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खगड़िया: कुदरत की दोहरी मार झेल रहे बाढ़ पीड़ित, प्रशासन की उदासीन रवैये से मायूस

बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. न तो आवागमन के लिये नाव की व्यवस्था की गई और न ही किसी प्रकार की अन्य सुविधाएं ही दी गई हैं.

खगड़िया में बाढ़
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Published : Sep 28, 2019, 11:58 AM IST

खगड़िया: जिले में एक तरफ जहां 1 लाख 32 हजार आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी तरफ बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. इलाके में जलस्तर बढ़ने लगा है. लोग पन्नी लगातर किसी तरह गुजर-बसर कर रहे है.

एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ आसमान से बरस रही आफत से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. पहले ही घरों में चार फीट से ज्यादा पानी लगा लगा हुआ था. अब बारिश होने से पानी का लेवल और भी बढ़ गया है. लोग सड़कों के किनारों अपना आशियाना बनाएं हुए हैं.

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खगड़िया में बाढ़

प्रशासन की अनदेखी
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. लगभग एक सप्ताह से ये परेशान हैं लेकिन इनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई भी अधिकारी अब तक उनकी सुध लेने नहीं आया. प्रशासन द्वारा न तो आवागमन के लिये नाव की व्यवस्था की गई और न ही किसी प्रकार की अन्य सुविधाएं ही दी गई हैं.

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सड़क किनारे गुजर-बसर करने को मजबूर लोग

सामुदायिक किचन का नहीं मिल रहा लाभ
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग सरकारी स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए शुरू की गई भोजन की व्यवस्था से भी महरूम हैं. एक सामुदायिक किचन खोला गया है जो काफी दूर है. ऐसे में सभी का वहां जाकर खाना खाना संभव नहीं हो पाता है. लगातार हो रही बारिश के कारण वो छोटे-छोटे बच्चों को साथ नहीं ले जाते हैं.

कुदरत की दोहरी मार झेल रहे बाढ़ पीड़ित

राहत शिविर के नाम पर खानापूर्ति
जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लोगों का कहना है कि पिछले चार महीने से बाढ़ से निपटने के लिए समीक्षा बैठक हो रही थी, लेकिन जब बाढ़ की स्थिती विकराल हुई तो सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. कहीं भी किसी प्रकार की सुविधा बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंची. सरकार की ओर से एक पन्नी भी मुहैया नहीं कराई गई है. लोग खुद के पैसों से पन्नी रखीदकर रह रहे हैं. सिर्फ राहत शिविर में भोजन के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

खगड़िया: जिले में एक तरफ जहां 1 लाख 32 हजार आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी तरफ बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. इलाके में जलस्तर बढ़ने लगा है. लोग पन्नी लगातर किसी तरह गुजर-बसर कर रहे है.

एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ आसमान से बरस रही आफत से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है. पहले ही घरों में चार फीट से ज्यादा पानी लगा लगा हुआ था. अब बारिश होने से पानी का लेवल और भी बढ़ गया है. लोग सड़कों के किनारों अपना आशियाना बनाएं हुए हैं.

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खगड़िया में बाढ़

प्रशासन की अनदेखी
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं मिली है. लगभग एक सप्ताह से ये परेशान हैं लेकिन इनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई भी अधिकारी अब तक उनकी सुध लेने नहीं आया. प्रशासन द्वारा न तो आवागमन के लिये नाव की व्यवस्था की गई और न ही किसी प्रकार की अन्य सुविधाएं ही दी गई हैं.

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सड़क किनारे गुजर-बसर करने को मजबूर लोग

सामुदायिक किचन का नहीं मिल रहा लाभ
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग सरकारी स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए शुरू की गई भोजन की व्यवस्था से भी महरूम हैं. एक सामुदायिक किचन खोला गया है जो काफी दूर है. ऐसे में सभी का वहां जाकर खाना खाना संभव नहीं हो पाता है. लगातार हो रही बारिश के कारण वो छोटे-छोटे बच्चों को साथ नहीं ले जाते हैं.

कुदरत की दोहरी मार झेल रहे बाढ़ पीड़ित

राहत शिविर के नाम पर खानापूर्ति
जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लोगों का कहना है कि पिछले चार महीने से बाढ़ से निपटने के लिए समीक्षा बैठक हो रही थी, लेकिन जब बाढ़ की स्थिती विकराल हुई तो सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. कहीं भी किसी प्रकार की सुविधा बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंची. सरकार की ओर से एक पन्नी भी मुहैया नहीं कराई गई है. लोग खुद के पैसों से पन्नी रखीदकर रह रहे हैं. सिर्फ राहत शिविर में भोजन के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

Intro:एक तरफ जंहा खगड़िया में 1 लाख 32 हजार की आबादी बढ़ से बुरी तरह प्रभावित है तो वंही दूसरी तरफ बारिश ने लोगो का जीना मोहाल कर दिया है। नीचे से बढ़ का पानी और ऊपर से कुदरत ने बारिश के रूप में आफत दिया हैBody:एक तरफ जंहा खगड़िया में 1 लाख 32 हजार की आबादी बढ़ से बुरी तरह प्रभावित है तो वंही दूसरी तरफ बारिश ने लोगो का जीना मोहाल कर दिया है। नीचे से बढ़ का पानी और ऊपर से कुदरत ने बारिश के रूप में आफत दिया है। पहले से खगड़िया के घर के अंदर चार फीट से ज्यादा बाढ़ का पानी और उपर से दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी बढ़ा दी है। वही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पीड़ितों के साथ नकारात्मक रवैये से पीड़ितों में आक्रोश है। पीड़ितों ने कहा कि बाढ़ के पानी ने तो घर से बेघर कर ही दिया, अब बारिश ने हम पीड़ितों की परेशानी बढ़ा दी है। बारिश के कारण पीडितों को पॉलीथीन के टेंट में भी रहना दुभर हो गया है।
बाढ़ पीड़ितों का कहना कि जिस सरकार को चुनकर हम आगे भेजते हैं कि हमारें दुःख की घड़ी में हमारा साथ देंगी और हमारी परेशानियों को दूर करेगी, लेकिन हमारे दुःख की घड़ी में सभी साथ छोड़ दिये हैं।वंही जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लोगो का कहना है कि पिछलें चार माह सें बाढ सें निपटनें के लिए समीक्षा बैठक कर रही थी, लेकिन जब बाढ़ की स्थिती विकराल हुई तो सारी तैयारी धरी की धरी रह गई। कही भी किसी प्रकार की सुविधा बाढ़ पीड़ितों तक नही पहुंच पाई है।सिर्फ राहत शिविर में भोजन के नाम पर खानापूर्ति किया जा रहा है।
पीड़ितो ने कहा कि बाढ़ के पानी से बचने के लिए उॅचे स्थानों पर टेंट बनाकर जैसे तैसे रह रहे है, लेकिन बुधवार की रात से हो रही रिमझिम बारिश ने हमारी परेशानी काे बढ़ा दिया है।Conclusion:
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