खगड़िया: जिले में लोग कोरोना के कहर और बाढ़ की तबाही से परेशान हैं. इस परिस्थिति में जहां जिला प्रशासन के कर्मियों को बढ़ चढ़कर पीड़ितों की मदद करनी चाहिए. वहीं कर्मी कोरोना महामारी की बात कह कर पीड़ित की बात सुनने को तैयार नही हैं.
अवैध नाव पर यात्रा
बता दें बाढ़ आने के बाद जिले के दर्जनों जगहों पर नौका चलने लगी. कहीं सरकारी तो कहीं सरकारी कार्यालय की ओर से निबंधित नाव चल रही है. लेकिन बताया जा रहा है कि मांग किए जाने के बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में नाव उपलब्ध नहीं कराए गए. जिस कारण लोग अवैध घाट से अवैध नाव पर यात्रा करने को मजबूर हैं.
9 लोगों की मौत
जिले के मानसी थाना क्षेत्र में अवैध और ओवरलोड नाव मंगलवार की शाम आंधी की चपेट में आकर गंडक में समा गई. जिस पर सवार लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों में से दर्जन भर लोग तैरकर बाहर निकल गए. जबकि सुबह 9 लोगों के शव को बरामद किया गया. वहीं अभी भी दो शव के लापता होने की बात बताई जा रही है.
अवैध नाव का संचालन
हादसे के बाद भी प्रशासन सतर्क नहीं हुई. कई घाटों पर अभी भी चोरी से अवैध नाव का संचालन हो रहा है. बाढ़ से पूर्व भी टीकारामपुर दियारा, सोनवर्षा दियारा, इंग्लिश टोला, सोसाइटी टोला के लोग मानसी और खगड़िया बाजार से अपनी जरूरतों की सामाग्री खरीदते थे. बाढ़ के दौरान भी नाव के माध्यम से लोग इन्हीं बाजार पर आश्रित हैं.
खतरे की आशंका
लोगों को आबादी के हिसाब से नाव उपलब्ध किया जा रहा है. जिसकी अभी इन लोगों को सबसे अधिक जरूरत है. नाव कम रहने से नाविक ओवरलोड नाव चलाते हैं. जिससे अभी भी खतरे की आशंका बनी रहती है. हालांकि जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर दो अवैध नाव संचालक पर प्राथमिकी दर्ज की है. प्रशासन को पीड़ितों के लिए आबादी के हिसाब से नावों की व्यवस्था करने की जरूरत है.