खगड़िया: जिले में एक तरफ जहां 1 लाख 32 हजार आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी तरफ बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. इलाके में जलस्तर बढ़ने लगा है. लोग पन्नी लगातर किसी तरह गुजर-बसर कर रहे है.
एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ आसमान से बरस रही आफत से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. पहले ही घरों में चार फीट से ज्यादा पानी लगा लगा हुआ था. अब बारिश होने से पानी का लेवल और भी बढ़ गया है. लोग सड़कों के किनारों अपना आशियाना बनाएं हुए हैं.
प्रशासन की अनदेखी
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. लगभग एक सप्ताह से ये परेशान हैं लेकिन इनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई भी अधिकारी अब तक उनकी सुध लेने नहीं आया. प्रशासन द्वारा न तो आवागमन के लिये नाव की व्यवस्था की गई और न ही किसी प्रकार की अन्य सुविधाएं ही दी गई हैं.
सामुदायिक किचन का नहीं मिल रहा लाभ
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग सरकारी स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए शुरू की गई भोजन की व्यवस्था से भी महरूम हैं. एक सामुदायिक किचन खोला गया है जो काफी दूर है. ऐसे में सभी का वहां जाकर खाना खाना संभव नहीं हो पाता है. लगातार हो रही बारिश के कारण वो छोटे-छोटे बच्चों को साथ नहीं ले जाते हैं.
राहत शिविर के नाम पर खानापूर्ति
जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लोगों का कहना है कि पिछले चार महीने से बाढ़ से निपटने के लिए समीक्षा बैठक हो रही थी, लेकिन जब बाढ़ की स्थिती विकराल हुई तो सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. कहीं भी किसी प्रकार की सुविधा बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंची. सरकार की ओर से एक पन्नी भी मुहैया नहीं कराई गई है. लोग खुद के पैसों से पन्नी रखीदकर रह रहे हैं. सिर्फ राहत शिविर में भोजन के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.