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यहां लगता है प्रदेश के दूसरा सबसे बड़ा मेला, होता है दंगल का आयोजन - wrestling competition

खगड़िया में आयोजित मेला पूरे क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. इस मेले में कुश्ती का भी आयोजन किया जाता है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं.

खगड़िया
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Published : Nov 8, 2019, 1:09 PM IST

खगड़िया: जिले में गोपाष्टमी के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर यहां दंगल का आयोजन किया जाता है. इस दंगल में पूरे उत्तर भारत से प्रतिभागी शामिल होते हैं. इसे देखने के लिए लोगों की यहां काफी भीड़ जुटती है.

जिले में गोपाष्टमी के अवसर पर हर एक साल मेले का आयोजन किया जाता है. यह मेला पूरे क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. इस अवसर पर कुश्ती का भी आयोजन किया जाता है. इसे देखने के लिए लोग यहां दूर-दूर से पहुंचते हैं. इस दंगल में पूरे उत्तर भारत से प्रतिभागी शामिल होते हैं. इसके साथ यहां लकड़ी के सामान भी काफी प्रसिद्ध हैं.

स्थानीय लोगों का बयान

स्थानीय कमेटी करती है आयोजन
इस मेले को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मेला 131 सालों से यहां आयोजित किया जा रहा है. यह मेला इस पूरे क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है. इस मेले का कुश्ती पूरे क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. इसे स्थानीय कमिटी के तरफ से संचालित किया जाता है. इसके साथ यहां रह रहे 176 गाय और 8 सांड का रख रखाव भी कमेटी की तरफ से किया जाता है.

खगड़िया: जिले में गोपाष्टमी के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर यहां दंगल का आयोजन किया जाता है. इस दंगल में पूरे उत्तर भारत से प्रतिभागी शामिल होते हैं. इसे देखने के लिए लोगों की यहां काफी भीड़ जुटती है.

जिले में गोपाष्टमी के अवसर पर हर एक साल मेले का आयोजन किया जाता है. यह मेला पूरे क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. इस अवसर पर कुश्ती का भी आयोजन किया जाता है. इसे देखने के लिए लोग यहां दूर-दूर से पहुंचते हैं. इस दंगल में पूरे उत्तर भारत से प्रतिभागी शामिल होते हैं. इसके साथ यहां लकड़ी के सामान भी काफी प्रसिद्ध हैं.

स्थानीय लोगों का बयान

स्थानीय कमेटी करती है आयोजन
इस मेले को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मेला 131 सालों से यहां आयोजित किया जा रहा है. यह मेला इस पूरे क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है. इस मेले का कुश्ती पूरे क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. इसे स्थानीय कमिटी के तरफ से संचालित किया जाता है. इसके साथ यहां रह रहे 176 गाय और 8 सांड का रख रखाव भी कमेटी की तरफ से किया जाता है.

Intro:


Body:खगड़िया में इन दिनों एक अलग सा माहौल बना हुआ है चारो तरफ भीड़ -भाड़ और लोगो के जुबान पर एक ही चर्चा सुनने को मिल रही है। ये चर्चा बिहार के दूसरे प्रसिद्ध मेला गोपास्टमी मेला और उसमें होने वाली कुश्ती प्रतियोगिता को ले कर है।
आप को बता दे कि बिहार में सोनपुर मेला सब से प्राचीन और प्रसिद्ध है लेकिन खगड़िया की जनता और मेला के मेम्बरों के अनुसार खगड़िया का गोपास्टमी मेला बिहार का दूसरा प्रसिद्ध मेला है।और फरकिया के लिए सान की बात है। ये गोपास्टमी मेला इस वर्ष 131वा मेला है इस मेले का सब से प्रसिद्ध चीज कुश्ती ही है पहले यंहा काठ के समान सब से प्रसिद्ध हुआ करता था लेकिन समय के साथ लोगो ने अपना पसन्द बदल लिया और कुश्ती को ज्यादा तरजीह देने लगे। यंहा के कुश्ती परतयोगिता में उत्तर भारत के सभी राज्यो से पहलवान आते है और अपना बल आजमाते है,हरियाणा,देल्ही उत्तरप्रदेश,पंजाब,झारखंड,और भी कई जिला है जंहा से पहलवान आये है और यंहा कुश्ती में भाग्य आजमा रहे है।मेला संचालकों के कहना है कि ये मेला और कुश्ती पूरे फरकिया के लिए सान की बात है यंहा पूरे बिहार के लोग आते है खरीदारी करने भी और कुश्ती देखने भी। आप को बता दे कि यंहा एक गौशाला है जिसमे में 176 गाय और 8 सांड है इसी गौशाला के जमीन पर गौशाला मेला का आयोजन किया जाता है और मेला खत्म होने के बाद जो कमिटी के पास पैसे बचते है उसको गौ सेवा में लगया जाता है


Conclusion:
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