कारण एसएसबी का काम आसान है. लेकिन हम जानते हैं कि आपके समक्ष आने वाली चुनौतियां कम नहीं हैं क्योंकि बाड़ रहित इलाकों में गश्त करना कठिन है. स्थानीय लोगों में आपकी छवि और सद्भावना एक अहम भूमिका निभाती है.''- अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री