खगड़ियाः जम्मू-कश्मीर के मेंढर सेक्टर में ग्रेनेड विस्फोट में शहीद हुए कैप्टन आनंद (Captain Anand dead body reached in shiromani village) का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव शिरोमणी पहुंचा, जहां मौजूद सैकड़ों की संख्या में लोगों ने उन्हें नम आखों से श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वहां मौजूद लोग हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जयकार किया, साथ ही शहीद कैप्टन अमर रहे के नारे भी लगाए. गांव में श्रद्धांजलि देने के बाद अगुवानी गंगा घाट पर आज ही उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
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राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कारः कैप्टन के स्वागत में गांव के पूरे इलाके में शहीद आनंद की फोटो लगाई गई है और गांव चारों ओर तिरंगा से पटा हुआ है. गांव में प्रवेश करने वाले हर मार्ग पर तोरण द्वार बनाया गया है जहा तिरंगा लगा हुआ है. बताते चलें कि कल शाम में कैप्टन आनंद का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा था, जिसे रात में दानापुर कैंट में रखा गया था. सुबह उनके पार्थिव शरीर को खगड़िया लाया गया और गांव में आखिरी दर्शन के लिए रखा गया. गांव में श्रद्धांजली देने के बाद अगुवानी गंगा घाट पर आज ही उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. स्थानीय लोगों ने सारी तैयारी कर रखी है और सेना के परंपरा के अनुसार आज उनको अंतिम विदाई दी जाएगी.
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"गरीब परिवार से हमलोग ताल्लुक रखते हैं, सिपाही की नौकरी थी, साधन संपन्न नहीं थे. किसी तरह बच्चे को पढ़ाया. सपना था कि देश सेवा में भेजें, हम भी तो वर्दी की ही खाते हैं, इसीलिए वहीं से प्रेणा मिली की बेटे को भी सेना में भेजें. लास्ट 17 जुलाई को 2 बजे बात हुई थी, कह रहा था मन नहीं लग रहा है, मैनें कहा अभी घर से गए हो, चार पांच दिन लगेगा फिर सब ठीक हो जाएगा. हमें गर्व है कि देश की सेवा में मेरा बेटा शहीद हुआ"- मधुकर सनगही, शहीद के पिता
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पुंछ में ग्रेनेड विस्फोट से हुए थे शहीदः बता दें कि 17 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में लाइन आफ कंट्रोल पर हुए ग्रेनेड विस्फोट के बाद कैप्टन आनंद अपने 6 साथियों के साथ जख्मी हो गये थे. जिन्हें हेलिकॉप्टर से तत्काल उधमपुर सेना अस्पताल लाया गया था. जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. कैप्टन आनंद के शहादत की खबर जैसे ही फोन के माध्यम से परिवार के लोगों को मिली घर में कोहराम मच गया. शहीद की मां ममता देवी जहां रोते रोते बेहोश हो रही हैं, वहीं पिता ढाढस बंधाने की कोशिश में लगे हैं. पिता मधुकर सनगही बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं और अभी सिपाही ट्रेनिंग कैंप में तैनात हैं, जो अपने बेटे की शहादत पर गर्व महसूस कर रहे हैं.